करियर की प्लानिंग में कुछ बातों का धयान रखना फ़ायदेमंद होता है

2019-09-01 0

हर दिन किसी नई चीज को सीखने के लिए ‘हां’ कहें। हर हां एक नया रिस्क होता है जिसमें आप कुछ नया सीखते हैं।

इन दिनों चीजें तेजी से बदल रही हैं। ऐसे में लंबी अवधि का करियर प्लान बनाना आसान नहीं है। जिस हुनर का अच्छा दाम आज लोग देने के लिए तैयार हैं, मुमकिन है कि पांच साल बाद उसका कोई मोल न रह जाए। आज जितने लोग नौकरी करते हैं, उनमें से 90 फीसदी से ज्यादा लोग वह काम कर रहे हैं जिसका उनकी ग्रेजुएशन की पढ़ाई से कोई लेनादेना नहीं है। ऐसे में आपको क्या करना चाहिए?

1- हुनर को बढ़ाते रहें

नई चीजें सीखते रहें। अपने हुनर का दायरा बढ़ाएं। अपने करियर को वैसे ही देखें जैसे किसी विश्वविद्यालय का विस्तार होता है। केवल मजबूत स्किल सेट से ही आप बाजार में टिके रह सकते हैं। फिर चाहे यह किस ओर भी करवट ले। सही तरह की स्किल को चुनने के लिए पता करें कि आप कैसे वैल्यू जोड़ सकते हैं। मान लीजिए कि आप सर्विस के बिजनेस में हैं। तो, सोचिए कि अन्य व्यवसायों को आप क्या ऑफर कर सकते हैं। किस तरह इससे इनकम जेनरेट हो सकती है? अगर आप छोटे शहर में जापानी भाषा के अनुवादक हैं तो आपकी इनकम पूरी तरह ऑनलाइन फ्रीलांसिंग पर निर्भर करेगी।

2- आराम की चुकानी पड़ती है कीमत

अगर आप स्थिर नौकरी में हैं और जिंदगीभर इसे खुशी-खुशी जारी रखना चाहते हैं तो जान लें कि आप गलतफहमी में जी रहे हैं। कम्फर्ट जोन में रहकर कुछ नया न करने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। कारण है कि अगर कंपनी में आमूलचूल बदलाव होता है या टेक्नोलॉजी के चलते आपकी नौकरी पर असर पड़ता है तो आपके पास बैकअप प्लान नहीं होगा। सही मायने में कम्फर्ट जोन तभी बन सकता है जब नए मौकों के लिए तैयारी रखी  जाए।

3- रनिंग प्लान रखें

अगर आप कम्फर्ट जोन नहीं चाहते और लॉन्ग-टर्म करियर प्लान पर निर्भर नहीं रह सकते हैं तो आपको करियर की व्यापक दिशा में बढ़ना चाहिए। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लेते हैं कि आपने अकाउंटिंग एक्जीक्यूटिव के तौर पर करियर की शुरुआत की। फिर आपका करियर अकाउंट या फाइनेंस की तरफ बढ़ सकता है। आपका तत्काल फोकस मौजूदा स्किल को बढ़ाने पर होना चाहिए। साथ ही ऑडिट या एडवाइजरी या लॉ में कुछ नया सीखते रहना चाहिए।

4- हर दिन एक ‘हां’ कहें

हर दिन किसी नई चीज को सीखने के लिए ‘हां’ कहें। फिर चाहे सहयोगी आपसे नई प्रजेंटेशन देखने के लिए कहें। सेल्सपर्सन आपको क्लाइंट मीटिंग में ले जाए। किसी दूसरी इंडस्ट्री का सीनियर मैनेजर आपसे बात करना चाहता हो। या फिर आपके बॉस नए प्रोजेक्ट पर स्वेच्छा से आगे आने के लिए कह रहे हों। हर हां एक नया रिस्क होता है जिसमें आप कुछ नया सीखते हैं। नए मौके तलाशते हैं। याद रखें कि अगर आप पहले से ही किसी संकट के बीच में फंसे हैं तो तब तक हां नहीं कहें जब तक उससे उबर नहीं जाते हैं।

5- कनेक्शन और मौकों को भुनाएं

क्या आप अपने काम में इस कदर डूब गए हैं कि आपकी बातचीत का दायरा चंद लोगों तक सिमट गया है? अगर जवाब ‘हां’ है तो यह सही नहीं है। अपने पुराने नेटवर्क को खंगालते रहें। स्कूल के दोस्तों या उस ईवेंट को अटेंड करें जिसमें पुराने सहकर्मी आने वाले हों। नए लोगों के सर्किल से जुड़ें। जितने ज्यादा लोगों से आप जुड़ेंगे, उतने ही ज्यादा अनुभवों से आप गुजरेंगे।

6- सलाहकार को तलाशें

अपने मेंटर या कोच की तलाश करें। जब सभी टॉप सीईओ, विश्वस्तरीय एथलीट और सफल उद्यमी अपने साथ सलाहकारों की टीम रखते हैं तो क्यों आपको यह काम नहीं करना चाहिए? जरूरत पड़ने पर आप डॉक्टर, डेंटिस्ट, लॉयर या अकाउंटेंट के पास जाते ही हैं। करियर सपोर्ट के लिए भी आपको एक मेंटर की तलाश करनी चाहिए। उनके अनुभव आपकी कोशिशों को कम कर देते हैं।

7- हर चीज का कारण होना चाहिए

किसी भी चीज को करने का कोई कारण होना चाहिए। देखें कि आपको क्या करना पसंद है, उसके लिए कितना पैसा मिल सकता है, किस चीज को आप अच्छी तरह कर सकते हैं और लोगों को उसकी जरूरत कितनी है। करियर की सही दिशा आप को इन्हीं सवालों से मिलेगी। इन्हीं के आधार पर आप अपना करियर प्लान कर सकते हैं।



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