कई फ्लैट को जोड़कर बड़ा घर बनाने पर मिलेगा टैक्स लाभ

2018-08-01 0

कई फ्लैट को जोड़कर बड़ा घर बनाने पर मिलेगा टैक्स लाभ

कोई करदाता अगर दो या तीन फ्लैट को जोड़कर खुद के इस्तेमाल के लिए बड़ा घर बना लेता है तो वह इन्कम टैक्स रिटर्न करते वक्त इसे एक आवासी यूनिट के रूप में दिखा सकता है। इस वजह से उसे निवेश या इन्कम टैक्स से सम्बंधित फ़ायदे लेने से रोका नहीं जा सकता है। यह करदाता के अधिकार के दायरे में आता है। इन्कम टैक्स अपीलीय प्राधिकरण द्धढ्ढञ्ज्रञ्जऋ ने यह महत्वपूर्ण फ़ैसला दिया है कि अगर इसे सामान्य भाषा में समझें तो इन्कम टैक्स रिटर्न द्धआईटीआरऋ में किसी करदाता ने यह घोषित किया कि एक घर में वह खुद रहा है। इसे उसने दो या तीन फ्लैट को जोड़कर बड़ा घर बनाया है। सिफ़र् इस वजह से उसे इन्कम टैक्स में छूट के उसके बुनियादी अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।

इन्कम टैक्स के नियमों के मुताबिक अगर आप करदाता हैं और किसी आवासीय संपत्ति को बेचने से आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेम्स (LTCG)  हुआ है तो आप देश में एक घर खरीदने में वह रकम निवेश कर सकते हैं। इस बारे में प्रावधानों में अधिक स्पष्टता लाने के लिए वित्त वर्ष 2014-15 में इन्कम टैक्स कानून में संशोधन किया गया था। इसमें आवासीय संपत्ति की जगह एक आवासीय संपत्ति किया गया था। इस संशोधन के बाद भी एक करदाता के रूप में आप चाहें तो एक से अधिक आवासीय संपत्ति में निवेश कर सकते हैं। टैक्स मामले के जानकारों के मुताबिक अगर एक साथ दो या अधिक फ्लैट खरीदकर उसे जोड़कर एक आवासीय इकाई की तरह इस्तेमाल किया जाता है तो इससे इन्कम टैक्स के किसी नियम का उल्लंघन नहीं होता। अगर आप संपत्ति बेचकर कमाई करते हैं तो उस पर आपको इन्कम टैक्स चुकाना पड़ता है। अगर किसी आवासीय संपत्ति को खरीदने के दो साल बाद आप बेचते हैं और उससे मुनाफ़ा कमाते हैं तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेम्स कहते हैं। इस कमाई पर आपको इंडेक्सेशन के लाभ के बाद 20 प्रतिशत तक इन्कम टैक्स चुकाना होता है। इंडेक्सेशन के लाभ से मतलब महंगाई की दर को एडजस्ट करना होता है।

इन्कम टैक्स कानून के सेक्शन 54 के तहत आप LTCG पर आयकर बचाने के लिए देश में किसी एक आवासीय संपत्ति में निवेश कर सकते हैं। निर्धारित समय के अंदर इस निवेश पर आप उस रकम पर इन्कम टैक्स चुकाने से बच सकते हैं जितने में नई संपत्ति खरीदी गई है। इसी तरह के निवेश से आपकी आयकर की देनदारी बहुत कम हो जाती है।

ITAT के पास आये मामले में एक करदाता ने मुम्बई के अंधेरी मेें एक बंगला बेचा था और मलाड में चार फ्लैट खरीदे। इन चार फ्लैट को खरीदने में बिल्डर से अलग-अलग एग्रीमेंट किया गया। करदाता ने हालांकि तर्क दिया कि इन सभी फ्लैट को एक आवासीय सम्पत्ति की तरह ही इस्तेमाल किया जाता है। इस हिसाब से करदाता ने इन्कम टैक्स रिटर्न (ITR) में इन्कम टैक्स कानून के सेक्शन 54 के तहत कर छूट का दावा किया। आयकर अधिकारियों ने पाया कि ये फ्लैट गरीब लोगों के लिए बनाये गए एक कमरे के फ्लैट हैं। इस हिसाब से दो फ्लैट में निवेश पर आयकर में छूट दी गयी। दो और फ्लैट में निवेश को इन्कम टैक्स कानून के सेक्शन 54 के तहत कर छूट के लायक नहीं माना गया। इसके हिसाब से आयकर अधिकारी ने बकाया रकम पर करदाता से स्वच्छ टैक्स चुकाने के लिए कहा।

इसके बाद आयकर आयुक्त ने फ्लैट के वेरिफि़केश्न के आदेश दिये। इसमें यह पाया गया कि चारों फ्लैट को मिलाकर एक घर की तरह बनाया गया है। उसके लिए एक ही प्रवेश है और एक ही व्यक्ति उसका उपयोग कर रहा है। मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। इसके बाद भी आयकर विभाग ने ITAT में मामला दर्ज कराया। वहां से आदेश करदाता के पक्ष में आया और वेरिफि़ केशन की रिपोर्ट को इसका आधार बनाया गया। करदाता को इसके बाद इन्कम टैक्स कानून के सेक्शन 54 के तहत टैक्स छूट मिली।


 

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