बेटी बचाओ-बेटी पढाओं

2018-09-01 0

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढाओं अभियान शुरू करने के बाद हरियाणा प्रदेश के लिंगानुपात में तेजी से सुधार हुआ

गुरूग्राम, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढाओं अभियान शुरू करने के बाद हरियाणा प्रदेश के लिंगानुपात में तेजी से सुधार हुआ है। जहां वर्ष-2005 मेें हरियाणा का लिंगानुपात एक हजार लड़कों के मुकाबले 825 लड़कियों का था वहीं यह लिंगानुपात वर्ष 2016 मेें एक हजार लड़कों के मुकाबले 900 लड़कियों का तथा वर्ष 2017 में एक हजार लड़काें के मुकाबले 914 लड़कियों का हो गया है। आंकड़े दर्शाते हैं कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू होने के बाद हरियाणा में वर्ष-प्रतिवर्ष लिंगानुपात में सुधार हो रहा है। हरियाणा प्रदेश में इतनी तेजी से लिंगानुपात में हो रहे सुधार पर देश में ही नही विदेशों में भी शोधकर्ताओं को इसका विश्लेषण करने पर मजबूर कर दिया है कि आिऽर यह कैसे संभव हुआ। हाल ही में ‘लंदन स्कूल आफ हाईजीन एण्ड ‘ट्रॉपिकल मैडिसिन’ द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘हैल्थ पॉलिसी एण्ड प्लानिंग‘ में हरियाणा के लिंगानुपात में सुधार पर अध्ययन संबंधित लेऽ छपा। इस लेऽ का शीर्षक था- ‘बालिकाओं को बचाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कार्यक्रम का असरः हरियाणा राज्य से ‘बेटी बचाओ - बेटी पढाओ’ अभियान का अनुभव’। यह लेऽ 8 अगस्त 2018 को पत्रिका में प्रकाशित हुआ था, जिसमें कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा लड़कियों को पढ़ाने व उन्हें बचाने के लिए राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान किया गया जिसके तहत भ्रूण की लिंग जांच करने वालाें पर सख्ती बरती गई और पीसी पीएनडीटी एक्ट तथा एमटीपी एक्ट कड़ाई से लागू करने के साथ साथ सामाजिक चेतना लाई गई। लेऽ में यह भी कहा गया है कि यह अभियान लागू होने के बाद हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात में उल्लेऽनीय सुधार देऽा गया है। शोधकर्ता ने सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम से आंकड़े लेकर बेटी बचाओं बेटी पढाओ कार्यक्रम के प्रभाव का हरियाणा में गहराई से अध्ययन किया और पाया कि यहां पर जनवरी-2005 में 1000 लड़कों के विरुद्ध 827 लड़कियों का जो लिंगानुपात था उसमें सितंबर-2016 में सुधार होकर लड़कियों की संख्या 900 तक पहुंच गई थी। यह आंकड़ा दर्शाता है कि जन्म के समय लिंगानुपात में 1-696 प्रति माह की बढ़ोतरी हुई।



यदि वर्ष 2018 की बात की जाए तो जनवरी 2018 से लेकर जून 2018 तक हरियाणा में लिंगानुपात एक हजार लड़काें के मुकाबले 916  लड़कियों का दर्ज किया गया है। राज्य के गुरुग्राम सहित 8 जिलों मे इन छह महीनों की अवधि में इस दिशा में प्रगति सराहनीय रही और इन जिलों का लिंगानुपात 916 से अधिक दर्ज किया गया। इनमें कैथल जिला में  जन्म के समय लिंगानुपात 950, यमुनानगर में यह 945, कुरुक्षेत्र जिला में 939, सोनीपत में 933, सिरसा में 926, गुरुग्राम में 931, हिसार में 916, रेवाड़ी में 926 रहा। इस अवधि में लिंगानुपात की दृष्टि से ऽराब प्रदर्शन करने वालों में फतेहाबाद में जन्म के समय लिंगानुपात सबसे कम 870 तथा झज्जर में 881 जबकि महेंद्रगढ में 880 व रोहतक में यह अनुपात 897 दर्ज किया गया। इन चार जिलों के अलावा, बाकी बचे प्रदेश के 17 जिलों में जनवरी से लेकर जून-2018 तक लिंगानुपात 900 के आंकड़े से उपर रहा। 

गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रतापसिंह ने कहा कि जिला में वर्ष-2015 से जन्म के समय लिंगानुपात में अप्रत्याशित सुधार देऽा जा रहा है जोकि जिला टास्कफोर्स के प्रयासों के फलस्वरूप हुआ है। यह टास्कफोर्स पीसी पीएनडीटी तथा एमटीपी एक्ट की सख्ती से पालना सुनिश्चित करती है। उन्होंने कहा कि जिला में पीएनडीटी एक्ट तथा एमटीपी एक्ट को सख्ती से लागू किया जा रहा है जिसके चलते वर्ष-2015 से लेकर अब तक जिला में एक्ट की अवहेलना करने वालों के िऽलाफ 30 एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है , जिनमें से 16 एफआईआर पीसी पीएनडीटीपी एक्ट तथा 14 एफआईआर एमटीपी एक्ट के तहत दर्ज की गई हैैं। उन्होंने बताया कि टीम द्वारा ना केवल गुरुग्राम में बल्कि अंतर्राज्यीय रेड जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा उत्तरांचल में भी की गई हैं ताकि कन्या भ्रूण की जांच करने वाले लोगों पर नकेल कसी जा सके।  



ये भी पढ़े:




मासिक-पत्रिका

अन्य ख़बरें

न्यूज़ लेटर प्राप्त करें