दर्द निवारक तेल एवं गठिया चूर्ण बनाने की विधि
डॉ- साहब की कलम से ---
दर्द निवारक तेल एवं गठिया चूर्ण बनाने की विधि
आवश्यक घटक -
काले तिल का तेल 1 लीटर
सोंठ 100 ग्राम
काली मिर्च 50 ग्राम
लौंग 50 ग्राम
लहसुन 100 ग्राम
गोमय रस 1 लीटर
जाल के पते 100 ग्राम
अमरबेल 100 ग्राम
अश्वगंधा के पते 100 ग्राम
अजवायन 100 ग्राम
आमाहल्दी 100 ग्राम
रसलिया 100 ग्राम
करनैल के पत्ते 100 ग्राम
िऽम्प् 100 ग्राम
बड़ी इलाइची 50 ग्राम
उपरोक्त सभी चीजो को तेल में मिलाकर तेल को सिद्ध कर यानि तेल को आग पर पकाएं और जब केवल तेल शेष रह जाए पानी पूरा जल जाए तब इसे आग से उतारकर ठंडा होने दें और फिर इसे चार लड़ के कपड़े से छान लें
अब दूसरे स्टेप में
कपूर भीमसेनी 100 ग्राम
अजवायन सत 100 ग्राम
पिम्पेरमेंट 100 ग्राम
को एक गिलास में डाल दें कुछ देर में तीनों चीजे लिकविड बन जाएगी उसके बाद इस लिक्विड को तिल तेल में मिला दें और प्रयोग के लिए रऽ ले शरीर में कहीं भी दर्द हो इस तेल का प्रयोग करें इसके परिणाम बहुत शानदार हैं!
कुछ लोग गोमय रस को नहीं समझ पाए होंगे ये आपको पंसारी से नहीं मिलेगा बल्कि आपको ऽुद बनाना होगा!
बनाने की विधिः 1 किलो भारतीय नस्ल की देशी गाय का गोबर लेकर उसमें 800 ग्राम पानी और 200 ग्राम गौमूत्र डाल कर अच्छे से हिलाकर पेस्ट सा बना लें और फिर इसे आठ लड़ के कपडे़ से छान लें गोमय रस तैयार है इसे तेल बनाने में प्रयोग करें !
गठिया बाव स्पेशल चूर्ण
सोंठ - 250 ग्राम
कालीमिर्च - 100 ग्राम
मगपिम्पल - 100 ग्राम
मीठी सुरेइया - 25 ग्राम
अश्वगंधा - 250 ग्राम
सालम पंजा - 25 ग्राम
उपरोक्त सभी औषधियों को महीन चूर्ण बनाकर सुबह सुबह पानी के साथ प्रयोग करें । गठिया बाव, रिंगण बाव शरीर के सभी जोड़ों के दर्द में एवम् शरीर में कम हो रही यूरिक एसिड की पूर्ति करता है ये गठिया बाव चूर्ण!
नोटः समयाभाव के कारण जो लोग नहीं बना पाए वो हमसे मंगवा सकते हैं ।