1950 रूपए प्रति क्विंटल की दर से बाजरा खरीदेगी सरकार - उपायुक्त

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क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से होगी बाजरे की खरीद।
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जिले में अक्टूबर से बाजरे की खरीद हो रही
है। केवल ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल के तहत पंजीकृत किसानों का बाजरा ही खरीदा
जाएगा।
गुरुग्राम! प्रदेश के अन्य जिलों की भांति गुरुग्राम जिला में भी बाजरे की खरीद 1
अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। इस बार सरकार ने 1950 रूपए प्रति क्विंटल का
न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है और ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा‘ पोर्टल पर जिन
किसानों ने स्वयं को पंजीकृत किया है उनका बाजरा ही खरीदा जाएगा। इस पोर्टल पर
जिला के 8,860 किसानों ने स्वयं को पंजीकृत किया है। मंडियो में एक किसान से बाजरे
की खरीद 8 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से की जाएगी।
किसानों
को मंडियों में किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए गुरूग्राम के उपायुत्तफ़
विनय प्रताप सिंह ने अपने कार्यालय में खरीद एजेंसियों के अधिकारियों सहित संबंधित
अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने
स्पष्ट कहा कि मंडियों में आने वाले किसानों को सुविधा प्रदान करना हमारी
प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बाजरे की खरीद को लेकर गांव वाइज शैडड्ढूल तैयार
किया जाएगा। यह खरीद जिला गुरुग्राम की तीन मंडियों नामतः सोहना, फरूखनगर व हैलीमंडी में की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पोर्टल पर रजिस्टर्ड सभी किसानों के बाजरे की 100 प्रतिशत खरीद
होगी।
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उपायुत्तफ़ ने कहा कि मंडी में आने वाले किसानों की सुविधा को देखते हुए मंडी के एंट्री गेट पर हैल्प डैस्क लगाए जाएंगे। कह इस डैस्क पर पुष्टि की जाएगी कि किसान ने ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा‘ पोर्टल पर स्वयं को पंजीकृत किया है अथवा नहीं। इसकी पुष्टि करने के लिए किसान को अपने साथ आधार कार्ड या वोटर कार्ड या ड्राइविंग लाइसैंस या राशन कार्ड तथा खेवट नंबर की प्रति आदि दस्तावेज साथ लाने होंगे। उन्होंने बताया कि 1 अक्टूबर से लेकर 15 नवंबर तक हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन व हैफेड द्वारा निजी खरीददारों व कंपनियों से मुकाबला करते हुए कमर्शियल तरीके से बाजरा खरीदा जाएगा। सरकारी खरीद एजेंसियां पहले दिन 1500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बाजरा खरीदेंगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य के बीच के अंतर की भरपाई अलग से सरकार द्वारा की जाएगी। यह राशि किसान के खाते में डाल दी जाएगी।
यह खरीद मूल्य प्रतिदिन बढ़ाया जाता रहेगा। पूरी खरीद प्रक्रिया ई-खरीद पोर्टल के
माध्यम से की जाएगी। फसल की अदायगी कैशलेस तरीके से सीधे किसान के बैंक खाते में
की जाएगी।
उपायुत्तफ़ ने कहा कि अन्य प्रदेशों से बाजरा जिला में न आए इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा सीमाओं पर नाके लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने फसल खरीद के परंपरागत तरीके से अति आधुनिक प्रणाली को अपनाने की पहल की है जो पूरे देश में एक उदाहरण साबित होगी और इसका सीधा लाभ किसान को होगा। उन्होंने कहा कि किसानों व आढ़तियों की मदद के लिए सभी मंडियों में प्रशासन द्वारा हेल्प डेस्क लगाए जाएंगे। गौरतलब है कि सरकार ने इस बार बाजरे के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी वृद्धि की है। पहले जहां बाजरे को कोई पूछता नहीं था, अब उसी बाजरे को 1950 रूप्ये प्रति क्विंटल के भाव पर सरकार द्वारा खरीदा जाएगा।
-प्रदीप गौतम, पुष्पक टाइम्स