जियो का वर्चस्व बना रहेगा, वोडा आइडिया और एयरटेल का प्रॉफि़ट गिरेगा

देश की नई टेलिकॉम मार्केट लीडर वोडाफोन आइडिया (VIL) को बड़ा लॉस
हो सकता है। पहली बार कंसॉलिडेटेड प्रॉफिट जारी करने जा रही इस कंपनी के नए
सब्सक्राइबर्स जोड़ने की रफ्रतार सुस्त रही है। इसके अलावा इसकी 4जी
नेटवर्क एक्सपैंशन कॉस्ट बढ़ गई है। देश की नंबर दो टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल को
भी मौजूदा फिस्कल के दूसरे क्वॉर्टर में कंसॉलिडेटेड लॉस हो सकता है।
एयरटेल को पिछले 15 साल में पहली बार लॉस झेलना पड़ सकता
है। कॉस्ट में बढ़ोतरी, रुपये में कमजोरी और जियोफोन के दाम घटाए जाने के चलते होने वाला
कस्टमर लॉस इसकी वजह हो सकती हैं। रिलायंस इंडस्ट्री के हालिया फीचर फोन एक्सचेंज
ऑफर से जियोफोन का दाम घट गया। वहीं, मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस
जियोइंफोकॉम का परफॉर्मेंस पुरानी टेलिकॉम कंपनियों से बेहतर बना रह सकता है। नए
कस्टमर्स बनाने की रफ्रतार तेज होने और 4जी फीचर फोन की डिमांड में खासी बढ़ोतरी
होने से उसका नेट प्रॉफिट ज्यादा रह सकता है।
वोडाफोन-आइडिया को नुकसान
जहां तक वोडाफोन आइडिया की बात है तो ब्रोकरेज फर्म IIFL
इंस्टीटड्ढूशनल इक्विटीज और ICICI सिक्यॉरिटीज ने इसे लगभग 2600
करोड़ रुपये का लॉस होने का अनुमान दिया है जबकि क्रेडिट सुईस के हिसाब से यह 1050-5
करोड़ रह सकता है। सितंबर क्वॉर्टर में कंपनी का सेल्स रेवेन्यू 7,813-8,106
करोड़ रह सकता है।
ब्रोकरेज फर्म्स का अनुमान है कि भारती एयरटेल को मौजूदा फिस्कल के दूसरे क्वॉर्टर में 8-4 करोड़ से 1266 करोड़ का लॉस हो सकता है। कंपनी को वन टाइम एक्सेप्शनल गेन से जून क्वॉर्टर में 97-3 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था।
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एयरटेल को लॉस के अनुमान के बड़ा फर्क होने की वजह यह है कि उसे
डेप्रसिएशन मद में ज्यादा रकम डालनी पड़ सकती है और उसकी इंटरेस्ट कॉस्ट हाई रह
सकती है। CLSA के मुताबिक कंपनी को 30% कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू डॉलर में हासिल
होता है, इसलिए डॉलर के मुकाबले 5» की गिरावट के चलते कंपनी के लॉस में 500
करोड़ रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
ऐनालिस्ट एयरटेल पर कैपिटल एक्सपेंडिचर का बोझ बढ़ने का भी अनुमान लगा
रहे हैं क्योंकि इंडिया में उसके 3 अरब डॉलर के एक्सपैंशन प्लान का आधा खर्च डॉलर में है। जहां तक जियो की बात है तो यह लगातार चौथे क्वॉर्टर में प्रॉफिट
में रह सकती है। ऐनालिस्ट नए 3-3 करोड़ सब्सक्राइबर बनने से कंपनी को 622-795
करोड़ रुपये का प्रॉफिट होने का अनुमान लगा रहे हैं।
सफल रहा जियो का दांव
ऐनालिस्टों का कहना है कि जियोफोन के लिए 1500 रुपये के
डिपॉजिट को घटाकर 500 रुपये का एक्सचेंज प्राइस तय करना जियो का सबसे आक्रामक कदम रहा।
इससे दोनों पुरानी टेलिकॉम को खासतौर पर प्रीपेड कस्टमर्स से मिलने वाले रेवेन्यू
में गिरावट आएगी। वोडाफोन आइडिया को मौजूदा टावर कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए बड़ा
जुर्माना देना पड़ सकता है। अगर कंपनी इसके लिए फुल प्रोविजन करती है तो उसे अपनी
आमदनी से 3,000-3500 करोड़ रुपये अलग रखने होंगे। कंपनी इसे एक्स्ट्राऑर्डिनरी आइटम में
डाल सकती है।
बैंक ऑफ अमेरिका अनुमान है कि एयरटेल इंडिया का सेल्युलर रेवेन्यू
तिमाही आधार पर 3 प्रतिशत घटेगा। उसने भी कंपनी के प्रीपेड रेवेन्यू पर जियो फीचर फोन
के दाम में कमी और पोस्ट पेड कस्टमर्स से हासिल होने वाले रेवेन्यू में गिरावट के
असर को इसका जिम्मेदार ठहराया है। ब्रोकरेज फर्म CLSA ने हालांकि यह भी कहा है
कि अफ्रीका में लोकल करेंसी स्टेबल रहने से एयरटेल का फरफॉर्मेंस स्ट्रॉन्ग रह
सकता है। अफ्रीका महाद्वीप में एयरटेल का रेवेन्यू तिमाही आधार पर 6» की
ग्रोथ हासिल कर सकता है।
IDFC सिक्यॉरिटीज का कहना है कि कमजोर सीजनल फैक्टर, फ्रयूल
की कॉस्ट में हो रही बढ़ोतरी और ज्यादा साइट रोलआउट से मौजूदा टेलिकॉम कंपनियों के
ऑपरेटिंग इनकम (EBITDA) परफॉर्मेंस पर बड़ा दबाव बन सकता है।
अफ्रीकी बिजनेस की लिस्टिंग से फंड जुटाने का प्लान का समय पर पूरा
होना और बाद में भारती इंफ्राटेल इंडस (कंबाइंड टावर एंटिटी) में स्टेक बेचना
सुनील मित्तल की कंपनी के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर के मोर्चे पर जियो को टक्कर देने
के मामले में अहम होगा।
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