हरियाणा विधाानसभा में भाजपा पूर्ण बहुमत से आयेगी सुमेर सिंह तंवर

शायद अक्टूबर में हरियाणा विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। उसको लेकर सभी
पार्टियां तैयारी में जुट गई हैं। हर पार्टी सत्ता में आने की कोशिश में लगी हुई
हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री मनोहरलाल के करीबी व गुरुग्राम विधानसभा निगरानी समिति
के चेयरमैन श्री सुमेर सिंह तँवर ने दावा किया कि खट्टर के नेतृत्व में भाजपा फिर
से बहुमत से सरकार बनाएगी। श्री तँवर ने भाजपा में भी कई लोगों पर विश्वासघात का
आरोप लगाया और कहा किआज मेरी पत्नी गीता तँवर जो अब इस दुनिया में नहीं हैं,
वो
गुरुग्राम में मेयर होतीं। मेरी पत्नी को हराने के लिए मन्त्री राव इन्द्रजीत सिंह
व विधायक उमेश अग्रवाल ने साजिश रची तथा इन दोनों नेताओं ने हराया जबकि मैं भाजपा
से 1987 से जुड़ा हुआ हूं। मुझे पहला मौका मिला था जिसको इन नेताओं ने खराब
करवा दिया और कहा कि इन्द्रजीत को टिकट देना पार्टी की मजबूरी थी लेकिन विधानसभा
में कोई मजबूरी नहीं। विधानसभा टिकट बंटवारे में कुछ चौंकाने वाले फैसले हो सकते
हैं। तँवर ने भी दबी जुबान से अपने आपको टिकट का दावेदार बताया, टिकट
पार्टी दे या नहीं ये तो पार्टी का फैसला है। हालांकि भाजपा का 30
साल पहले से झण्डा उठाने वाले तँवर ने कहा मैं मुख्यमंत्री मनोहरलाल से लेकर
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के साथ पार्टी के लिए काम कर चुका हूं। अब जबकि सरकार
प्रदेश व केन्द्र में है, तो पार्टी से उम्मीद होना लाजिमी है।
जब तँवर से पूछा कि पार्टी ने आपको किसी बोर्ड का अभी तक चेयरमैन तक
नहीं बनाया तो क्या आप नाराज हैं। इस पर तँवर ने पार्टी पर विश्वास जताया और कहा
कि ये काम पार्टी तय करेगी। नहीं भी करेगी तो भी भाजपा के लिए काम करूंगा। जब तँवर
से ईवीएम को लेकर पूछा कि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि ईवीएम में गड़बड़ी हुई, जिसको
तँवर ने नकार दिया। विपक्षी हार को स्वीकार करना सीखें।
हालांकि गुरुग्राम में विधायक बनने की चाह रखने वालों ने तीर्थ यात्र
से लेकर गली-मोहल्ले, व निजी सम्पत्ति को बड़े-बड़े हो²डग से भर रखा
है। शहर में ज्यादातर ऑटो के पीछे बैनर लगा हुआ है। ऐसा लगता है कि ये चुनाव नहीं
लड़ रहे बल्कि पैसे की ताकत दिखा रहे हैं। इतिहास गवाह है कि बड़े-बड़े पूंजीपति भी
चुनाव हार गये। 1975 में बिड़ला ग्रुप के मालिक को एक ऐसे व्यक्ति ने चुनाव हरा दिया
जिसके साथ उसकी पत्नी भी नहीं थी।
खैर, लोकतंत्र में सभी लोग अपनी पार्टी के जीतने की दावेदारी करते हैं, लेकिन सब कुछ जनता के हाथ में है।