वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिपः फ़ाइनल हारकर भी अमित पंघाल ने रचा इतिहास

हरियाणा के 23 साल के मुक्केबाज अमित पंघाल ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल कर इतिहास रच दिया और वह यह उपलब्धिा हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज बन गए।
एशियन चैंपियन भारत के स्टार मुक्केबाज अमित पंघाल (52
किग्रा) ने शनिवार को वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल कर इतिहास
रच दिया। वह वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष
मुक्केबाज बन गए। दूसरी वरीयता प्राप्त पंघाल को खिताबी मुकाबले में उज्बेकिस्तान
के शाशोबिदिन जोइरोव ने मात दी।
फाइनल में पंघाल को ओलंपिक चैंपियन के खिलाफ एकतरफा फैसले से हार का
सामना करना पड़ा। पंघाल ने पहले ही ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया है। इस चैंपियनशिप
में मेडल जीतने वाले बॉक्सर्स ओलंपिक कोटे के हकदार थे।
पंघाल इससे एक दिन पहले कजाकिस्तान के साकेन बिबोसिनोव को हराकर
चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बॉक्सर बने। उज्बेकिस्तान
के शाशोबिदिन जोइरोव ने फ्रांस के बिलाल बेनामा को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। 26
साल के जोइरोव ने 2016 में रियो ओलंपिक गेम्स के 52 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था।
भारतीय मुक्केबाज पहले राउंड में डिफेंसिव अंदाज में खेलते नजर आए।
दूसरे राउंड में उन्होंने मौके बनाने शुरू किए और थोड़ा आक्रामक हुए। तीसरे और
अंतिम राउंड में जोइरोव ने कुछ अच्छे पंच जड़े। जोइरोव के पक्ष में ही अंत में
फैसला आया और वह गोल्ड जीतने में कामयाब रहे।
एकातेरिनबर्ग (रूस)
- अमित पंघाल वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज बने
- बॉक्सर अमित पंघाल खिताबी मुकाबले में उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव से हारे
- पंघाल ने 49 किग्रा के ओलंपिक कार्यक्रम से हटने के बाद 52 किग्रा में खेलने का फैसला किया था
- हरियाणा के पंघाल ने पहले ही ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया था
पहले 49 किग्रा वर्ग मेंखेलते थे पंघाल
भारतीय बॉक्सिंग में पंघाल के ऊपर चढ़ने का ग्राफ शानदार रहा है जिसकी
शुरुआत 2017 एशियाई चैंपियनशिप में 49 किग्रा वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल से हुई
थी। उन्होंने बुल्गारिया में प्रतिष्ठित स्ट्रैंडजा मेमोरियल में गोल्ड जीता। वह 2018
में एशियन चैंपियन बने। इस साल उन्होंने एशियन चैंपियनशिप का गोल्ड अपने नाम किया
और फिर 49 किग्रा के ओलंपिक कार्यक्रम से हटने के बाद 52 किग्रा में खेलने का फैसला किया।
इस साल दूसरा मेडल
भारत ने कभी वर्ल्ड चैंपियनशिप के एक चरण में एक से ज्यादा मेडल हासिल नहीं किए थे लेकिन पंघाल और मनीष कौशिक (63 किग्रा) ने इसे बदला। पंघाल के सिल्वर से पहले मनीष ने अपने वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता। उनसे पहले विजेंदर सिंह (2009), विकास कृष्ण (2011), शिव थापा (2015) और गौरव बिधुड़ी (2017) ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे।