दहेज-निषेधा

2018-11-01 0

दहेज समाज में एक सामाजिक अपराध है जो महिलाओं पर कल्पना से परे प्रताड़नाओं तथा अपराधों का कारण है। इस अपराध ने समाज के सभी तबकों में महिलाओं की जानें ली है - चाहे वे गरीब हों, मध्यम वर्ग की या धनाढड्ढ। लेकिन वे गरीब हैं जो इसके जाल में सबसे ज्यादा फंसते हैं एवं शिकार होते हैं, जिसका मुख्य कारण है जागरूकता तथा शिक्षा का अभाव। यह दहेज प्रथा की वजह से ही है कि पुत्रियों को पुत्रें जितना महत्व नहीं दिया जाता। समाज में, कई बार यह देखा  गया है कि उन्हें बोझ समझा जाता है तथा उन्हें अक्सर हीन समझा जाता है एवं द्वितीय श्रेणी का दर्जा दिया जाता है, चाहे वह शिक्षा हो या अन्य सुविधाएं।

आज सरकार ने कई कानून बनाए हैं तथा सुधार लाई है, न सिर्फ दहेज प्रथा को नष्ट करने के लिए बल्कि कई योजनाएं लागू कर कन्याओं की स्थिति में सुधार के लिए भी है।

अब यह समाज पर है कि वह जागरूक हों तथा स्थिति को समझे। यह हम सबका दायित्व है कि आवश्यक बदलाव के लिए कदम उठाएं एवं दहेज देना या लेना बन्द करें। यह हम सबको जानना चाहिए कि पहले हम अपनी पुत्रियों का मूल्य समझें, ताकि जब वे बड़ी हों तो अन्य लोग भी उनका मूल्य समझें।

दहेज उन्मूलन के लिए जरूरी कदम

कुछ बातों को अपना कर समाज से इस बुराई को मिटाया जा सकता हैः

  •  अपनी बेटियों को शिक्षित करें।
  •   उन्हें अपने कैरियर के लिए प्रोत्साहित करें ।
  •   उन्हें स्वतंत्र और जिम्मेदार होना सिखाएं।
  •   अपनी बेटी के साथ बिना किसी भेदभाव के समानता का व्यवहार करें।
  •    दहेज देने या लेने की प्रथा को प्रोत्साहित न करें।

आम लोगों पर दहेज निरोधक पहल का असर

  •    वे माता-पिता जो अपनी पुत्रियों को शिक्षित करने पर अधिक जोर नहीं देते, क्योंकि वे यह समझते हैं कि बाद में उनके पति उन्हें सहारा देंगे,
  •    समाज के गरीब हिस्से जो अपनी पुत्रियों से काम करवाते हैं ताकि वे कुछ कमाई कर सकें जिसे वे उनके दहेज के लिए बचा कर रख सकें,
  •     मध्यम तथा उच्च पृष्ठभूमि के लोग उनकी पुत्रियों को स्कूल भेजते हैं, लेकिन उनके करियर के चुनाव पर कोई जोर नहीं देते,
  •     अत्यंत धनी माता-पिता जो शादी होने तक अपनी पुत्रियों को खुशी से सहारा देते हैं तथा जिनके पास भारी दहेज देने की काबिलियत हो,

इसलिये शिक्षा एवं स्वतंत्रता एक शत्तिफ़शाली एवं मूल्यवान उपहार है जो आप अपनी पुत्री को दे सकते हैं। बदले में यह उनको वित्तीय रूप से सुदृढ़ होने में मदद करेगा तथा परिवार के लिए योगदान देने वाला सदस्य बनाएगा, उसे परिवार में आदर तथा सही ओहदा देगा।

इसलिए अपनी पुत्री को ठोस शिक्षा प्रदान करना तथा उसे अपनी पसन्द का करिअर चुनने की आजादी देना वह दहेज है जो कोई भी माता-पिता अपनी पुत्री को कभी भी दे सकते हैं।  


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