हमेशा याद रहेगी अमर शहीदों की वीरगाथा

प्रत्येक वर्ष भारत में 15 अगस्त को स्वन्त्रता दिवस के रुप में
मनाया जाता है। भारत के लोगों के लिये ये दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। वर्षों की
गुलामी के बाद ब्रिटिश शासन से इसी दिन भारत को आजादी मिली। 15
अग्स्त 1947 को ब्रिटिश साम्राज्य से देश की स्वतंत्रता को सम्मान देने के लिये
पूरे भारत में राष्ट्रीय और राजपत्रित अवकाश के रुप में इस दिन को घोषित किया गया
है।
हालाँकि अंग्रेजों से आजादी पाना भारत के लिये आसान नहीं था_ लेकिन
कई महान लोगों और स्वतंत्रता सेनानियों ने इसे सच कर दिखाया। अपने सुख, आराम
और आजादी की चिंता किये बगैर उन्होंने अपने भावी पीढ़ी की आजादी के लिये अपना जीवन
बलिदान कर दिया। पूर्ण स्वराज प्राप्त करने के लिये हिंसात्मक और अहिंसात्मक सहित
इन्होंने कई सारे स्वतंत्रता आंदोलन को आयोजित किये तथा उस पर कार्य किया। आजादी
के बाद भारत से पाकिस्तान अलग बँट गया जो कि हिंसात्मक दंगों को भी साथ लाया। अपने
घरों से लोगों का विस्थापन (15 लाख लोगों से अधिक) और बड़ी संख्या में
जनहानि का कारण ये डरावना दंगा था।
इस दिन पर, सभी राष्ट्रीय, राज्य तथा
स्थानीय सरकार के कार्यालय, बैंक, पोस्ट ऑफिस,
बाजार,
दुकानें,
व्यापार,
संस्थान
आदि बंद रहते है। हालाँकि, सार्वजनिक परिवहन बिल्कुल प्रभावित
नहीं होता है। इसे बहुत उत्साह के साथ भारत की राजधानी दिल्ली में मनाया जाता है
जबकि स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक समुदाय तथा समाज सहित दूसरे शिक्षण संस्थानों में
भी मनाया जाता है।
15 अगस्त 2019 (इंडिपेंडेंस डे)
15 अगस्त 2019, गरुवार को पूरे भारत के लोगों द्वारा मनाया जाएगा। इस साल 2019 में भारत अपना 73वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। 15 अगस्त 1947 को भारत में प्रथम स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था।
भारत के स्वतंत्रता दिवस का इतिहास
17वीं शताब्दी के दौरान कुछ यूरोपियन व्यापारियों द्वारा भारतीय
उपमहाद्वीप के सीमा चौकी पर प्रवेश किया गया। अपने विशाल सैनिक शत्तिफ़ की वजह से
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत को गुलाम बना लिया गया। 18वीं
शताब्दी के दौरान पूरे भारत में अंग्रेजों ने अपना स्थानीय साम्राज्य और असरदार
ताकत स्थापित कर लिया था। 1857 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत के लोगों द्वारा एक बहुत
बड़े स्वतंत्रता क्रांति की शुरुआत हो चुकी थी। उस गदर को महान गदर कहा जाता है,
1857 का
विद्रोह, भारतीय बगावत, 1857 का पठान और सिपाहहयों का विद्रोह। 10 मई
1857 में बंगाल प्रांत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी आर्मी के खिलाफ
इसकी शुरुआत हो गई। उस विद्रोह के द्वारा (1858 का अधिनियम
भारत सरकार), भारत को नियंत्रण मुत्तफ़ करने का एहसास ब्रिटिश राज को भारतीय
स्वतंत्रता सेनानियों ने दिलाया।
1857 की बगावत एक असरदार विद्रोह था जिसके बाद पूरे भारत से कई सारे
नगरीय समाज उभरे। उनमें से एक भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी थी जिसका निर्माण
वर्ष 1885 में हुआ। पूरे राष्ट्र में असंतोष और उदासी के काल ने अहिंसात्मक
आंदोलनों (असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलन) को बढ़ावा दिया जिसका नेतृत्व गाँधी जी
ने किया।
लाहौर में 1929 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
अधिवेशन में, भारत ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की। इसके पहले, 1930 से
1947 के बीच भारतीय स्वतंत्रता दिवस के रुप में 26 जनवरी को घोषित
किया गया। सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिये भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस द्वारा भारतीय
नागरिकों से निवेदन किया गया था साथ ही साथ भारत के पूर्ण स्वतंत्रता तक आदेशों का
पालन समय से करने के लिये भी कहा गया।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1947 में ब्रिटिश
सरकार आश्वस्त हो चुकी थी कि वो लंबे समय तक भारत को अपनी शत्तिफ़ नहीं दिखा सकती।
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी लगातार लड़ रहे थे और तब अंग्रेजों ने भारत को मुत्तफ़
करने का फैसला किया हालाँकि भारत की आजादी (15 अगस्त 1947)
के
बाद हिन्दू-मुस्लिम दंगे हुए जिसने भारत और पाकिस्तान को अलग कर दिया। मोहम्मद अली
जिन्ना पाकिस्तान के प्रथम गवर्नर जनरल बने जबकि पंडित जवाहर लाल नेहरु आजाद भारत
के प्रथम प्रधानमंत्री। दिल्ली, देश की राजधानी में एक आधिकारिक समारोह
रखा गया जहाँ सभी बड़े नेता और स्वतंत्रता सेनानियों (अबुल कलाम आजद,
बी-आर- अंबेडकर, मास्टर तारा सिंह, आदि)
ने इसमें भाग लेकर आजादी का पर्व मनाया।
बँटवारे की हिंसा के दौरान बड़ी संख्या में दोनों तरफ से लोग मरे जबकि
दूसरे क्षेत्र के लोगों ने स्वतंत्रता दिवस मनाया था। संवैधानिक हॉल, नई
दिल्ली में राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में 14 अगस्त को 11
बजे रात को संवैधानिक सभा की 5वीं मीटिंग रखी गई थी जहाँ जवाहर लाल
नेहरु ने अपना भाषण दिया था।
15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि, जवाहर लाल नेहरु
ने भारत को स्वतंत्र देश घोषित किया जहाँ उन्होंने फ्ट्रीस्ट ओवर डेस्टिनीय् भाषण
दिया था। उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि फ्बहुत साल पहले हमने भाग्यवधु से
प्रतिज्ञा की थी और अब समय आ गया है जब हम अपने वादे को पूरा करेंगे, ना
ही पूर्णतया या पूरी मात्र में बल्कि बहुत मजबूती से। मध्यरात्रि घंटे के स्पर्श
पर जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और आजादी के लिये जागेगा। एक पल आयेगा, जो
आयेगा, लेकिन इतिहास में कभी-कभार, जब हम पुराने से नए की ओर बढ़ते हैं,
जब
उम्र खत्म हो जाती है और राष्ट्र की आत्मा जो लंबे समय से दबायी गयी थी उसको
अभिव्यत्तिफ़ मिल गयी है। आज हमने अपने दुर्भाग्य को समाप्त कर दिया और भारत ने
ऽुद को फिर से ऽोजाय्।
इसके बाद, असेंबली सदस्यों ने पूरी निष्ठा से देश को अपनी सेवाएँ देने के लिये
कसम खायीं। भारतीय महिलाओं के समूह द्वारा असेंबली को आधिकारिक रुप से राष्ट्रीय
ध्वज प्रस्तुत किया गया था। अंततः भारत आधिकारिक रुप से स्वतंत्र देश हो गया,
और
नेहरु तथा वायसराय लार्ड माउंटबेटन, क्रमशः प्रधानमंत्री और गवर्नर जनरल
बने। महात्मा गाँधी इस उत्सव में शामिल नहीं थे। वो कलकत्ता में रुके थे और हिन्दू
तथा मुस्लिम के बीच शांति को बढ़ावा देने के लिये 24 घंटे का व्रत
रखा था।
स्वतंत्रता दिवस उत्सव
भारत के राष्ट्रीय अवकाश के रुप में पूरे भारत में स्वतंत्रता दिवस
को मनाया जाता है। इसे हर साल प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में पूरे
उत्सुकता से देखा जाता है। स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले की शाम को फ्राष्ट्र के
नाम संबोधनय् में हर साल भारत के राष्ट्रपति भाषण देते हैं। 15
अगस्त को देश की राजधानी में पूरे जुनून के साथ इसे मनाया जाता है जहाँ दिल्ली के
लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं। ध्वजारोहण के बाद, राष्ट्रगान
होता है, 21 तोपों की सलामी दी जाती है तथा तिरंगे और महान पर्व को सम्मान दिया
जाता है।
स्वतंत्रता सेनानियों और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं
जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी थी को श्रद्धांजलि देने के बाद, स्वतंत्रता
दिवस पर अपने भाषण के दौरान भारत के प्रधानमंत्री पिछले साल की उपलब्धियों,
महत्पूर्ण
सामाजिक मुद्दे और उनके हल, देश के आगे का विकास, शिक्षा
आदि को रेखांकित करते हैं। पैरामिलिट्री फोर्सेस और भारतीय सैनिकों द्वारा भव्य
मार्च किया जाता है। विभिन्न सांस्कृतिक परंपरा के अलग-अलग राज्य में स्वतंत्रता
दिवस का उत्सव मनाया जाता है जहाँ हर राज्य का मुख्यमंत्री राष्ट्रीय झंडे को
फहराता है जो कि प्रतिभागियों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक क्रिया-कलापों द्वारा
लहराया जाता है।
ध्वजारोहण, राष्ट्रगान, परेड समारोह,
दूसरे
सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित लगभग सभी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान, शिक्षण
संस्थान, कुछ निजी संस्थान आदि पूरे देश में होता है। स्कूल तथा कॉलेजों में
प्रधानाचार्य द्वारा झंडा फहराया जाता है और फिर वहाँ के विद्यार्थियों द्वारा
परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाता है। इस दिन पर, सरकारी
कार्यालय, बिल्डिंग आदि को रोशनी, फूलों और दूसरे सजावटी सामानों से सजाया
जाता है। अलग-अलग लंबाई के झंडे के
द्वारा लोग देश के प्रति अपने समर्पण और प्रतिबद्धता को प्रदर्शित
करते है।
स्वतंत्रता दिवस को मनाने के दौरान आतंकवादी हमलों का बड़ा खतरा रहता
है ऽासतौर से दिल्ली, मुम्बई तथा जम्मू-कश्मीर जैसे बड़े शहरों में। इसी वजह से इस अवसर पर
हवाई हमलों से बचने के लिये लाल किले के आस-पास के क्षेत्र को फ्नो फ्रलाई जोनय्
घोषित कर दिया जाता है। सुरक्षा कारणों से पूरे शहर में अतिरित्तफ़ पुलिस बल की
तैनाती की जाती है। पूरे देश के लोगों के लिये इस कार्यक्रम का टेलीविजन पर सजीव
प्रसारण किया जाता है।
इस अवसर को लोग अपने दोस्त, परिवार, और पड़ोसियों के
साथ फिल्म देखकर, पिकनिक मनाकर, समाजिक कार्यक्रमों में भाग लेकर मनाते
है। इस दिन पर बच्चे अपने हाथ में तिरंगा लेकर ‘जय जवान जय जय किसान’ और दूसरे
प्रसिद्ध नारे लगाते हैं।
भारत में स्वतंत्रता दिवस का महत्व और प्रतीक
स्वतंत्रता दिवस प्रतीक है भारत में पतंग उड़ाने के खेल का। अनगिनत
विभिन्न आकार, प्रकार और स्टाइल के पतंगों से भारतीय आकाश पट जाता है। इनमें से कुछ
तिरंगे के तीन रंगो में भी होता है जो राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करता है।
स्वतंत्रता दिवस का दूसरा प्रतीक नई दिल्ली का लाल किला है जहाँ 15
अगस्त 1947 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने तिरंगा फहराया
था।
1947 में ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी को याद करने के लिये हम
स्वतंत्रता दिवस को मनाते है। 15 अगस्त भारत के पुनर्जन्म जैसा है। ये
वो दिन है जब अंग्रेजों ने भारत को छोड़ दिया और इसकी बागडोर हिन्दुस्तानी नेताओं
के हाथ में आयी। ये भारतीयों के लिये बेहद महत्वपूर्ण दिन है और भारत के लोग इसे
हर साल पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं।
वतन हमारा ऐसा के कोई छोड़ पाए न
रिश्ता हमारा ऐसा के कोई तोड़ पाए न
दिल हमारा एक है एक हमारी जान है,
हिंदुस्तान
हमारा है और हम इसकी शान हैं।।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!