बाबूलाल सैनी को मिला न्याय

2019-08-01 0


झुन्झुनू जिले के गुड़ागांव में बाबूलाल सैनी अपने परिवार के साथ कई वर्षों से वन विभाग की जमीन पर रहता था जो कि बीपीएल में आता है। जबकि वन विभाग की जमीन पर कई प्रभावशाली लोगों ने भी कब्जा कर रखा है। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने इस गरीब परिवार पर घर तोड़ने का भारी दबाव बना रखा था। इस दबाव व बिखरते हुए परिवार को बाबूलाल देख न सके।

जब पुलिस दल बल सहित वहां पहुंची तो बाबूलाल अन्दर से टूट गया और अपने शरीर पर आग लगा दी। बाबूलाल को पुलिस से इतना रोष था जब शरीर जल रहा था तब बाबूलाल ने पुलिसकर्मी को पकड़ने की नाकाम कोशिश की। लोगों ने जयपुर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया। मौत से जूझता आखिर बाबूलाल ने अपने प्राण त्याग दिया। सामाजिक व राजनैतिक लोगों में आक्रोश पैदा हुआ जिसकी अगुवाई उदयपुर वारी के नेता श्री भगवाना राम सैनी के नेतृत्व में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया। व अनेक सामाजिक लोगों ने भाग लिया। जिसमें के-के- सैनी, महावीर सैनी, शिम्भू रैगर, गुलाब चन्द, मेघवाल, माड़ूराम, अशोक इशांत लुनिवाल, मतेन्द्र सैनी, अजय तहसीड़, घोलतराम पार्षद, रामनिवास सैनी एडवोकेट, विद्याधर मील, ख्यालीराम गुर्जर, फूलचन्द सैनी, सरपंच गुड़ा, सुरेश मीणा, किशोर पुरा, रामलाल सैनी पूर्व सरपंच, छापोली शिम्भूदयाल सरपंच किशोर पुरा, मोहनलाल सैनी, पूर्व सरपंच किशोर पुरा, राम सिंह शेखावत गिरूवाँड़, नोरंगलाल शेखावत, ताराचंद, बनवारी मास्टर, फूलचन्द सैनी, जे-पी सैनी, सीताराम सैनी, रामदेव सैनी, मंगलराम सैनी मास्टर, कसोड़ मास्टर, मुक्तिलाल सैनी, महेश सैनी किशोरपुरा, ईसब अली, सतार अली, किशोर बाल्मीकि, गोकुल दास नानू रैगर, प्रकाश रैगर  सहित प्रमुख भूमिका में रहे। 



मासिक-पत्रिका

अन्य ख़बरें

न्यूज़ लेटर प्राप्त करें