आइये प्रतिदिन त्यौहार मनाएं

2018-09-01 0

आइये प्रतिदिन त्यौहार मनाएं 

जीवन एक उत्सव है। इस उत्सव का आनंद हर दिन लेना चाहिए। उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह उल्लास और बढ़ना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता। उत्सव का बाहर से कोई मतलब नहीं होता, न ही इसमें त्यौहार का इंतजार करना होता है। असल में यह हमारे अंदर घटित होता है। 

हमारा भारत देश त्यौहारों का देश है जहां हम विभिन्न त्यौहार बड़े हर्षोल्लास से मनाते हैं जिनमें दीवाली, ईद, क्रिसमस, लोहड़ी जैसे बड़े त्यौहार शामिल हैं। त्यौहार हमें उल्लास व उत्साह से भर देते हैं। प्रत्येक त्यौहार अपने आप में एक बड़ा महत्व रखता है जो हमें बहुत कुछ सिखाता भी है। हमारे भारत की संस्कृति में त्यौहारों का विशेष महत्व है। जैसे दीवाली पर पूरा देश रोशनी से जगमगा जाता है वहीं ईद पर देश में अमन शांति का पैगाम हमारे दिलों को छू जाता है। हर भारतीय को त्यौहार बहुत प्रिय होते हैं क्योंकि त्यौहार एक उमंग का सृजन करते हैं। ये हमारे भीतर उफर्जा व उल्लास का संचार करते हैं। प्रत्येक त्यौहार का विशेष महत्व व कारण होता है। जैसे दीवाली पर सापफ-सपफाई की जाती है घरों का रंग रोगन किया जाता है। परन्तु मनुष्य त्यौहार से उतना सीखता नहीं जितना कि वह सीख सकता है। त्यौहार किसी विशेष अवसर पर मनाये जाते हैं क्योंकि यह उपलब्ध् िवाले दिन होते हैं। संविधन के द्वारा भी हम सभी व्यक्तियों को अपने-अपने ध्र्म को मानने का अध्किार दिया गया है। हमारे देश में भरपूर सामंजस्य के साथ हमारे त्यौहार मनाए जाते हैं। 

हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी इनमें शामिल होते हैं। जब दशहरा मनाया जाता है तो दुर्गा उत्सव की झांकियों के अध्यक्ष मुस्लिम वर्ग के होेते हैं। ठीक इसी प्रकार कई हिन्दू संस्थाएं भी मुस्लिम भाइयों का स्वागत-अभिनंदन करती हैं। अनेकता में एकता वाली बात यहीं से सि( होती है। भारत की इस पावन ध्रा पर देवताओं ने भी इसी कारण से अवतार लिए होंगे। त्यौहार हमें जोड़ना सिखाते हैं। ये हमें हमारे उद्देश्य की पूर्ति की उफर्जा से हमें भर देते हैं। हमें यह अपने दिलों मंे गहराई से उतार लेना चाहिए कि हम सभी अपने त्यौहार की तरह हर दिन खुश रहें व हर दिन उत्साह में रहें ताकि अपने दैनिक कार्यों को त्यौहार की तरह महत्व दे सकें व अच्छे से अच्छा प्रदर्शन कर सकें। क्योंकि हमारे अच्छे कार्य ही हमें पहचान दिलाते हैं। इसलिए यह सदैव स्मरण होना चाहिए कि हम अपने देश के प्रति उतने ही निष्ठावान रहकर कार्य करें जितना कि हम अपने त्यौहारों को लेकर होते हैं।  




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