ITR दाखिल करने की आखिरी तिथि है पास, घर बैठे ऐसे करें रिटर्न फ़ाइल

2019-08-01 0


अगर आपकी सालाना आय इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक तय सीमा से अधिक है तो आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी  ITR दाखिल करना आवश्यक है। इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 2-50 लाख रुपये से ज्यादा है तो आईटीआर दाखिल करना होता है।

अगर आपकी सालाना आय इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक तय सीमा से अधिक है तो आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी  ITRदाखिल करना आवश्यक है। इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 2-50 लाख रुपये से ज्यादा है तो आईटीआर दाखिल करना होता है। टैक्सेबल इनकम पर हर व्यत्तिफ़ को टैक्स देना जरूरी है। वैसे टैक्स देनदारी शून्य होने पर भी ITR भरना फायेदमंद ही होता है। आईटीआर से इनकम टैक्स विभाग को साल भर की कमाई की जानकारी मिलती है।

नौकरीपेशा के लिए कौन-सा ITR फॉर्म

अगर आप नौकरी पेशा हैं तो आपको ITR-1 (सहज) फॉर्म भरना होगा। इसके अलावा इंडिविजुअल या हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) हैं या आपकी इनकम 50 लाख रुपये तक है, पेंशन, प्रॉपर्टी के किराए से आय होती है, ब्याज से आमदनी होती है तो इन तमाम स्थिति में आपको ITR-1 (सहज) फॉर्म भरना होगा। इसमें पत्नी, बच्चों की आय आपकी इनकम में शामिल है।

ITR फॉर्म में क्या हुआ है बदलाव

इनकम टैक्स रिटर्न भरना अब बेहद आसान हुआ है। ITR फॉर्म में सैलरी, ज्क्ै की जानकारी भरी होगी। फॉर्म में थ्क् पर मिले ब्याज की डिटेल्स भी भरी मिलेगी। अगर आपके फॉर्म में कोई जानकरी गलत है तो बदलाव कर सकते हैं। पहले ये सभी जानकारियां खुद ही भरनी पड़ती थीं। साथ ही यहां एक बात पर जरूर ध्यान दें कि गलत जानकारी देने पर जुर्माना भी लग सकता है।

ये जानकारियां पहले से ही भरी मिलेंगी

आइर्टीआर के फॉर्म में आपको पैन, नाम, जन्म तिथि, ज्क्ै और ज्ब्ै की जानकारी  पहले से मिलेंगी। इसके अलावा पता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी, थ्क् पर ब्याज से हुई आमदनी, घर से होने वाली आमदनी और बैंक अकाउंट की जानकारी मिलेंगी।

फॉर्म-16 में क्या बदला है

फॉर्म 16 में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। अब नये प्रावधान के मुताबिक, घर से आय भी फॉर्म 16 में शामिल होगी। इसके अलावा टैक्स छूट के लिए निवेश की जानकारी भी होगी। कर्मचारी को मिलने वाले अलग-अलग अलाउंस भी शामिल होंगे।

जानकारी देनी होगी जरूरी

नए प्रावधान के मुताबिक, अनलिस्टेड कंपनी के कितने शेयर? यह बताना होगा। इसके अलावा पिछले साल कब और कितने में शेयर खरीदे थे? साथ ही बैलेंस शीट में ओपनिंग इन्वेस्टमेंट भी दिखाना होगा । टैक्सपेयर कितनी कंपनियों में डायरेक्टर है? यह बताना होगा । पार्टनरशिप फर्म, स्स्च् के बारे में बताना होगा। सभी फर्मों का च्।छ भी देना होगा। वास्तविक आवासीय स्थिति की जानकारी देनी होगी। पिछले वर्ष आप कितने दिन विदेश में रहे? बताना होगा। पिछले 4 साल में देश से बाहर रहने के दिन भी बताने होंगे और जिस देश में रहे, टैक्स पे आइडेंटिफिकेशन नंबर भी बताना होगा। 

कॅैसे भरें ITR

ITR-1 ऑनलाइन और ऑफलाइन भर सकते हैं

- incometaxindiaefi ling.gov.in पर जाना होगा

- पहली बार टैक्सपेयर को रजिस्टर करना होगा

- रजिस्ट्रेशन के बाद आप ऑनलाइन टैक्स भर सकते हैं

- आपका PAN नंबर ही यूजर प्क् होगा

- ऑफलाइन के लिए ITR प्रीपेरेशन सॉफ्रटवेयर डाउनलोड करें

- सॉफ्रटवेयर की मदद से तैयार करें ITR रिटर्न

- तैयार होने के बाद वेबसाइट पर रिटर्न अपलोड करें

- जरूरत हो तो किसी एक्सपर्ट की मदद लें

टैक्स छूट के लिए फॉर्म-16 जरूरी

फॉर्म-16 इम्प्लॉयर की तरफ से मिलता है। इसमें काटे गए TDS  की जानकारी होती है। फॉर्म-16 में सैलरी ब्रेकअप और डिडक्शन होता है। फॉर्म-16 को फॉर्म 26AS से मिलान कर लें किसी तरह की गलती हो तो ठीक कराएं ।

फॉर्म 26AS भी अहम है

इसमें इम्प्लॉयर की तरफ से भरे गए टैक्स की जानकारी होती है। फॉर्म 26 AS को ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। आप incometaxindiaefi ling.gov.in से इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

क्या है फॉर्म-16

फॉर्म 16 नौकरीपेशा वालों को इम्प्लॉयर से मिलता है। फॉर्म 16 सैलरी पर टैक्स काटने पर दिया जाता है । इस फॉर्म में सैलरी पर काटे गए TDS की डिटेल होती है। सैलरी ब्रेकअप, टैक्स डिडक्शन, अलाउंस, 80 C शामिल होते हैं। अगर आपको अपनी कंपनी से फॉर्म 16 अब तक नहीं मिला है तो आप शिकायत कर सकते हैं।

Form 16A

फॉर्म 16A हर तिमाही में जारी किया जाता है। फॉर्म 16A भी एक तरह से TDS सर्टिफिकेट है। यह सैलरी के अलावा काटी गई आय पर TDS के लिए है। IT एक्ट के सेक्शन 203 के तहत जारी होता है।  इसमें डिडक्टर का नाम, पैन, टैन होता है। डिडक्टी का नाम और पैन नंबर होता है। पैसा, भुगतान की तारीख, TDS पेमेंट रसीद आदि होती है।  



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