ऐसा होगा अगस्त 2018 का राशिफल

2018-08-01 0

ऐसा होगा अगस्त  2018 का राशिफल

मेषः संघर्षपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। व्यवसाय एवं नौकरी में परिवर्तन का विचार भी बनेगा। परन्तु इस राशि पर मंगल की स्वगृही एवं गुरु की सप्तम दृष्टि होने से किसी प्रतिष्ठित मित्र के सहयोग से संतान सम्बंधी बिगड़े कार्य में सुधार एवं कार्यसिद्धि  के योग बनेंगे। किन्तु धन का अपव्यय एवं वृथा भागदौड़ बनी रहेगी।


कर्क: व्यवसाय की स्थिति मध्यम रहेगी। अत्यधिक परिश्रम करने पर भी निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। सुख-सुविधओं में वृि परन्तु तारीख 20 से परिवार में अकारण ही विरोध और तनाव की स्थिति बनी रहेगी। अधिकतर समय वृथा कार्यों में बीतेगा। संतान सम्बंधी कुछ न कुछ चिन्ता बनी रहेगी।


तुलाः  आकस्मिक लाभ व अप्रत्याशित खर्च भी बढ़ेंगे। स्वास्थ्य ढीला, गुस्सा ज्यादा और शीघ्र उत्तेजित होने से कोई बना हुआ कार्य बिगड़ सकता है। सावधनी बरतें। धन का लेन-देन करते समय धोखे की सम्भावना बनी रहेगी। घरेलू समस्याएं उभरती व सिमटती रहेंगी। कुछ विवादास्पद मामले मानसिक तनाव का कारण बन सकते हैं। सावधनी बरतें। धर्मिक स्थान की यात्र एवं परिवार का सहयोग मिलेगा।


मकरः धन का आकस्मिक खर्च बढ़ेगा। विदेश सम्बंधी कार्यों में विघ्नों का सामना रहेगा। सावधनी बरतें यात्र में खर्च अधिक होगा। वृथा मानसिक तनाव एवं क्रोध की अधिकता से परेशानी होगी। परन्तु देश-विदेश सम्बंधी कार्यों में प्रगति होगी। श्री रुद्राभिषेक करवाना शुभ होगा। संघर्ष के बावजूद आय के साधन बनते रहेंगे। पति-पत्नी में मतभेद एवं गुप्त शत्रु  अपनी सरगर्मियां जारी रखेंगे।


वृष: ता- 01 से राशि स्वामी शुक्र नीच राशि में संचार करेगा। जिससे मानसिक तनाव एवं विद्या के सम्बंध में विघ्न-बाधओं का सामना करना होगा। कुछ आर्थिक परेशानियां भी बनी रहेंगी। भाई-बंधुओ  एवं पारिवारिक सदस्यों से क्लेश रहेगा। स्वास्थ्य भी कुछ ठीक नहीं रहेगा। उच्च प्रतिष्ठित लोगों से सम्पर्क एवं निर्वाह योग्य आय के साध्न बनते रहेंगे।


सिंह: कार्यक्षेत्रें में दौड़-धूप अधिक रहेगी। खर्च की अधिकता से मन परेशान होगा। विशेष परिश्रम और भागदौड़ के उपरान्त ही सफ़लता मिलेगी। परन्तु गुरु की भाग्यस्थान पर विशेष दृष्टि होने से विशेष सम्पर्कों का लाभ किसी विशेष व्यक्ति के सहयोग से प्राप्त होगा। स्वास्थ्य ढीला ही रहेगा। सावधनी बरतें। श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।


वृश्चिकः  धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। विदेशी कार्यों में प्रगति एवं स्थान परिवर्तन उपरान्त ही उन्नति के अवसर मिलेंगे। श्री शिव स्तो= का पाठ करके ही श्री शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करवाना शुभ रहेगा। स्त्री  को श्रीमंगला गौरी पाठ का दान करना चाहिए। क्रोध व उत्तेजना से कोई बना हुआ कार्य बिगड़ सकता है। सावधनी बरतें। भाग्य स्थान पर सूर्य-राहु के कारण पिता से मन-मुटाव एवं वैमनस्य की स्थिति रहेगी। उच्च प्रतिष्ठित लोगों के सम्पर्क बढ़ेंगे।


कुंभः शनि की वक्री स्थिति में होने से व्यवसाय सम्बंधी व्यर्थ की भागदौड़ अधिक रहेगी। आय अल्प एवं धन का खर्च अधिक होगा। परिवार में मतभेद एवं अपने भी परायों जैसा व्यवहार करेंगे। परिवार सहित सुन्दरकाण्ड का पाठ करना चाहिए। गुरु कृपा से भाग्यवश ही परिवार में शुभ मंगल कार्य होंगे। कुछ बिगड़े काम बनेंगे। व्यवसाय में बाधाएं एवं उतार-चढ़ाव का सामना रहेगा।


मिथुनपारिवारिक एवं आर्थिक स्थिति अनिश्चित रहेगी। गुप्त परेशानी, शत्रु  भय एवं शरीर कष्ट के योग हैं। अनावश्यक कार्यों पर धन का खर्च अधिक होगा। साझेदारी के कार्यों में हानि एवं धोखे की सम्भावना बनी रहेगी। परन्तु सन्तान के सहयोग से भाग्यवश ही गुजारे योग्य धन प्राप्त होगा। धन सम्बन्धी  समस्याएं उभरेंगी। उपाय प्रतिदिन गायों को हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा।


कन्याः आय से खर्च अधिक होगा। संघर्षपूर्ण एवं कठिन परिस्थितियों का सामना रहेगा। सरकारी क्षेत्रें में भी तनाव की स्थिति रहेगी। स्वास्थ्य भी कुछ ढीला रहेगा। वृथा भाग-दौड़, वाहन आदि सुख एवं भौतिक कार्यों पर धन खर्च अधिक होगा। परिवार में खुशी के अवसर भी मिलेंगे। परन्तु शनि के ढैया के कारण मन अशान्त, चिन्ता बनी रहेगी।


धनुः  विदेशी कार्यों मेें प्रगति होगी। परिवार में शुभ मंगल कार्य होंगे। धर्म-कर्म में रुचि और मित्रें से मेल-मिलाप होगा परन्तु शनि साढ़ेसति एवं अष्टम में सूर्य-राहु के प्रभाव से पिता-पुत्र में मतभेद एवं संतान सम्बंधी चिन्ता रहेगी। स्वास्थ्य भी ढ़ीला रहेगा। आंखों में कष्ट, सिर दर्द एवं मानसिक तनाव तथा चमड़ी सम्बंधी रोग होने की सम्भावना बनी रहेगी। व्यवधानों के बावजूद महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण होंगे। सुख-सुविधओं में वृद्धि  रहेगी।


मीनः विघ्न-बाधाओं के रहते गुजारे योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कार्य बनते-बिगड़ते रहेंगे। परन्तु राशि स्वामी गुरु अष्टम में होने से पारिवारिक उलझनें, स्वास्थ्य, परेशानी एवं व्यवसाय में भी अनेक उतार-चढ़ाव का सामना रहेगा। बनते कामों में विघ्न और विलम्ब के योग हैं। मानसिक तनाव, शत्रु भय बना रहेगा। भूमि सम्बंधी विभिन्न परेशानियों का सामना रहेगा।



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