पब्लिक रिलेशन में करियर का सुनहरा अवसर

पीआर एग्जीक्यूटिव की भूमिका में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और
ऑनलाइन मीडिया का इस्तेमाल करके किसी प्रॉडक्ट, कंपनी या किसी
व्यक्ति का प्रमोशन करना होता है।
अगर आप सोचते हैं कि अपनी बात लोगों से मनवा सकते हैं, रोचक
ढंग से बाते कर सकते हैं और दबाव झेल सकते हैं तो पब्लिक रिलेशन (पीआर) में करियर
आपके लिए बेहतर रहेगा। पीआर प्रतिनिधि के तौर पर आपकी सिर्फ एक भूमिका रहेगी। आपको
बिजनेस हाउसों, संस्थानों, लोगों को सरकारी संस्थानों के लिए
अभियान चलाना होगा ताकि उनका लोगों के साथ अच्छा सम्बंध बन सके और वह संबंध बरकरार
भी रहे। पीआर एग्जीक्युटिव की भूमिका में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और
ऑनलाइन मीडिया का इस्तेमाल करके किसी प्रॉडक्ट, कंपनी या किसी
व्यक्ति का प्रमोशन करना होता है और इस तरह से एक ब्रैंड तैयार करना और उसका विकास
करना होता है।
जरूरी कौशल
पीआर प्रतिनिधि के तौर पर आपके पास सूचनाओं का भंडार होना चाहिए।
इसके अलावा रचनात्मकता, विश्वसनीयता, तकनीक पर पकड़, अच्छा प्रबंधकीय
कौशल, भाषाओं के ऊपर मजबूत कमान, लचीलता और आयोजनाअें का अच्छा कौशल भी
इस फील्ड में काफी जरूरी है।
पात्रता
पब्लिक रिलेशन में करियर बनाने के लिए आपका किसी भी स्ट्रीम में
ग्रेजुएट होना जरूरी है। अगर मास मीडिया में ग्रेजुएशन हो तो ज्यादा प्राथमिकता दी
जाएगी। आप पब्लिक रिलेशंस में एक साल का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कर सकते हैं। या
फिर कम्यूनिकेशन और जर्नलिज्म में दो साल का मास्टर डिग्री कोर्स कर सकते हैं।
दूसरे साल में आप मास्टर्स डिग्री में पीआर में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। पीआर
में कोर्स के दौरान मुख्य रूप से लाइव प्रोजेक्ट असेसमेंट और इंटर्नशिप पर जोर
दिया जाएगा। जिससे आपको प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा।
करियर की संभावनाएं
बिजनेस के मौके बिजनेस के मौके बढ़ने के साथ पीआर एक्सपर्ट्स की मांग बढ़ रही है। फ्रेशर होने पर आप किसी पीआर एजेंसी से एग्जीक्युटिव के तौर पर अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं। एंट्री लेवल पर आपको अपनी शैक्षिक योग्यताओं के भरोसे रहना होगा। अनुभव के साथ आपकी सैलरी बढ़ती जाएगी। फ्रेशर के तौर पर आपको अकाउंट्स एग्जीक्यूटिव, कम्यूनिकेशन एग्जीक्यूटिव और इवेंट मैनेजर्स आदि के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। फ्रेशर के तौर पर आपको बतौर इंटर्न भी हायर किया जा सकता है और 8000 से 10,000 का शुरुआती पैकेज मिलेगा। बढ़ते अनुभव के साथ वेतन भी बढ़कर 50 से 80 हजार महीने हो जाएगा।