करियर बनाना लड़कियों के लिए ऑप्शनल नहीं आवश्यकता है!

2019-07-01 0

लड़कियों  के लाइफ में क्या है? जन्म, जन्म के बाद घर के काम सीखना, उसके बाद 18 साल में शादी, शादी के बाद बच्चे, फिर बुढ़ापा, उसके बाद मौत। क्या ये जिंदगी है? नहीं !!!!! तो आइए जानते हैं क्या है जिंदगी? क्यूं लड़कियों को अपना करियर बनाना जरूरी है?

सपने- अपना अस्तित्व

सपने देखना तो सबका अधिकार है। फिर लड़कियों के क्यूं नहीं? सबसे बड़ा जो सपना होता है, वो होता है खुद का अस्तित्व। हमारा अस्तित्व ही हमारी पहचान है। लड़कियां सपने देखें, उन्हें पूरा करें। यदि वो अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण कर लेती हैं, तो वो अपने हर सपने को पूरा कर सकती हैं। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि सपने देखने मात्र से कुछ नहीं होता, उन्हें पूरा करने का जज्बा भी होना चाहिए और उसके लिए अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करके सपने पूरा करना चाहिए।

आर्थिक मामलों में खुद पर भरोसा

लड़कियां जब खुद से कमाने लगती है, तो उन्हें अपनी जरूरतों के लिए किसी और के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता। जब वो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो जाती हैं, तो सिर्फ अपना ही नहीं बल्कि परिवार का भी अच्छे से ख्याल रती हैं। आर्थिक आत्मनिर्भरता से उन्हें मानसिक संतुष्टि भी होती है। इसके विपरित अगर लड़कियां अपना करियर नहीं बनाती तो उन्हें सिर्फ पछताना पड़ता है। जिंदगी गुजर जाती है घर परिवार की गुलामी करके और हाथ सिवाय दर्द के कुछ नहीं लगता। अगर किसी चीज की जरूरत हो, तो दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। अपने आप को अच्छे से सेटल और सुरक्षित करने के लिए लड़कियों को करियर बनाना बहुत जरूरी है।

समाज में अपनी उचित भागीदारी

लड़कियां अगर कैरियर बना ले तो समाज में भी उचित भागीदारी कर सकती हैं। समाज के लोग उसे इज्जत की नजरों से देखते हैं। वो बहुत सारे सामाजिक काम कर सकती हैं। कुछ अनपढ़ बच्चों को पढ़ा सकती हैं। लड़कियों के खिलाफ हो रहे अन्याय और अत्याचार से लड़ सकती हैं। इन अत्याचारों से बचने और अपने हक के लिए लड़ने के लिए भी इनका शिक्षित और स्वावलंबी होना जरूरी है।

किसी के आगे दबाव में नहीं आना

आज हम जितने भी प्रताड़नाओं के बारे में सुनते हैं, जो औरतों के खिलाफ होता है वो कहीं ना कहीं इसलिए होता है कि लड़की ससुराल और मायके, या दोनों में से एक पर निर्भर रहती हैं। यदि लड़कियां अपना करियर बना लें, तो उन्हें किसी के दबाव में नहीं आना पड़ता। वो ये साबित कर देती हैं कि किसी मामले में वो लड़कों से कम नहीं होती अपितु उनसे बढ़कर ही होती हैं। वो घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारी निभा सकती हैं।

योगदान के योग्य

कहते हैं कि खाली गिलास से दूसरे गिलास में पानी नहीं भर सकते हैं। उसी तरह जिसने खुद की पहचान नहीं बनाई वो दूसरों को रास्ता नहीं दिखा सकता। ये कहावत कहीं से गलत नहीं है कि अगर औरत शिक्षित होती है, तो पूरा परिवार शिक्षित होता हैं। इसलिए अगर आप अपनी और अपने आस पास के लोगों की जिंदगी में कुछ सार्थक करना चाहते हैं, तो यही है वो क्षण जब आप अपने करियर को लेकर गंभीर हो जाएं और खुद को योगदान के योग्य बनाएं।

अपने फैसले आज से ही खुद से लेना शुरू करें और सबसे पहले अपने शिक्षा और सपनों को पूरा करने का अधिकार लेने का फैसला करें।



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