भारत को रूस से सैन्य करार की छूट देगा अमेरिका

भारत की रूस से करीब 30 हजार करोड़ रुपए का सौदा कर 5 एस-400 ट्रम्प एयर डिफ़ेंस सिस्टम खरीदने में दिलचस्पी
भारत को छूट देने के लिए अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कांग्रेस को पत्र लिखा थाअमेरिका का कानून उसके दुश्मन देश से कारोबार के लिए रोकता है। वाशिंगटनः अमेरिकी सीनेट एक कानून में बदलाव कर भारत को बड़ी राहत दी। जॉन मैकेन नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट, 2019 नाम के इस बिल के जरिए अब अमेरिका भारत को रूस से रक्षा समझौते करने की छूट देगा। इससे पहले अमेरिका कई बार भारत को रूस के साथ कारोबार करने पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दे चुका था। हालांकि, दोनों देशों के बीच लगातार बेहतर होते सैन्य रिश्तों की वजह से अमेरिका पर भारत को छूट देने का दबाव बढ़ रहा था। दूसरी तरफ इसी बिल के जरिए अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती कर दी है। पहले उसे 75 करोड़ डॉलर (करीब 5 हजार करोड़ रुपए) दिये जाते थे, लेकिन अब 15 करोड़ डॉलर (करीब 1 हजार करोड़) दिए जाएंगे। पाकिस्तान को यह मदद आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दी जाती है। आतंकियों पर मन मुताबिक कार्रवाई नहीं करने की वजह से अमेरिका उससे खफा है। इसी वजह से यह कटौती की गई।
बस ट्रम्प के दस्तखत होना बाकीः कांग्रेस में पास होने के बाद अब इस बिल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हस्ताक्षर करने होंगे ताकि इसे कानून के रूप में लागू किया जा सके। इसके जरिए भारत को ‘काट्सा’ कानून के सेक्शन 231 से छूट मिलेगी। भारत को कानून में छूट देने के लिए खुद रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कांग्रेस को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि भारत अगर रूस से 30 हजार करोड़ रुपए का एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदता है और इस वजह से अगर भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो इससे अमेरिका का ही नुकसान होगा।
पाकिस्तान पर दबाव नहीं बना पाएगा
अमेरिकाः अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद में कमी की है लेकिन इसकी वजह से अब पाक उसे हक्कानी नेटवर्क और बाकी आतंकी संगठनों पर की जाने वाली कार्रवाई के सबूत देने के लिए बाध्य नहीं होगा। सीनेट आर्म्ड सर्विस में काम कर चुके अनीश गोयल के मुताबिक, पेंटागन अब पाकिस्तान पर आतंक विरोधी कार्रवाई के लिए दबाव नहीं बना सकेगा।