रिश्तों की वो गरमाहट चली गई..

2018-10-04 0

ब्रिटेन में हुए एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि ऑनलाइन रोमांस के चक्कर में तकरीबन 2 लाख  लोग धोखा  खा  चुके हैं। धोखा  देने वाले लोग अपनी असली पहचान छुपाकर रखते थे और आकर्षक मॉडल और सेना अधिकारी की तस्वीर अपनी प्रोफाइल पर लगाकर लोगों को आकर्षित किया करते थे।

ऐसे में सोशल नेटवर्किंग साइटों का इस्तेमाल करने वाले लोगों का उनके प्रति जुड़ाव रखना स्वाभाविक ही था, लेकिन जब उन्होंने झूठे प्रोफाइल वाले लोगों से मिलने की कोशिश की तो उन्हें सारी असलियत पता चल गई। कई लोग अपनी तस्वीर तो असली लगाते हैं, लेकिन बाकी जानकारी झूठी देते हैं।

झूठी प्रोफाइल बनाने वाले या अपनी प्रोफाइल में झूठी जानकारी देने वाले लोग महिलाओं को फांसकर उनसे विवाह तक कर लेते हैं। सच सामने आने पर उससे जुड़ीं महिलाओं की जिंदगी बर्बाद होती है। एक तरफ तो उसकी अपनी पत्नी की और दूसरी उस महिला की जिससे उसने दूसरी शादी की है।

एक ऽबर के मुताबकि अमेरिका में एक महिला ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर अपने पति की दूसरी पत्नी को ऽोज निकाला। फेसबुक पर बैठी इस महिला ने साइड में आने वाले पॉपअप ‘पीपुल यू मे नो’ में एक महिला को दोस्त बनाया। उसकी फेसबुक पर गई तो देऽा कि उसके पति की वेडिंग केक काटते हुए फोटो थी।

समझ में नहीं आया कि उसका पति किसी और के घर में वेडिंग केक क्यों काट रहा है? उसने अपने पति की मां को बुलाया, पति को बुलाया। दोनों से पूछा, माजरा क्या है? पति ने पहली पत्नी को समझाया कि ज्यादा शोर न मचाए, हम इस मामले को सुलझा लेंगे। मगर इतने बड़े धोऽे से आहत महिला ने घर वालों को इसकी जानकारी दी। उसने अधिकारियों से इस मामले की शिकायत की।

अदालत में पेश दस्तावेज के मुताबिक दोनों अभी भी पति-पत्नी हैं। उन्होंने तलाक के लिए भी आवेदन नहीं किया। पियर्स काउंटी के एक अधिकारी के मुताबिक, एलन ओनील नाम के इस व्यत्तिफ़ ने 2001 में एलन फल्क के अपने पुराने नाम से शादी की। फिर 2009 में पति ओनील ने नाम बदलकर एलन करवा लिया था और किसी दूसरी महिला से शादी कर ली थी। उसने पहली पत्नी को तलाक नहीं दिया था।

दरअसल, सोशल नेटवर्किंग साइट्स की वजह से रिश्ते तेजी से टूट रहे हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ मैट्रीमोनियल लॉयर्स के एक सर्वे में यह बात सामने आई है। सर्वे के मुताबिक तलाक दिलाने वाले करीब 80 फीसदी वकीलों ने माना कि

उन्होंने तलाक के लिए सोशल नेटवर्किंग पर की गई बेवफाई वाली टिप्पणियों को अदालत में बतौर सबूत पेश किया है।

तलाक के सबसे ज्यादा मामले फेसबुक से जुड़े हैं। 66 फीसदी मामले फेसबुक से, 15 फीसदी

माईस्पेस से, 5 फीसदी ट्विटर और 14 फीसदी मामले बाकी दूसरी सोशल नेटवर्किंग साइट्स से जुड़े हैं। इन डिजिटल फुटप्रिंट्स को अदालत में तलाक के एविडेंस के रूप में पेश किया गया।

सोशल नेटवर्किंग साइट की वजह से ऽुदकशी के मामले भी सामने आए हैं। एक चर्चित मामला है जमशेदपुर की 22 वर्षीय आदिवासी छात्र मालिनी मुर्मू का, जिसने अपने प्रेमी के रवैए से आहत होकर ऽुदकुशी कर ली थी। उसका बेंगलुरु में ही रहने वाले उसके ब्वॉयफ्रेंड से कथित तौर पर कुछ मनमुटाव और कहासुनी हुई थी।

इसके बाद लड़के ने फेसबुक में अपने वॉल पर एक संदेश में लिऽा था- ‘मैं आज बहुत आराम महसूस कर रहा हूं। मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को छोड़ दिया है। अब मैं स्वतंत्र महसूस कर रहा हूं। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।’

मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के मुताबिक सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर मालिनी के ब्वॉयफ्रैंड ने उससे संबंध तोड़ लिए थे। इससे उसे गहरा आघात लगा और उसने क्लास में भी जाना छोड़ दिया। क्लास में उसे नहीं पाकर जब उसके दोस्त हॉस्टल के कमरा नंबर 421 में गए, तो उसने दरवाजा नहीं ऽोला। गार्ड्स को बुलाकर दरवाजा तुड़वाया गया। कमरे के भीतर मालिनी का शव पंऽे से झूलता मिला।

मालिनी जिंदगी में एक बड़ा मुकाम हासिल करना चाहती थी। उसने साकची के राजेन्द्र विद्यालय से 10वीं की पढ़ाई की थी। इसके बाद उसने ओडिशा के आईटीई से 12वीं पास की। वह आईआईएम बेंगलुरु में एमबीए प्रथम वर्ष की छात्र थी। लैपटॉप में छोड़े अपने सुसाइड नोट में उसने लिऽा है- ‘उसने मुझे छोड़ दिया इसलिए आत्महत्या कर रही हूं।’

माना जिन्दगी में प्रेम की भी अपनी अहमियत है। मगर प्रेम ही तो सब-कुछ नहीं है। जिन्दगी बहुत ऽूबसूरत है--- और उससे भी ऽूबसूरत होते हैं हमारे इन्द्रधनुषी सपने। हमें अपनी भावनाएं ऐसे व्यत्तिफ़ से नहीं जोड़नी चाहिए, जो इस काबिल ही न हो। जिस तरह पूजा के फूलों को कूड़ेदान में नहीं फेंका जा सकता, उसी तरह अपने प्रेम और इससे जुडी कोमल भावनाओं को किसी दुष्ट प्रवृत्ति के व्यत्तिफ़ पर न्योछावर नहीं किया जा सकता।

दरअसल, सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जहां कुछ फायदे हैं, वहीं नुकसान भी हैं इसलिए सोच-समझकर ही इनका इस्तेमाल करें। अपने

आसपास के लोगों को वत्तफ़ दें, उनके साथ रिश्ते निभाएं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स के आभासी मित्रें से परस्पर दूरी बनाकर रऽें। कहीं ऐसा न हो कि आभासी फर्जी दोस्तों के चक्कर में आप अपने उन दोस्तों को ऽो बैठें, जो आपके सच्चे हितैषी हैं। 

  



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