नौकरी से निकाले जाने पर खड़ी की 3300 करोड़ की कम्पनी, बन गया एक मिसाल

जब किसी व्यत्तिफ़ की नौकरी छूट जाती है, तो
वे परेशान हो जाते हैं। कई बार वह डिप्रेशन में जाकर गलत कदम उठा लेते हैं, लेकिन
आज हम आपको एक ऐसे व्यत्तिफ़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने
न सिर्फ जीवन मे सफलता हासिल की बल्कि हर किसी के लिए एक मिसाल बन गए हैं।
साल 2008 की मंदी में 35 वर्षीय एक व्यत्तिफ़ की नौकरी चली गई
थी। काम न होने के बाद उन्होंने अपनी जमापूंजी 52 हजार रुपए (800
डॉलर) से नई कंपनी की शुरुआत की, और 10 साल में ही
उनकी कंपनी की वैल्यू 3300 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है।
35 वर्षीय टिम चेन अमेरिका के रहने वाले हैं, उन्होने
स्टैनफोर्ड से ग्रैजुएट कंप्लीट किया हुआ है। मंदी के दौरान टिम चेन साल 2008
में बेरोजगार हो गए थे। क्रिसमस की जब हर कोई ऽुशियां मना रहा था तब चेन को पता
चला कि उसकी नौकरी चली गई है। इस बात से वह बहुत आहत हुए क्योंकि उन्होंने इस
नौकरी से बहुते से सपने संजोये थे।
लेकिन जब आज के समय में वह अपने बीते समय को याद करते हैं, तो
वह उस पल को बहुत अच्छा मानते हैं, क्योंकि यदि
उनके साथ वह सब कुछ नहीं होता तो, वह एक सफल एंत्रप्रेन्योर नहीं बन
पाते। 2010 में चेन ने पर्सनल फाइनेंस वेबसाइट नर्डवॉलट की शुरुआत की जिसके बाद
उनकी सफलता की कहानी की शुरुआत हुई।
चेन को नर्डवॉलेट को प्रारम्भ करने का आइडिया अपनी बहन से मिला। उनकी
बहन ने चेन को मेल करते हुए कहा की एक क्रेडिट कार्ड के बारे में जानकारी निकाले
जिसकी फॉरेन ट्रांजैक्शन फीस सबसे कम हो। लेकिन गूगल पर भी इस बारे में कुछ पता
नहीं चला था।
इन्टरनेट से कोई जानकारी हासिल नहीं होने पर उन्होंने अपने
फाइनेंशियल अनुभव का इस्तेमाल करते हुये जानकारी एकत्रित करते हुए अपनी बहन की
सहायता की। इस काम से चेन को स्वयं की कंपनी ऽोलने का आइडिया आया था।
अपनी बहन की सहायता के दौरान उन्हें इस बात की जानकारी हुई की
फाइनेंशियल
सर्विसेज में क्या समस्या आती है। उन्होंने इस पर विचार करते हुये
विभिन्न फाइनेंशियल सर्विसेज के फायदे और नुकसान की जानकारी को एकत्रित कर लोगों
को बताने के लिए नर्डवॉलेट नाम से अपना एक स्टार्टअप शुरू किया।
नर्डवॉलेट नामक अपनी वेबसाइट पर उन्हें प्रतिदिन 16 से 20 घंटे काम करना पड़ता था। पहले वर्ष उन्हे सिर्फ 5 हजार रुपए (75 डॉलर) की इनकम प्राप्त हुई, लेकिन दूसरे साल कंपनी का रेवेन्यू 40 लाऽ रुपए हो गया। जिसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देऽा।