राशिफल

मेषः समाज में मान प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। शुभ मंगल कार्य भी सम्पन्न होंगे।
गुस्सा ज्यादा, स्वभाव में तेजी एवं चोटादि का भय रहेगा। सावधानी बरतें। विदेशी
सम्बंधियों से लाभ एवं विदेशी कार्यों में प्रगति होगी। परन्तु मंगल एकादश भाव में
होने से घरेलू काम निपटाने की व्यग्रता एवं परेशानी बनी रहेगी। वृथा यात्र एवं धन
का अपव्यय होगा।
वृषः मंगल की दृष्टि भी रहने से मानसिक तनाव, स्वभाव में तेजी,
उत्तेजना
व अधिक क्रोध से परेशानी होगी। कोई बना हुआ कार्य बिगड़ सकता है, धन
खर्च भी अधिक रहेगा। उत्तरार्द्ध भाग में किसी नए मित्र के साथ सम्पर्क लाभकारी
होगा। पूर्व में किए गए प्रयासों में सफलता होगी। परिवार में खुशी के अवसर
मिलेंगे। परन्तु चोटादि का भय रहेगा।
मिथुनः स्वास्थ्य ढीला और अति महत्वपूर्ण कार्य के लिए भाग-दौड़ होगी।
व्यर्थ की चिन्ता और कार्य में विलम्ब होने के योग हैं। परिवार में कुछ तनाव रहेगा,
शत्रु
भी सरगर्म रहेंगे। अपनी आय के अनुसार ही खर्च करने का प्रयास करें। दशम भाव पर गुरु
की स्वगृही दृष्टि होने से अत्यधिक परिश्रम एवं बुजुर्गों के सहयोग से ही उन्नति
के मार्ग प्रशस्त होंगे।
कर्कः शुभ एवं मंगल कार्यों पर धन का खर्च एवं मान प्रतिष्ठा में
वृद्धि होगी। किसी विशेष क्षेत्र में चुनौती का सामना करना पड़ेगा। पुरुषार्थ करने
से आत्मबल विकसित होगा। परन्तु व्यावसायिक क्षेत्रें में रुकावटोें के बावजूद आय
के साधन बनते रहेंगे। कन्या पूजन तथा बन्दरों को कुछ मीठा खिलाएं।
सिंहः भूमि-वाहनादि का क्रय-विक्रय करने की योजना भी बनेगी। वृथा
भ्रमण और खर्च में वृद्धि होगी। परन्तु शुक्र वक्री होने से किसी निकटस्थ व्यक्ति
द्वारा धोखा मिलने के भी योग हैं। पत्नी का स्वास्थ्य ढीला एवं परिवार में कुछ
मतभेद भी रहेगा। सप्ताहान्त में विशेष प्रयास एवं परिश्रम करने पर धन लाभ के अवसर
पहले से बेहतर होंगे। फिर भी क्रोध से बचें।
कन्याः विशेष परिश्रम पारिवारिक सहयोग और प्रयासों से कठिन समस्या के
हल होने के योग बनेंगे। परन्तु विलासादि कार्यों पर धन खर्च होगा। क्रोध एवं
उत्तेजना से बचें। स्वास्थ्य ढीला एवं चोटादि का भय बना रहेगा। सावधानी बरतें।
सुन्दरकाण्ड का पाठ करने सभी तरह की परेशानियों का निवारण हो सकता है।
तुलाः सन्तान सम्बंधी चिन्ता रहेगी। परिवार में मतभेद गुप्त चिन्ता,
पेट
विकार तथा विरोधियों द्वारा निर्मूल शंकाओं को बढ़ावा मिलेगा। परिश्रम करने पर भी
धन प्राप्ति आशानुरूप नहीं होगी। ता- 11 से हालात में सुधार एवं धीरे-धीरे
व्यवसाय में भी सुधार होगा। पूर्व में किए गए प्रयासों से लाभ होगा। व्यर्थ का
मानसिक तनाव, धन का खर्च भी अधिक एवं स्वास्थ्य कुछ नर्म ही रहेगा। किन्तु विदेशी
सम्बंधियों से लाभ एवं सम्पर्क भी बढें़गे।
वृश्चिकः
व्यवसाय में अत्यधिक परिश्रम एवं संघर्ष उपरान्त धन की प्राप्ति होगी। विदेशी
सम्बंधों से लाभ एवं धन का खर्च भी अधिक होगा। धर्म स्थान की यात्र के भी योग है।
परन्तु शनि की साढ़ेसति के कारण क्रोध की अधिकता, स्वास्थ्य ढीला,
घरेलू
समस्याएं, मासिक तनाव, सिर-दर्द व आंखों में कष्ट की सम्भावना
बनी रहेगी। श्री आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना शुभ रहेगा। मानसिक तनाव एवं
चोटादि का भय बना रहेगा।
धनुः
खर्च की अधिकता से मानसिक तनाव एवं क्रोध की भावना अधिक रहेगी। भाई-बन्धुओं से
मनमुटाव एवं मन में उचाटता रहेगी। भाग्यस्थान पर मंगल की दृष्टि एवं गुरु द्वादश
में होने से विदेश सम्बंधी कार्यों में प्रगति एवं विदेशगमन की भी योजना बनेगी।
कुछ सोची योजनाओं में शुभ संकेत मिलेंगे परन्तु शनि की साढ़ेसति के कारण स्वास्थ्य
सम्बंधी परेशानी एवं नेत्र कष्ट के योग हैं। ता- 10 से बनते कार्यों
में अड़चनें पैदा होंगी।
मकरः विघ्न-बाधाओं के बावजूद कार्यों में सफलता मिलेगी। उत्साह में
वृद्धि एवं उद्योग में कामयाबी मिलेगी। निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।
विदेशी सम्बधों से लाभ होगा। परन्तु सरकारी क्षेत्रें में अफसरों से मतभेद एवं
चुनौती का सामना करना पड़ेगा। सप्तम राहु के कारण व्यर्थ की भागदौड़, भाई-बन्धु
से मतभेद एवं स्वास्थ्य सम्बंधी परेशानी रहेगी, सावधानी बरतें।
कुम्भः
व्यवसाय में अधिक उलझनें एवं लाभ के मार्ग में रुकावटें आएंगी। सिर-दर्द एवं आंखों
में कष्ट के योग हैं परन्तु शनि की स्वगृही दृष्टि होने से प्रयास करने पर किसी
विशेष कार्य में सुधार एवं लाभ के अवसर पहले से बेहतर होंगे। पारिवारिक सुखों में
वृद्धि एवं शुभ कार्यों पर धन का खर्च अधिक होगा। स्त्री व सन्तान से खुशी प्राप्त
होगी। धर्म स्थान की यात्र एवं विदेशी सम्बंधियों से लाभ तथा विदेशी कार्यों में
प्रगति होगी।
मीनः
अकस्मात् धन प्राप्त एवं आशाओं में सफलता के योग बनेंगे। परिवार में शुभ मंगल
कार्य भी सम्पन्न होंगे। स्थान-परिवर्तन के योग बनेंगे। परन्तु स्वास्थ्य परेशानी
सिर-दर्द आंखों में कष्ट, चमड़ी सम्बंधी रोग होने से कष्ट के योग
हैं। भगवान सूर्य को विधिपूर्वक अर्घ्य प्रदान करना चाहिए। विलासादि कार्यों में
खर्च अधिक होंगे परन्तु स्वास्थ्य में खराबी और व्यर्थ का तनाव रहेगा। सरकारी
क्षेत्रें में लाभ एवं भूमि आदि का विक्रय होगा।