न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में सरकारी कर्मचारियों का प्रदर्शन, ये है मांग

2018-08-01 0

न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में सरकारी कर्मचारियों का प्रदर्शन, ये है मांग

करीब 14 साल पहले 2004 में लागू की गई नई पेंशन नीति का सरकारी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। पहले अलग-अलग राज्यों में शुरू हुए प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन किया। इनका कहना है कि नई पेंशन स्कीम में उनसे कई सुविधाएं छीन ली जा रही हैं। इस वजह से वह मांग उठा रहे हैं कि पुरानी पेंशन नीति को ही लागू कर दिया जाये।

सोमवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में देशभर के 1 लाख से भी ज्यादा सरकारी कर्मचारियों ने नई पेंशन नीति के विरोध में प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना है कि इस नई नीति में उनसे कई सुविधाएं छीनी जा रही हैं, जो उन्हें पुरानी स्कीम के साथ मिलती थीं।

कर्मचारियों का कहना है कि 2004 में लाई गई यह न्यू पेंशन स्कीम नहीं, बल्कि नो पेंशन स्कीम है, नई पेंशन नीति खामियों से भरी हुई हैं। कर्मचारियों के मुताबिक पुरानी पेंशन जहां सरकार देती थी वहीं, नई पेंशन अब बीमा कंपनियां देंगी। अगर कोई भी समस्या होती है तो हमें बीमा कंपनी से लड़ना पड़ेगा। 

उन्होने  बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम में सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी थी। लेकिन नई पेंशन नीति में कितनी पेंशन मिलेगी, यह तय नहीं है। इसके अलावा पुरानी पेंशन नीति में जीपीएफ की सुविधा भी मिलती थी। लेकिन नई पेंशन योजना में इसकी सुविधा खत्म कर दी गई है। 

जनरल प्रोविडेंट फंड अथवा जीपीएफ एक प्रोविडेंट फंड खाता होता है। जो सिर्फ सरकारी कर्मचारियों की खातिर होता है। कोई भी सरकारी कर्मचारी इसका सदस्य बन सकता है। इसके लिए उसे हर महीने अपनी सैलरी से कुछ फीसदी कॉन्ट्रीब्यूट करना पड़ता है। पुरानी पेंशन में जहां वेतन से कोई कटौती नहीं होती है, वहीं नई पेंशन नीति में वेतन से 10 फीसदी कटौती तय की गई है।


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