इनकम टैक्स से जीएसटी तक, अमल में आए पांच प्रमुख बदलाव
पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40000 रुपये से बढ़ाकर 50000 रुपये कर दिया है
नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही कुछ नए बदलाव भी अमल में आ गए
हैं। ये सभी बदलाव सीधे तौर पर आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग से सरोकार रखते हैं। ऐसे
में अगर आप नए वित्त वर्ष में निवेश और टैक्स प्लानिंग की योजना बना रहे हैं तो
आपको इनकी जानकारी होनी चाहिए।
टैक्सेबल आयः वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट में आम
लोगों को बड़ी राहत देते हुए टैक्स छूट की सीमा पांच लाख तक बढ़ा दी थी। अभी तक
टैक्स छूट की सीमा ढाई लाख रुपये थी। यानी अगर आपकी आय 5 लाख रुपये तक
है तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शनः पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड
डिडक्शन को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है। इसमें 10,000
रुपये का इजाफे से टैक्स देनदारी में कमी आएगी और जो 30 फीसद वाले
स्लैब में हैं, उन्हें प्रति व्यक्ति 3,000 रुपये तक की बचत होगी।
एक से ज्यादा घर हैं तो भी होगा फायदाः अगर आपके पास दो घर हैं तो
आयकर विभाग अभी तक यह मानता था कि आपने एक मकान को किराए पर उठा रखा है और उस आय
पर आपको टैक्स देना होता था। लेकिन अब इसमें भी राहत दे दी गई है। अगर आपके पास दो
घर भी हैं तो सरकार उसे आपका सेल्फ ऑक्युपाइड घर ही मानेगी और आपको कोई टैक्स नहीं
देना होगा।
टीडीएस की सीमा बढ़ीः बैंकों या पोस्ट ऑफिस में जमा बचत पर मिलने वाले
ब्याज की सीमा को बढ़ा दिया गया है। फिलहाल 10,000 रुपये की ब्याज
आय पर टीडीएस देना पड़ता था, जिसे बढ़ाकर अब 40,000
रुपये कर दिया गया है।
हाउसिंग प्रोजेक्ट पर घटी दरें आज से होंगी लागूः रियल एस्टेट में
हाउसिंग प्रोजक्ट पर टैक्स की घटी हुई दरें आज से लागू होंगी। अब हाउसिंग प्रोजक्ट
पर जीएसटी की दर को 12 फीसद से घटाकर 5 फीसद कर दिया गया है। पुराने
प्रोजेक्ट वालों को भी इस स्कीम के चुनाव का मौका मिलेगा। जीएसटी काउंसिल ने
निर्माणाधीन मकानों की अफोर्डेबल कैटेगरी में जीएसटी दरें 1 फीसद कर दिया
है।