ऑस्ट्रेलिया में काम के अनुभव से दाखिला आसान

2019-11-01 0

इन्फ़र्मेशन और कम्यूनिकेशन टेक्नॉलजी (आईसीटी)एक ऐसा फ़ील्ड है जिसमें हमेशा नए अवसर पैदा होते रहते हैं। भारत में बदलते रुझानों का विश्लेषण करते हुए राम सिंह ने मकैनिकल से बदलकर आईटी इंजीनियरिंग में करियर बनाने को चुना। राम इसका श्रेय भारत में अपने काम के चार सालों के अनुभव को देते हैं।

अगर आपको अपने देश के अंदर अलग-अलग कामों का अनुभव है तो आपको ऑस्ट्रेलिया में आसानी से दाखिला मिल जाता है। इस बारे में राम सिंह ने अपना अनुभव साझा किया है। वह ऑस्ट्रेलिया की डीकिंज यूनिवर्सिटी से इन्फर्मेशन सिस्टम में मास्टर कर रहे हैं।

इन्फर्मेशन और कम्यूनिकेशन टेक्नॉलजी (आईसीटी) एक ऐसा फील्ड है जिसमें हमेशा नए अवसर पैदा होते रहते हैं। भारत में बदलते रुझानों का विश्लेषण करते हुए राम सिंह ने मकैनिकल से बदलकर आईटी इंजिनियरिंग में करियर बनाने को चुना। राम इसका श्रेय भारत में अपने काम के चार सालों के अनुभव को देते हैं। उन्होंने देश के अंदर आईटी से लेकर डिजाइन इंजीनियरिंग तक कई सेक्टरों में काम किया है। राम ने बताया, ‘विदेशी यूनिवर्सिटियां अंतर्राष्ट्रीय छात्रें का मूल्यांकन उनके अपने देश में विभिन्न कामों में अनुभव के आधार पर करती हैं।’

राम ने साल 2013 में राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आरटीयू) से मकैनिकल इंजिनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। उन्होंने अलग-अलग कंपनियों में ग्लोबल क्लाइंट्स के लिए काम किया और अपने करियर का मार्ग बदलते हुए इसे आईटी डोमेन की ओर मोड़ना चाहा। इसके बाद उनके अंदर विदेश में पढ़ने की उत्सुकता जागी।

साल 2015 में वह मकैनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री करने के लिए कनाडा जाने वाले थे। इसी बीच उनके स्वास्थ्य के कारण उनका वीजा रिजेक्ट हो गया। फिर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया जाकर पढ़ने की सोची। राम ने बताया, ‘यह एक तरह का मेरे लिए छिपा हुआ वरदान था कि मैं कनाडा नहीं गया और कार्य अनुभव हासिल करने की योजना बनाई। इसके बाद मैंने ऑस्ट्रेलिया जाने पर गौर करना शुरू किया क्योंकि वहां यूएस और यूके के मुकाबले खर्च कम था और स्थायी निवास भी हासिल करना आसान है।’

क्या है इन्फर्मेशन सिस्टम में मास्टर?

इस कोर्स से बिजनेस संबंधित सिद्धांतों और इन्फर्मेशन सिस्टम की प्रैक्टिसेज एवं ई-बिजनेस के लिए पर्याप्त स्किल हासिल होता है। इसमें किसी बिजनेस और पॉलिसी के संदर्भ में सूचनाओं के रणनीतिक इस्तेमाल पर फोकस किया जाता है। इस कोर्स से इन्फर्मेशन सिस्टम के खास क्षेत्रें जैसे इन्फर्मेशन सिक्योरिटी, सप्लाई चेन मैनेजमेंट आदि में बेहतरीन तकनीकी ज्ञान और क्षमता हासिल होती है।

भारत में जितने इन्फर्मेशन सिस्टम प्रोग्राम ऑफर किए जाते हैं उनमें से ज्यादातर सर्टिफिकेशन प्रोग्राम हैं जिनमें प्रैक्टिकल की बजाय थिअरी पर ज्यादा जोर दिया जाता है। लेकिन हर कंपनी अपने कामकाज में इस तकनीक का इस्तेमाल करती है।

राम का मानना है कि भारत में उद्योग और शिक्षा जगत के बीच खाई है जिसकी वजह से बहुत से छात्र कुछ खास कोर्सों के लिए विदेश जाने के लिए मजबूर होते हैं। इससे लंबे समय में उनके करियर को काफी मजबूती मिलती है। 




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