भारत तक आ सकती है आंच !

एसडी गुप्ता की राय है कि अगर चीन-पाकिस्तान में नीति प्रभावित करने की स्थिति हासिल कर लेता है तो वहां लोकतंत्र मीडिया और सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता पर भी खतरा हो सकता है और इसका ताप भारत को भी महसूस करना पड़ सकता है।
‘‘पाकिस्तान में अगर दिन खराब आते हैं तो भारत को खुश नहीं होना चाहिए। उससे भारत पर दबाव आएगा। अगर पाकिस्तान चीन पर निर्भर हो जाता है और चीन ही पाकिस्तान की नीति तय करता है तो समझ लीजिए कि इस्लामाबाद में चीन बैठा है। ये भारत के लिए नुकसानदायक है। भारत पाकिस्तान से आसानी से डील कर सकता है। लेकिन चीन से नहीं। ऐसा वक्त आ गया है कि भारत को पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर दोबारा गौर करना चाहिए’’
हालांकि पाकिस्तान के साथ साझेदारी में पलड़ा भले ही चीन का भारी दिखता हो, लेकिन खेल के सारे मोहरे उसके हाथ में नहीं हैं। अमरीका के शब्दों में ‘डबलगेम’ का महारथी पाकिस्तान भी बाजी पलटने का माद्दा रखता है।
वरिष्ठ पत्रकार एसडी गुप्ता की राय है-
‘चीन कोशिश करता है कि वो पाकिस्तान पर दबाव डाले। पाकिस्तान की कोशिश रहती है कि उल्टा चीन को फंसा दे। आज चीन पाकिस्तान पर निर्भर है। पूरी दुनिया में बेल्ट एंड रोड की कामयाबी पाकिस्तान में ही है चीन के लिए पाकिस्तान एक शो-केस है। अगर पाकिस्तान में संसद, सरकार, सेना या तालिबान के जरिए कोई अड़चन आती है तो चन के हाथ-पैर फूल जाएंगे।’’
दूसरी तरफ चीन ये जाहिर नहीं करना चाहता है कि वो कर्ज देकर किसी देश की संप्रभुता पर काबू करना चाहता है। इससे नेपाल, श्रीलंका, से लेकर म्यामांर तक उसके हित प्रभावित हो सकते हैं।