इक्विटी फ़ंडों में निवेश से नुकसान हो रहा है तो क्या करना चाहिए?

2019-10-01 0

मैं पिछले एक साल से कई म्यूचुअल फंडों में निवेश कर रहा हूं। मेरा पोर्टफोलियो नुकसान में है। मुझे क्या करना चाहिए?’ नए इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेशक लगातार ये सवाल पूछ रहे हैं।

लाजिमी है कि इन्हें अपने निवेश की चिंता है। कुछ जानकार इसका पहले से ‘तैयार’ जवाब देते हैं। मसलन, लंबी अवधि के लक्ष्यों पर फोकस करें, छोटी अवधि की उठापटक को नजरअंदाज करें इत्यादि। यही वजह है कि हमने कुछ म्यूचुअल फंड एडवाइजर और फाइनेंशियल प्लानर से बात की। यह पता लगाया कि आखिर इस तरह के सवालों के बारे में वे क्या सोचते हैं।

फाइनेंशियल प्लानर और एडवाइजर्स कहते हैं ‘मार्केट डाउन है। इक्विटी स्कीमों पर भी इसका असर है। पिछले एक या दो साल से पैसा लगाने वाले निवेशकों के पोर्टफोलियो अभी लाल निशान में हैं। लेकिन, यह इक्विटी में निवेश का हिस्सा है। निवेशकों को समझना होगा कि वे लंबी अवधि के खेल में हैं। मार्केट में एक अच्छा साल इस पूरे नुकसान की भरपाई कर देगा। उदाहरण के लिए जो निवेशक शेयर मार्केट में चार या पांच साल से हैं, उनके पोर्टफोलियों के औसत रिटर्न निगेटिव नहीं हैं।’

पिछले एक साल में इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम की तकरीबन सभी कैटेगरी ने निगेटिव रिटर्न दिया है। सबसे ज्यादा नुकसान स्मॉलकैप स्कीमों को हुआ है। पिछले एक साल में इनका रिटर्न शून्य से

15-97 फीसदी नीचे (-15-97) है। मिडकैप का रिटर्न -12-03 फीसदी और मल्टीकैप स्कीम का -6-12 फीसदी है। कई फंड मैनेजर मार्केट में दोबारा तेजी की आस लगाए बैठे हैं। लेकिन, इसमें अभी थोड़ा वत्तफ़ लग सकता है।

हालांकि, म्यूचुअल फंड एडवाइजरों को लगता है कि कुछ निवेशकों को बाजार के इतर अन्य बातों के चलते नुकसान हो सकता है। एक प्रसिद्ध एडवाइजर्स कहते हैं, ‘इक्विटी स्कीमों में बिना प्लानिंग के पैसा लगाने वाले निवेशकों के लिए यह निकलने का अच्छा समय है। इनमें से कई ने शानदार रिटर्न के लालच में आकर इक्विटी स्कीमों में पैसा लगाया था। अब वे जोखिम को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। अगर इस तरह की गिरावट को नहीं झेल सकते हैं तो यह एसेट क्लास आपके लिए नहीं है। इनमें से कुछ स्कीमें एक साल में 30 फीसदी तक रिटर्न दे सकती हैं। वहीं, इनके शून्य से 15 फीसदी नीचे तक गोता लगाने की भी आशंका होती है। इस चीज को आपको समझना होगा।’

म्यूचुअल फंड एडवाइजरों को लगता है कि जिन इक्विटी निवेशकों के लंबी अवधि के लक्ष्य हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। फंड मैनेजर निवेशकों को अपने एसेट एलोकेशन के साथ बने रहने की भी सलाह दे रहे हैं।

अगर आप 7-10 साल के निवेश नजरिए के साथ पैसा लगा रहे हैं तो शोर-शराबे को नजरअंदाज कर शांति से बैठें। अगर चीजें समझ नहीं आ रही हैं तो अपने आप फैसले नहीं करें। अपने म्यूचुअल फंड एडवाइजर की सलाह लें।’ 



मासिक-पत्रिका

अन्य ख़बरें

न्यूज़ लेटर प्राप्त करें