‘‘बीडब्ल्यूएफ़ वर्ल्ड चैंपियनशिप’’

2019-09-01 0


पीवी सिंधु अपनी फिटनेस और ट्रेनिंग के लिए कड़ी मेहनत करती हैं जिसके लिए फोन से लेकर पसंदीदा खाने तक से दूर रहती हैं

 

देश का नाम रोशन करने के लिए फोन, बिरयानी और आइसक्रीम छोड़ी, बाहर का पानी भी नहीं पीया पीवी सिंधु वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय हैं।

भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह उनका इस चैंपियनशिप में लगातार तीसरा और कुल पांचवां मेडल है। सिंधु ने किसी बड़े टूर्नामेंट में पहली बार गोल्ड जीता है। उन्होंने जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से एकतरफा मुकाबले में हरा दिया। सिंधु लगातार दो साल से वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में हार रही थीं। साथ ही उन्हें रियो ओलंपिक के फाइनल में भी हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार सिंधु ने पासा पलट दिया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

सबसे कामयाब सिंधु

सिंधु खिताब के मामले में अब तक की सबसे कामयाब भारतीय शटलर हैं। उन्होंने ओलिंपिक के अलावा वर्ल्ड चैंपियनशिप और ऑल इंग्लैंड में मेडल हासिल किए हैं। हैदराबाद की सिंधु को यह कामयाबी आसानी से नहीं मिली इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और कई त्याग किए हैं।

खेल के लिए पसंद को किया दरकिनार

सिंधु हर बड़े टूर्नामेंट के लिए अलग तरह से तैयारी करती हैं और उसके लिए अपनी फिटनेस पर भी पूरा ध्यान देती हैं। सिंधु खाने-पीने की बहुत शौकीन है और आइसक्रीम और बिरयानी उनकी पसंदीदा चीजें हैं। ट्रेनिंग के दौरान सिंधु अपनी फिटनेस बनाए रखने के लिए इन चीजों से दूरी बना लेती हैं।

2013 वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतकर बनाई थी पहचान

सिंधु सबसे पहले सुशिर्यों में तब आई थी जब साल 2013 में उन्होंने ग्वांग्झू चीन में आयोजित वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वह वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी थीं। इसी साल उन्होंने मलेशिया और मकाऊ ओपन भी अपने नाम किया। इसके बाद अगले ही साल उन्होंने एक बार फिर वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीता।

सिंधु ने इसके बाद पूरी तरह ओलिंपिक की तैयारियों पर ध्यान लगाया। रियो ओलिंपिक में सिल्वर जीतने के बाद कोच पुलेला गोपीचंद ने लिंपिक मेडल जीतने के बाद बताया था कि वह अक्सर सिंधु की प्लेट से खाना बाहर रख देते हैं ताकि उसका वजन न बढ़े।

खेल के लिए छोड़ दिया था फोन और आइसक्रीम

खाने में चॉकलेट और हैदराबादी बिरयानी सिंधु की पसंदीदा हैं। गोपीचंद ने ओलिंपिक के दौरान भी सिंधु पर पाबंदी लगा रखी थी। बाहर का पानी पीने तक की इजाजत नहीं थी। जिस उम्र में लोग बाहर घूमने-फिरने मौज मस्ती करने में व्यस्त होते हैं सिंधु को उस दौरान फोन रखने की भी इजाजत नहीं थी। गोपीचंद ने तीन महीने पहले सिंधु से उनका फोन ले लिया था।

12 साल से गोपीचंद से कोचिंग ले रही हैं सिंधु

मेडल जीतने के बाद सिंधु ने सबसे आइसक्रीम खाने की इच्छा जाहिर की थी। सिंधु पिछले करीब 12 साल से गोपीचंद से बैडमिंटन का प्रशिक्षण ले रही हैं। सिंधु खुद मानती हैं कि बैडमिंटन में उन्होंने जो कुछ सीखा है, उसका श्रेय केवल गोपीचंद को जाता है और वो उनकी हर बात को आंख मूंदकर मानती हैं। गोपीचंद ने खुद भी सिंधु के लिए कई त्याग किए हैं।

सिंधु ने जीता एकतरफा फाइनल मुकाबला

सिंधु इस मैच में पूरी तरह ओकुहारा पर हावी रहीं। सिंधु ने पहले गेम की पहली रैली में नेट पर गलती करते हुए ओकुहारा को पहला अंक दिया लेकिन इसके बाद पूरे गेम में ओकुहारा अंक के लिए तरसती रही। सिंधु ने शॉट्स में काफी वैरिएशन दिखाया और 16 मिनट तक चला पहला गेम 21-7 से अपने नाम किया। पहले गेम में बड़ी हार के बाद दूसरे गेम की शुरुआत में ही ओकुहारा परेशान दिखी और उन्होंने कई अनफोर्स्ड एरर के साथ सिंधु को लीड बनाने का मौका दिया। उन्होंने अपने गेम में बदलाव करते हुए गति बढ़ाई लेकिन सिंधु के डिफेंस को तोड़ नहीं पाईं। वहीं सिंधु ने ओकुहारा को पूरे कोर्ट पर खिलाया और बैककोर्ट पर उन्हें गलतियां करने पर मजबूत किया।

22 मिनट तक चले इस गेम को भी सिंधु ने 21-7 से अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही वह पहली बार इस चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने में कामयाब रहीं। सिंधु के अलावा बी साईं प्रणीत ने भी ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम करके वर्ल्ड चैंपियनशिप के पुरुष वर्ग में 16 साल से चल रहा मेडल का सूखा खत्म किया। प्रणीत से पहले साल 1983 में दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ड मेडल जीता था। 



मासिक-पत्रिका

अन्य ख़बरें

न्यूज़ लेटर प्राप्त करें