करियर में अपार संभावनाएं

2020-02-01 0


इंडस्ट्री की जरूरतों को देखते हुए साल 2020 में नए जमाने की टेक्नोलॉजी में कुशल प्रोपेफशनल्स की भारी डिमांड रहने वाली है। एआई, एमएल, डेटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स तथा ब्लॉकचेन जैसी टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग पा चुके लोगों की मांग नए साल में दोगुनी रहने का अनुमान है। युवा इन क्षेत्राों में अपनी स्किल बढ़ाकर करियर में नई उंचाइयां छू सकते हैं।

हाल जी में प्रोपेफशनल नेटव²कग प्लेटपफॉर्म लिंक्डइन ने ‘इमर्जिंग जॉब्स 2020 नाम से उन जॉब्स की एक सूची जारी की है, जो वर्ष 2020 में डिमांड में रहने वाले हैं। रिपोर्ट के अनुासर, आने वाले दिनों में इन जॉब्स में अच्छी सैलरी के साथ-साथ तरक्की की संभावनाएं भी ज्यादा रहेंगी। आइए इन नए जमाने के जॉब्स और करियर पर डालते हैं। इक नजर, जहां नौकरी को एंज्वॉय करने के साथ-साथ लाखों में कमाई की जा सकती है। 

डिजिटाइजेशन पर जोर दिये जाने के कारण पिछले एक-दो साल से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की समझ रखने वालों की काफी जरूरत देखी जा सकती है,जो ब्लॉकचेन सिस्टम के लिए नई सर्विसेज और तकनीक विकसित करने में मदद पहुंचाते हैं। लिंक्डइन की सूची के अनुसार वर्ष 2020 में यह जॉब टॉनप डिमांड में रहेंगी। आईटी/सॉफ्रटवेयर कंपनीज, पफाइनेंशियल व पिफनटेक सर्विसेज तथा हॉस्पिटल एवं हेल्थकेयर से सम्बंध्ति सेक्टर्स में ब्लॉकचेन डेवलपर्स की अभी सबसे अध्कि डिमांड है।

माना जा रहा है कि वित्तीय लेन-देन के लिए यह बेहद सुरक्षित और प्रामाणिक तकनीक हो सकती है, जिसमें हैकिंग या फ्रॉड होने का कोई खतरा नहीं है। रैंसटैड की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो साल में ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी नौकरियों की संख्या में करीब 50 पफीसदी तक उछला आर्ठ है। ब्लॉकचेन तकनीक की मांग को देखते हुए भारत के कई आईआईटी संस्थानों के इंजीनियरिंग प्रोग्राम में अलग से एक मॉड्यूल के तौर पर इस विषय की पढ़ाई कराई जा रही है। इसके अलावा, आईबीएम, टैलेंट स्प्रिंट, कोर्सेरा उडेमी जैसे कुछ संस्थानों द्वारा भी यह कोर्स कराया जा रहा है। यह कोर्स एक माह से लेकर तीन और छह माह की अवधि का है, जिसे कोई भी युवा कर सकता है। लेकिन जो लोग प्रोग्राममिंग बैकग्राउंड के हैं, कोडिंग/जावा जानते है या फिर सॉफ्रटवेयर डेवलपिंग, बैं¯कग/पफाइनेंशियल सेक्टर में हैं, उनके लिए यह कोर्स ज्यादा उपयुक्त है।

आर्टीपफशियल इंटेलीजेंस स्पेशलिस्ट

ऑटोमेशन के बढ़ने से इन दिनों आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस ;एआईद्ध स्पेशलिस्ट की भारी डिमांड है, जो एडवांस मशीनों को एआई तकनीक से लैस करके उसे इतना हाईटेक बना देते हैं कि वह खुद ही चीजों को सीखकर कोई भी कार्य कुशलतापूर्वक कर सकती है। अमेरिका में यह टॉप का जॉब है। भारत में भी इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। लिंक्डइन की सूची में यह जॉब दूसरे नंबर पर है। इस पफील्ड में आने के लिए आपके पास मशीन ल²नग, डीप ल²नग, टेंसर फ्रलो, पायथन तथा नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग जैसी स्किल्स का होना आवश्यक है। पिफलहाल,कॉलेज में स्वतंत्रा रूप में अभी यह कोर्स नही कराया जा रहा है। माइक्रोसॉफ्रट इंडिया जैसी आईटी कंपनियां एआई की ट्रेनिंग उपलब्ध् करा रही हैं, जहां से इसे सीख जा सकता है।

जावास्क्रिप्ट डेवलपर

वेबसाइट्स की मांग को देखते हुए बेंगलुरू, मुंबई तथा हैदराबाद जैसे शहरों में जावास्क्रिप्ट डेवलपर्स की आजकल कापफी डिमांड है। दरअसल, जावास्क्रिप्ट वेब डिजाइनिंग का ही एक पार्ट है, इसके तहत वेबसाइट्स के प्रंफट-एंड के लिए लैंग्वेज की प्रोग्रामिंग की जाती है। यह लैंग्वेज स्किल रखने वाले युवा आईटी एवं सॉफ्रटवेयर कंपनीज, इंटरनेट आधरित कंपनीज, रिसर्च एवं वेब डिजाइनिंग के क्षेत्रा में अपने लिए नौकरी तलाश कर सकते हैं। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और कोडिंग का समुचित कोर्स करके युवा इस पफील्ड में आसानी से एंट्री पा सकते हैं।

रोबोटिक्स इंजीनियर/कंसल्टेंट

इनोवेटिव तकनीक आ जाने से दुनियाभर में रोबोट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है जो घर के काम से लेकर हर वह काम कर रहे हैं, जो इंसान कर सकता है। आने वाले दिनों में मैन्युपैफक्चरिंग, मेडिकल तथा सर्विस इंडस्ट्री में उसके उपयोग की ज्यादा संभावनाएं देखी जा रही हैं। इस पफील्ड की लोकप्रियता को देखते हुए कई संस्थानों में रोबोटिक साइंस नाम से अलग से कोर्स कराए जा रहे हैं।

डाटा एनालिस्ट

कुछ दिन पहले आई सैलरी डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डाटा एनॉलिस्ट भी नए जमाने की उन टॉप टेक जॉब्स में से एक है, जहां शुरुआत में ही लोगों को लाखों रुपए का पैकेज मिलता है। पिछले दो-तीन साल में इस क्षेत्रा में नौकरियों की संख्या दोगुनी बढ़ी है। हाल के दिनों में आईआईटीज समेत देश की कई निजी यूनिवर्सिटीज में बीटेक इन डाटा साइंस जैसे डिग्री कोर्स शुरू किए गये हैं, जिनहें 12वीं के बाद किया जा सकता है।

मशीन लर्निंग इंजीनियर

मशीन लर्निंग भी नए जमाने की टेक्नोलॉजी है। इस तकनीक में कुशल प्रोपेफशनल्स की भी आजकल उतनी ही मांग है, जितनी कि आई, ब्लॉकचेन, आईओटी, साइबर सिक्योरिटी या पिफर डाटा एनॉलिटिक्स में। मशीन लर्निंग को संक्षेप में एमएल कहा जाता है, जो आई का ही एक पार्ट है। अल्गोरिदम पर आधारित इस तकनीक की खूबी यह है कि इससे लैश मशीनों को अपना काम करने के लिए इंसानों के मदद की जरूरत नहीं पड़ती यानी ये ऑटोमैटिक मशीनें खुद ही अपना काम कर लेती हैं। मशीन लर्निंग में ज्यादातर कोर्स अभी ऑनलाइन प्लेटपफार्म पर ही मौजूद हैं। गूगल भी मशीन लनिंग का क्रैश कोर्स कराता है। यह कोर्स करने के लिए मैथमेटिक्स, साइंस और साइकोलॉजी बैकग्राउंड का होना आवश्यक है।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स एक्सपर्ट

आजकल तमाम ऐसी एडवांस डिवाइसेज मार्केट में आ गई है, जो इंटरनेट से संचालित होती है, जैसे कि स्मार्टवॉचेज, एसी, फ्रिज, स्मार्टलॉक इत्यादि। इसे ही हम इंटरनेट ऑफ थिंग्स ;आईओटीद्ध भी कहते हैं। जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में धीरे-धीरे हमारी सारी डिवाइसेज इंटरनेट से कनेक्ट होंगी। जाहिर है ऐसे में इन आईओटी डिवाइसेज की प्रोग्रामिंग, डिजाइनिंग और उसके हार्डवेयर को तैयार करने वाले प्रोपेफशल्स की भारी डिमांड होगी। देश में अभी आईओटी से सम्बंध्ति ज्यादातर कोर्स ऑनलाइन माध्यम से ही कराये जा रहे हैं, जहां से यह शॉर्ट टर्म कोर्स किया जा सकता है।

डिजिटल मार्केटिंग स्पेशलिस्ट

ऑनलाइन बिजनेस पर जोर दिये जाने के बाद उसके प्रचार-प्रसार के लिए डिजिटल मार्केटिंग में प्रशिक्षित युवाओं की आजकल कापफी डिमांड है, जो सोशल मीडिया ;पेफसबुक, ट्विटर, वाट्सअपद्ध, ईमेल और गूगल के जरिएकंपनी के प्रोडक्ट तथा सर्विसेज की स्मार्ट तरीके से मार्केटिंग करते हैं। ई-कॉमर्स, स्टार्टअप्स समेत विभिन्न बिजनेस कंपनियों में डिजिटल मार्केटिंग मैनेजरऑनलाइन मार्केटिंग मैनेजर, एसईओ मैनेजर जैसे प्रोपफाइल के तहत ये अपनी सेवाएं देते हैं। कई संस्थान डिजिटल मार्केटिंग/सोशल मीडिया मार्केटिंग में डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा से लेकर एग्जीक्यूटिव डिप्लोमा जैसे कोर्स ऑफर कर रहे हैं, जिसे ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है। इसके अलावा, बीबीए इन ई-कॉमर्स मार्केटिंग के तहत भी स्पेशलाइजेशन के तौर पर 12वीं के बाद इसे किया जा सकता है।

साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट

बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाओं को देखते हुए साइबर सिक्युरिटी में प्रशिक्षित युवाओं की आज हर पफील्ड में भारी डिमांड है। तमाम कंपनियों की ओर से आयोजित होने वाले ‘बग बाउंटी प्रोग्राम’ में भाग लेकर कुछ अति कुशल/बेहतरीन प्रोपेफशनल आजकल इस पफील्ड में सालाना 80 से 85 लाख रुपए तक कमा रह है। 



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