इस युनिवर्सिटी में सिफ़र् 7 हजार रुपए सालाना में होती है एमबीबीएस की पढ़ाई

2018-09-01 0

शिक्षा जगत में अपनी अलग पहचान बनाने वाले एएमयू में एमबीबीएस की सालाना फीस मात्र 7000 रुपए है। जबकि इंजीनियरिंग की सालाना फीस मात्र तीन हजार रुपए देय करनी होती है। इसके अलावा अन्य प्रमुख कोर्सों की फीस भी अन्य विश्वविद्यालयाें के मुकाबले काफी कम है। 

एएमयू की गिनती देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में की जाती है। रैंकिग की बात करें तो इसमें भी विश्वविद्यालय किसी से पीछे नहीं है। पिछले कई बार से टॉप-10 में अपनी जगह बना रहे हैं। एएमयू में दाखिले के लिए भारी मारामारी रहती है। विभिन्न देशों के लोग दाखिले की कतार में रहते हैं, लेकिन दाखिला सिर्फ मेरिट के आधार पर ही होता है। इसके चलते कम मेधावियों को ही इस विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने का अवसर मिल पाता है। यूनिवर्सिटी से अध्ययन करने वाले छात्र-छात्रएं वर्तमान में देश-विदेश के उच्च पदों पर आसीन हैं। प्लेसमेंट की बात करें तो उपाधि पर विश्वविद्यालय की मुहर लगते ही विद्यार्थियों को प्लेसमेंट में भी किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। आसानी से छात्र-छात्रओं को देश-विदेश के नामचीन कम्पनियों में चयन हो जाता है। 



भारत के साथ ही विदेशी छात्र-छात्रएं भी एएमयू में पढ़ाई करने को बेताब रहते हैं लेकिन सीमित सीटों के चलते ज्यादातर को मायूस ही लौटना पड़ता है। जिन विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने का अवसर मिल पाता है वह स्वयं को बेहद भाग्यशाली मानते हैं। भाग्यशाली मानें भी क्यों न, इस विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के लिए फीस नाममात्र है। निजी कॉलेजों को जहां मेडिकल की पढ़ाई के लिए कई लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं, वहीं इस विश्वविद्यालय में यह पढ़ाई मात्र सात हजार रुपए सालाना में ही हो जाती है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए निजी कॉलेज जहां डोनेशन के के साथ लाखों रुपए खर्च करके दाखिला पाते हैं, वहीं एएमयू में यह कोर्स मात्र तीन हजार रुपए सालाना फीस पर हो जाता है। ऐसे ही अन्य कई प्रमुख कोर्स शामिल हैं, जो बेहद कम फीस पर होते हैं। 

अभिभावकों को नहीं रहती किसी तरह की टेंशन

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्रओं के अभिभावकों को किसी तरह की परेशानी नहीं रहती है। एक बार बच्चे का दाखिला विश्वविद्यालय में कराने के बाद अभिभावक चैन की सांस लेते हैं। यहां से पढ़ाई करने वाले अधिकतर विद्यार्थियों ने उच्च पदों पर आसीन होकर ही सफलता हासिल की है। 



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