ग्राम पंचायत और प्रधाान के 20 महत्वपूर्ण काम को जानना जरूरी है

2019-10-01 0

ऐसी बहुत सी योजनाएं हैं, जिनके बारे में न तो प्रधान ग्रामीणों को बताते हैं और न ही लोगों को इनके बारे में पता चलता है। जैसे कि गाँव में पशुओं के लिए चारागाह की व्यवस्था किसी भी ग्राम पंचायत में नहीं होती है।’

गांवों का कायाकल्प करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर साल एक-एक ग्राम पंचायत को लाखों करोड़ों रुपए देते हैं। इन पैसों से वहां शौचालय, नाली खडंजा, पानी, साफ सफाई, पक्के निर्माण होने चाहिए। गांव में सिंचाई की सुविधा हो ये भी प्रधान का काम है। आप के घर का पानी सड़क पर न बहे ये भी पंचायत का काम है, लेकिन ज्यातादर लोग इस बारें में जानते नहीं है।

ऐसी बहुत सी योजनाएं हैं, जिनके बारे में न तो प्रधान ग्रामीणों को बताते हैं और न ही लोगों को इनके बारे में पता चलता है। जैसे कि गाँव में पशुओं के लिए चरागाह की व्यवस्था किसी भी ग्राम पंचायत में नहीं होती है।’

आपको बताना इसलिए जरूरी हैं, क्योंकि इन्हीं पैसों से आपके लिए पानी, घर के सामने की नाली, आपकी सड़क, शौचालय, स्कूल का प्रबंधन, साफ-सफाई और तालाब बनते हैं।

गांवों के देश भारत में ग्राम पंचायतें सबसे अहम हैं। ग्रामीण भारत की तरक्की के लिए सरकारें तमाम योजनाएं इन्हीं पंयायतों के जरिए चलाती हैं। पंयायतों में वर्तमान समय में हर साल लाखों-करोड़ों रुपए आते हैं। सरकार समय-समय पर अभियान चलाकर लोगों को बताती भी है कि कौन सी सरकारी योजनाएं उनके इलाके में चलाई जा रही हैं।

सरकार हर साल लाखों-करोड़ों रुपए एक ग्राम पंचायत को देती है। ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव समेत कई अधिकारी मिलकर उस फंड को विकास कार्यों में खर्च करते हैं। अगर आप को जानकारी होगी तो आप न सिर्फ प्रधान से बैठक में पूछ पाएंगे, बल्कि आरटीआई के द्वारा सरकार से भी सवाल कर सकते हैं। इस पंचायत सप्ताह में हमने लोगों से जानने की कोशिश की क्या वो जानते हैं प्रधान के कितने काम होते हैं, सैकड़ों ग्रामीणों के जवाब न में थे।

प्रतापगढ़ जिले के शिवगढ़ ब्लॉक के भिखनापुर गाँव की विमला देवी बताती हैं, ‘हमें तो न ग्राम प्रधान कुछ बताते हैं और कोई दूसरा, पांच साल में प्रधान बदल जाते हैं, लेकिन हम जैसे गरीबों के लिए कुछ नहीं होता है। प्रधान अपने जानने वाले लोगों को ही बताते हैं।

वहीं फैजाबाद जिले के बहराएं गाँव के राकेश दूबे बताते हैं, ‘ग्राम पंचायत में ऐसी बहुत सी योजनाएं हैं, जिनके बारे में न तो प्रधान ग्रामीणों को बताते हैं और न ही लोगों को इनके बारे में पता चलता है। जैसे कि गाँव में पशुओं के लिए चरागाह की व्यवस्था किसी भी ग्राम पंचायत में नहीं होती है। ऐसी और भी बहुत सी योजनाएं हैं, जिनके बारे में लोगों को पता नहीं होता है।’

हमारे यहां पंचायत में सरपंच होते हैं, लेकिन कभी कोई किसी योजना के बारे में नहीं बताता है, अगर हम लोगों को पता हो कि कौन-कौन से काम पंचायत को करने हैं तो हम भी सरपंच से पूछ सकते हैं।’

मध्य प्रदेश के रीवा जिले के जतरी गाँव के धीरेन्द्र सिंह कहते हैं, ‘हमारे यहां पंचायत में सरपंच होते हैं, लेकिन कभी कोई किसी योजना के बारे में नहीं बताता है, अगर हम लोगों को पता हो कि कौन कौन से काम पंचायत को करने हैं तो हम भी सरपंच से पूछ सकते हैं।’

मुख्य रूप से ग्राम पंचायत की होती हैं ये जिम्मेदारियां

  • गाँव के रोड को पक्का करना, उनका रख रखाव करना

      ग्राम पंचायत में जितनी भी कच्ची-पक्की सड़कों का निर्माण होता है, सभी ग्राम प्रधान को ही देखने होते हैं, साथ ही पानी निकासी के ड्रेनेज की भी व्यवस्था भी करनी होती है।

      गांव में पक्की सड़क

  • गाँव में पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करना

       इसमें ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होती है कि ग्रामीणों के पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होती है।

  • पशु पालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, दूध बिक्री केंद्र और डेयरी की व्यवस्था करना

      ग्रामीण क्षेत्रें में लोगों के पास पशुपालन कमाई का एक जरिया होता है, लेकिन पशुपालकों को दूध बिक्री की समस्या होती है, इसलिए पंचायत स्तर पर दूध बिक्री केंद्र व डेयरी की व्यवस्था होनी             चाहिए। पशुपालन के लिए जानकारी, उनका टीका और उनका उपचार कराना भी पंचायती राज्य के अंतर्गत रखा गया है ताकि पशुपालन ज्यादा फायदेमंद हो।

  • सिंचाई के साधन की व्यवस्था

      किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए सरकारी टड्ढूबवेल की व्यवस्था, नहर से निकली नालियों की साफ-सफाई का काम भी ग्राम पंचायत को देखना होता है।

  • गाँव में स्वच्छता बनाये रखना

      ग्रामीण क्षेत्र में नालियों की साफ-सफाई, गाँव में दवाइयों का छिड़काव, साथ एएनएम, आशा बहु टीका लगा रहीं हैं कि नहीं ये भी देखना होता है।

  • गाँव के सार्वजनिक स्थानों पर लाइट्स का इंतजाम करना

       ग्राम पंचायत के सार्वजनिक स्थान, जैसे मंदिर, मस्जिद आदि स्थानों पर लाइट की व्यवस्था करनी होती है, ताकि ऐसे स्थानों पर पर्याप्त उजाला रहे।

  • दाह संस्कार व कब्रिस्तान का रख-रखाव करना

      पंचायत में अलग-अलग धर्म व समुदाय के लोगों के लिए दाह संस्कार स्थल व कब्रिस्तान की देख रेख भी ग्राम पंचायत को करनी होती है। कब्रिस्तान की चाहरदिवारी का निर्माण भी ग्राम प्रधान को        कराना होता है।

  • कृषि कार्यक्रमों में हिस्सा लेना

       गाँवों में खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कृषि गोष्ठी करानी होती है, ताकि किसानों को नई जानकारियां मिलती रहें।

  • कृषि को बढ़ावा देने वाले प्रयोगों प्रोत्साहित करना

      अगर कोई किसान कृषि क्षेत्र में नया प्रयोग करता है तो उसे प्रोत्साहित करना होता है, जिससे दूसरे किसान भी उनसे जानकारी ले सकें।

  • गाँव में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना

       गाँव में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए, समय-समय पर जागरूकता रैली निकालने, घर-घर जाकर लोगों को शिक्षा का महत्व समझाना ताकि वो अपने बच्चों को विद्यालय भेजें।

  •  खेल का मैदान व खेल को बढ़ावा देना

      बच्चों के लिए खेल के मैदान का इंतजाम करना व खेल कूद से सम्बंधित सामान की व्यवस्था करना। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता कराकर बच्चों में खेल और पढाई की भावना को प्रोत्साहित करना।

  • स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना

      स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना, गाँव में सार्वजनिक शौचालय बनाना व उनका रख रखाव करना। जिनके घर में शौचालय का निर्माण हो गया है, उन्हें शौचालय प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना        और लोगों को स्वच्छता अभियान का महत्व समझाना।

  • गाँव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना

      गाँव को हरा-भरा बनाने के लिए गाँव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना और दूसरों को प्रोत्साहित करना, साथ ही उसका उनका रख रखाव करना।

  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना

      बेटियों को बढ़ावा देने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना, जिससे लोग अपनी बेटियों को स्कूल भेजें।

  • जन्म मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना

       ग्राम पंचायत में जन्म मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना, जिससे जनगणना जैसे कामों में आसानी आ जाए। इसके बारे में प्रशासन को समय-समय पर सूचित करना होता है।

  • गरीब बच्चों के लिए मुफ्रत शिक्षा की व्यवस्था

       शिक्षा के अधिकार के तहत एक से लेकर आठवीं तक बच्चों की शिक्षा की मुफ्रत व्यवस्था करना।

  • गाँव में भाई-चारे का माहौल बनाना

       गाँव में किसी धर्म या समुदाय में लड़ाई-झगड़े न हो ऐसा माहौल बनाना, झगड़ों को सुलझाना व दोस्ताना माहौल पैदा करना।

  • आंगनबाड़ी केंद्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करना

      ग्राम पंचायत स्तर पर बच्चों, किशोरियों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की होती है, वो काम कर रही हैं कि नहीं, सभी को पोषाहार मिल रहा है कि नहीं ये          सब देखने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है।

  • मछली पालन को बढ़ावा देना

      मनरेगा योजना के तहत मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए तालाबों की खुदाई ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया है। अगर किसी ग्रामीण क्षेत्र में नदियां हैं तो उनका संरक्षण व              मछली पालन भी ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया। 



मासिक-पत्रिका

अन्य ख़बरें

न्यूज़ लेटर प्राप्त करें