ऐसा होगा अक्टूबर 2018 का राशिफल

2018-10-04 0

मेषः परिवार में शुभ कार्य भी सम्पन्न होंगे। कार्य व्यवसाय में प्रतिकूल वातावरण व संघर्ष के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनेंगे। तारीख 4 से नौकरी में अफसरों से तनाव की स्थिति रहेगी। परन्तु संयमपूर्वक व्यवहार से लाभ होगा। स्वास्थ्य ढीला एवं शत्रु हानि

पहुंचाने की चेष्टा करेंगे। धन का खर्च अधिक होगा। दूरस्थ यात्रएं भी होंगी।

वृषः अकस्मात् यात्रदि पर धन का खर्च अधिक होगा। ता- 11 से गुरु की दृष्टि रहने से व्यवसाय और नौकरी में लाभ होगा परन्तु विलासादि कार्यों में रुचि होने से के कारण सुचारु रूप से लाभ प्राप्त नहीं होंगे। अकस्मात् कार्य व्यवसाय में व्यस्तताएं बढ़ेंगी। गत मास में किए ये परिश्रम और प्रयास फलीभूत होंगे। परन्तु परिवार में वैचारिक मतभेद बनी रहेगी।

मिथुनः धन लाभ व उन्नति के अवसर मिलेंगे। परन्तु मनोरंजन आदि कार्यों में विशेष रुचि रहेगी। नए मित्रें के साथ सम्बंध बनेंगे। दीर्घ यात्र की योजनाएं भी बनेंगी। परन्तु गुरु की इस राशि पर विशेष दृष्टि होने से सोच-विचार में समय व्यतीत होगा। स्वास्थ्य सम्बंधी परेशानी  एवं वृथा भाग-दौड़ बनी रहेगी। व्यवसाय में उतार-चढ़ाव से निर्वाह योग्य आय होगी।

कर्कः परिवार में मनमुटाव, सन्तान सम्बंधी परेशानी, खर्च की अधिकता से ट्टण आदि लेने की आवश्यकता पड़ेगी। मंगल-केतु के कारण किसी विशेष से धोखे की सम्भावना बनी रहेगी। साझेदारी के कार्यों में हानि होगी। राजनीतिज्ञों और व्यापारियों के लिए अस्थिरता के हालात बनेंगे। जमीन-जायदाद व चोटादि का भय बना रहेगा।

सिंहः व्यवसाय सम्बंधी विभिन्न चुनौतियों का सामना रहेगा। कोई भी निर्णय जल्दी में न लें। विशेष निर्णय पारिवारिक सहयोग एवं परामर्श से लेना शुभ होगा। स्वास्थ्य कुछ ढीला रहेगा। सूर्य तुला राशि में संचार करने पर वृथा भ्रमण और व्यर्थ का खर्चज् बढ़ेगा। सामाजिक और धार्मिक कार्यों में रुचि होगी। वाहनादि का क्रय-विक्रय भी होगा। स्वास्थ्य ढीला रहेगा।

कन्या: कुछ बिगड़े कार्यों में सुधार होगा। धन-लाभ व प्रगति के मार्ग प्रशस्त होंगे। मान-सम्मान वृद्धि एवं कुछ आर्थिक पक्ष में भी सुदृढ़ता के याग बने रहेंगे। शनि की ढैÕया के प्रभाव से अत्यधिक भाग-दौड़ व निकट-बन्धुओं से तनाव एवं किसी विशेष से धोखे की सम्भावना भी बनी रहेगी। स्वास्थ्य भी ढीला रहेगा। सावधानी बरतें।

तुलाः मानसिक तनाव एवं घरेलू उलझनें बढ़ेंगी। अत्यधिक संघर्ष के बाद धन लाभ अल्प रहेगा। खर्च की अधिकता से मन परेशान एवं आर्थिक अस्थिरता के भी संकेत हैं। मान-सम्मान में वृद्धि एवं उच्च प्रतिष्ठित लोगों के साथ सम्पर्क बनेंगे। व्यवहार करते समय सावधानी बरतें। सिर दर्द एवं  आंखों में कष्ट के योग हैं। बनते कार्यों में विघ्न होगा। स्वभाव में आलस्य एवं शिथिलता रहेगी। किसी गुप्त रोग के कारण परेशानी के योग हैं।

वृश्चिकः पराक्रम एवं पुरुषार्थ से कुछ बिगड़े कार्यों में सुधार होगा। अफसरों व प्रतिष्ठित व्यक्तियों से सतर्कता के साथ शालीनतापूर्वक व्यवहार करें अन्यथा हानि होगी। ता- 4 से धर्म-कर्म में रुचि, उच्च वर्ग के लोगों से सम्पर्क लाभकारी होंगे। विदेशी सूत्रें द्वारा धन मिलेगा। समय का सदुपयोग करके व्यावसायिक क्षेत्रें में आगे बढ़ने के लिए विशेष प्रयास लाभकारी होगा। धनागमन के साधन भी बढ़ेंगे। स्त्री एवं पारिवारिक सुखों में वृद्धि होगी।

धनुः समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि और शुभ यात्र के योग होंगे। उत्साह एवं संघर्ष शक्ति बनी रहेगी। सप्ताहान्त में अप्रत्याशित लाभ की खुशी तो प्राप्त होगी पर धन का खर्च अधिक होगा। अच्छे समय का सदुपयोग करना ही बुद्धिमानी होगी। स्वास्थ्य कुछ ढीला एवं मानसिक तनाव भी रहेगा। बनते कार्यों में विघ्न उत्पन्न होंगे। अधिकारी वर्ग से मनुमुटाव और व्यर्थ का तनाव रहेगा। वाहनादि सावधानी से चलाना शुभ रहेगा। 

मकरः किए गए प्रयास भी फलीभूत होगे। ता- 12 से कुछ हालात में परिवर्तन परिवार में शुभ कार्य होंगे। असमंजस की स्थिति से छुटकारा मिलेगा। धन का खर्च भी अधिक होगा। धर्म-कर्म की ओर रुचि बढ़ेगी। पदोन्नति व धन लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। गृहस्थ जीवन में खुशी का माहौल होगा। सिर-दर्द एवं आंखों में कष्ट की संभावना बनी रहेगी। प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य प्रदान करना शुभ रहेगा।

कुम्भः श्रेष्ठ व्यक्ति से सम्पर्क लाभकारी होगा। भूमि सुख एवं वाहन प्राप्ति भी सम्भव होगा। परन्तु नौकरी में अफसरों से तनाव हो सकता है। खर्च की अधिकता से परेशानी उत्पन्न होगी। अधूरे कामों में प्रगति होगी। रुके हुए कार्यों में सुधार, मान-सम्मान में वृद्धि होगी। गुजारे योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। परन्तु खर्च भी अधिक होंगे। स्वास्थ्य ढीला रहेगा। सिर-दर्द आंखों में कष्ट की सम्भावना बनी रहेगी। सावधानी बरतें। 

मीनः विघ्न-बाधाओं के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। धर्म-कर्म में रुचि एवं गृह में कलह-क्लेश के कारण गृह में अशान्ति होगी। भाई-बन्धुओं का सहयोग कम होगा। आलस्य में वृद्धि एवं धन का अपव्यय होगा। विशेष परिश्रम से कोई रुका हुआ कार्य बनेगा। आय व व्यय समान रहेगा। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। प्रिय बन्धु से मुलाकात होगी। स्त्री एवं सन्तान की तरफ से शुभ सूचना मिलेगी। 



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