हल्दी बहुत गुणकारी औषधि

वैज्ञानिकों ने बताया कि ये तत्व पेट के कैंसर के विकास में भूमिका
निभाने वाले जीन की गतिविधियों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
हल्दी में पाया जाने वाला एक तत्व पेट के कैंसर से बचाव व इसके इलाज
में सहायक हो सकता है। ब्राजील की फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ साओ पाउलो और यूनिवर्सिटी
ऑफ पारा के शोधकर्ताओं ने इस संबंध में शोध को अंजाम दिया है। प्रोफेसर डेनियल
क्वीरोज ने कहा, ‘हमने पेट के कैंसर से बचाव और इसके इलाज में कारगर तत्वों पर अध्ययन
किया। हल्दी इनमें से एक है।’ हल्दी में पाया जाने वाला तत्व करक्यूमिन कैंसर की
रोकथाम में भूमिका निभाता है। इसके अलावा कुछ और तत्व भी इस मामले में कारगर पाए
गए हैं। इनमें कोलकैल्सिफेरोल, रेसवेराट्रोल (मूलतः अंगूर व रेड वाइन
में मिलता है), क्वर्सेटिन (सेब, ब्रोकली एवं प्याज में पाया जाता है),
गार्सिनोल,
सोडियम
ब्यूटीरेट जैसे तत्व शामिल हैं।
वैज्ञानिकों ने बताया कि ये तत्व पेट के कैंसर के विकास में भूमिका
निभाने वाले जीन की गतिविधियों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। इससे पहले के
अध्ययनों में हल्दी के कई गुण पहले ही सामने आ चुके हैं। पुराने अध्ययनों में
जाहिर हो चुका है कि हल्दी में एंटी ऑक्सीटेंड और एंटी इंफ्रलैमेट्री के गुण पाए
जाते हैं। इसके अलावा भारत के वरिष्ठ नागरिक तो पहले से ही इसके सेवन को महत्व
देते आ रहे हैं। यहां के आहार में इसे प्रमुख रूप से शामिल किया जाता है। हल्दी न
केवल एक मसाला है, बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी हैं। त्वचा, पेट और आघात आदि
से उबरने में हल्दी अत्यंत उपयोगी होती है।
मजबूत इम्यूेन सिस्टपम
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करती है हल्दी। इससे शरीर कई
बीमारियों से बचा रहता है। हल्दी में पाया जाने वाला लिपोपोलिसेकराईड तत्व हमारे इम्यूहन सिस्टीम को मजबूत बनाकर
बीमारियों से हमारी रक्षा करता है। साथ ही इसमें एन्टिी बैक्टीेरियल, एंटी
वायरल और एंटी फंगल गुण भी विशेष रूप से पाए जाते है।
दूर करें सनबर्न
हल्दी सनस्क्रीसन लोशन की तरह काम करता है। अगर धूप के कारण आपकी
त्वचा में टैनिंग हो गई है तो टैन से निजात पाने के लिए बादाम पेस्ट, हल्दी
व दही मिला उसे त्वचा पर लगाकर छोड़ दें और फिर पानी से धो लें। इससे टैनिंग खत्म
हो जाएगी। साथ ही त्वरचा में निखार भी आएगा।
लीवर संबंधी समस्याओं में लाभकारी
लीवर की तकलीफों से निजात पाने के लिए हल्दीव बेहद उपयोगी होती है।
यह रत्तफ़ दोष दूर करती है। हल्दीी नैसर्गिक तौर पर ऐसे एन्जापइम्सल का उत्पाददन
बढ़ाती है जिससे लीवर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
याददाश्त और मूड तरोताजा करती है हल्दी
अच्छा खाना शरीर के साथ मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखता है। साथ ही खाने
में मिलाए जाने वाले मसाले भी अपनी-अपनी तरह से शरीर को लाभ पहुंचाते हैं। ऐसा ही
एक मसाला है हल्दी, जो खाने का रंग बदलने के साथ ही हमारे मन और मस्तिष्क पर अच्छा
प्रभाव डालता है। एक नवीन अध्ययन में सामने आया है कि नियमित रूप से खाने में
हल्दी का सेवन करने से हमारी याददाश्त बढ़ती है और मूड भी अच्छा होता है।
संक्रमण से बचाए
हल्दी में पाया जाने वाले करक्यूमिन नामक तत्वत के कारण कैथेलिसाइडिन
एंटी माइक्रोबियल पेप्टाइड (सीएएमपी) नामक प्रोटीन की मात्र बढ़ती है। सीएएमपी
प्रोटीन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह प्रोटीन बैक्टीरिया और वायरस से
लड़ने में शरीर की मदद करता है।
अल्जाइमर के खतरे को करें कम
गुणों से भरपूर हल्दी की एक और खूबी सामने आई है। नए शोध का दावा है
कि भारत में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली हल्दी से बढ़ती उम्र में स्मृति को बेहतर
करने के साथ ही भूलने की बीमारी अल्जाइमर के खतरे को कम किया जा सकता है। अमेरिकी
शोधकर्ताओं ने डिमेंशिया पीड़ितों के मस्तिष्क पर करक्यूमिन सप्लीमेंट के प्रभाव पर
गौर किया। करक्यूमिन हल्दी में पाया जाने वाला एक रासायनिक कंपाउंड है। पूर्व के
अध्ययनों में इस कंपाउंड के सूजन रोधी और एंटीआक्सीडेंट गुणों का पता चला था।
संभवतः यही कारण है कि भारत के बुजुर्गों में अल्जाइमर की समस्या कम पाई जाती है।
पेट की समस्यापओं में लाभकारी
मसाले के रूप में प्रयोग की जाने वाली हल्दीा का सही मात्र में
प्रयोग पेट में जलन एवं अल्स र की समस्याव को दूर करने में बहुत ही लाभकारी होता
है। हल्दी का पीला रंग कुरकमिन नामक अवयव के कारण होता है और यही चिकित्सा में
प्रभावी होता है। चिकित्सा क्षेत्र के मुताबिक कुरकमिन पेट की बीमारियों जैसे जलन
एवं अल्सर में काफी प्रभावी रहा है।
अंदरूनी चोट में सहायक
चोट लगने पर हल्दी बहुत फायदा करती है। मांसपेशियों में खींचाव होने
पर या अंदरूनी चोट लगने पर हल्दीर मिला गर्म दूध पीने से दर्द और सूजन में तुरन्तत
राहत मिलती है। चोट पर हल्दी और पानी का लेप लगाने से भी आराम मिलता है।
दंत रोगों में गुणकारी
दांतों की स्वस्थ और मसूड़ों
को मजबूत बनाने के लिए हल्दी का प्रयोग करें। इसके लिए थोड़ी सी हल्दी, नमक
और सरसों का तेल लेकर मिला लें। अब इस मिश्रण से दांतों और मसूड़ों में अच्छे से
मसाज करें। इस उपाय से सूजन दूर होती है और दांत के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
पीलिया के इलाज में रामबाण
पीलिया की बीमारी में शरीर का रंग पीला हो जाने के कारण अज्ञानतावश लोग हल्दी का प्रयोग बंद कर देते हैं। शायद उन्हें यह नहीं पता कि हर घर की रसोई में विद्यमान सहज-सुलभ हल्दी पीलिया के इलाज में आयुर्वेद की दृष्टि में रामबाण है। पीलिया में हल्दी को कई प्रकार से प्रयोग में ला सकते हैं। वहीं पीलिया में मठ्ठा के साथ हल्दी का प्रयोग लाभकारी होता है।