अब इस एप से स्टू्डेंट्स को दिल्ली- एनसीआर में आसानी से मिलेगा घर

2018-11-01 0

अपने पसंद के कॉलेज में प्रवेश के बाद छात्रें की सबसे बड़ी समस्या अगले तीन साल तक अपने लिए आवास तलाशना होता है लेकिन एक अच्छा स्थान तलाशना बहुत मुश्किल है। यूनिवर्सिटी, कॉलेजों में हॉस्टल की सीमित सुविधाओं के कारण यूनिवर्सिटी, कॉलेजों के आसपास बजट में आने वाले आवास की भारी मांग रहती है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में हर बीतते साल के साथ आवेदकों की मांग बढ़ रही है। इस साल दिल्ली और आसपास के 63 कॉलेजों में 56,000 अंडर ग्रेजुएट सीटों के लिए लगभग 3 लाख  आवेदन मिले हैं। इन कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले लगभग 17,000 विद्यार्थी दिल्ली के बाहर से आते हैं और कुछ कॉलेजों में स्थित हॉस्टलों की 4300 सीटों के लिए आवेदन करते हैं। बाकी विद्यार्थियों को पीजी या फ्रलैट किराए पर लेने के अलावा कोई अन्य विकल्प शेष नहीं बचता। दिल्ली एनसीआर के प्राइवेट संस्थानों की बात करें तो यह संख्या और भी ज्यादा है।

मकान मालिक इस स्थिति का पूरा फायदा उठाते हैं। बीते सालों में आवास की बढ़ती मांग के कारण कॉलेजों के आसपास पीजी और फ्रलैट्स की मांग बढ़ी है। बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी मालिक अपनी जगह कॉलेज के विद्यार्थियों को किफायती पीजी या फ्रलैट के रूप में दे चुके हैं और वो फूड, वाई-फाई, गेटेड सिक्योरिटी, इनडोर गेम्स, लॉन्ड्री सर्विस एवं इलेक्ट्रिसिटी बैकअप जैसी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।

दिल्ली एनसीआर में पीजी आवास चलाने वाले क्लाउड नाईन रूम्स के प्रवीण कुमार ने कहा, ‘‘एनसीआर में प्राइवेट एवं प्रोफेशनल कॉलेजों के खुल जाने से नॉर्थ ईस्ट एवं पड़ोसी शहरों, जैसे चंडीगढ़, जयपुर, लखनऊ, कानपुर और भोपाल से बड़ी संख्या में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थी यहां आ रहे हैं। हमारे लगभग आधे कमरे बाहर के विद्यार्थियों ने किराए पर लिए हैं, बाकी के आधे एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले प्रोफेशनल्स ने लिए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ओएलएक्स जैसे ऑनलाइन ऐप्स उन्हें प्रॉपर्टी कंसल्टैंट से संपर्क कराने में काफी उपयोगी होते हैं। हमारी ज्यादातर एंक्वायरी ऑनलाइन चैनलों से आती हैं। हमें ऑनलाइन माध्यम द्वारा बेहतर प्रतिक्रिया मिलती है क्योंकि विद्यार्थी को पोर्टल पर प्रॉपर्टी की इमेज, स्थान, सुविधाएं आदि देखकर स्थान का बेहतर अनुमान मिल जाता है।’’


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दिल्ली में सबसे प्रमुख जगह

दिल्ली क्षेत्र में पीजी/फ्रलैट आवास नॉर्थ कैंपस के इलाके, जैसे कमला नगर, विजय नगर और हडसन लेन में तेजी से बढ़ रहे हैं। साउथ कैंपस में विद्यार्थियों को सत्य निकेतन, आनंद निकेतन और अमर कॉलोनी में आवास के विकल्प मिलते हैं। वेस्ट दिल्ली में जनकपुरी और राजौरी गार्डन मुख्य केंद्र हैं। जबकि ईस्ट दिल्ली में मयूर विहार में सबसे ज्यादा संख्या में विद्यार्थियों के लिए आवास हैं।

दिल्ली एनसीआर में सबसे प्रमु स्थान

एनसीआर में नोएडा और गुड़गांव की पॉकेट्स नॉन-डीयू कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए सर्वाेत्तम विकल्प हैं, क्योंकि ज्यादातर प्राइवेट संस्थानों के परिसर इन्हीं इलाकों में हैं। सेक्टर 121, 63 और 73 ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के चारों ओर बिल्डर फ्रलैट्स के लिए मशहूर हैं। गुड़गांव में सोहना रोड रेंटेड फ्रलैट्स के लिए प्रमु स्थान है।

बजट 7,000 रुपये से शुरू होता है

विद्यार्थी को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, ओएलएक्स पर कम बजट के सिंगल बेड से हाई बजट के फ्रलैट तक अनेक विकल्प मिलते हैं। सिंगल ऑक्युपेंसी का किराया 7,000 रुपये से शुरू होता है और यह अपेक्षित लोकलिटी के आधार पर 20,000 रुपये तक जा सकता है।

रेंट पर जगह लेने से पहले विद्यार्थियों और माता-पिता को निम्नलिखित  4 बातें ध्यान रखनी चाहिए:

1- सुरक्षा चेक-आसपास की सुरक्षा की जांच पूरी तरह से कर लेनी चाहिए। स्थान पर गेट एवं पर्याप्त प्रकाश होना चाहिए। मेडिकल क्लिनिक/हॉस्पिटल आसपास हो। नजदीकी पुलिस स्टेशन दे लें और सारे संपर्कों की जानकारी अपने पास तैयार रखें ।

2- स्थान की जांच कर लें-ऐसा स्थान चुनें जो सार्वजनिक परिवहन जैसे मेट्रो/ बस स्टैंड से अच्छी तरह जुड़ा हो तथा वहां स्थानीय बाजार हो। स्थानीय परिवहन व बाजार से कनेक्टिविटी से विद्यार्थियों को बहुत आसानी हो जाती है।

3- जगह की स्थिति जांच लें-जगह किराए पर लेने से पहले उस जगह को अच्छी तरह जांच लें और फर्नीचर या फिक्सचर्स में किसी भी टूट फूट को अच्छी तरह देख  लें।

4- पड़ोसियों से फीडबैक ले लें-पड़ोसियों से उस इलाके के बारे में फीडबैक ले लें। उनसे वाटर सप्लाई या बिजली जैसी सुविधाओं की जानकारी ले लें।

फुली फर्निश्ड आवास अनफर्निश्ड आवास के मुकाबले अधिक

ओएलएक्स पर पीजी/फ्रलैट की सभी रेंटल लिस्टिंग्स एवं हाउसेस में से 40 फीसदी मिड-साइज 2 बीएचके आवास हैं। रोचक बात यह है कि रेंटल लिस्टिंग फुली फर्निश्ड हैं तथा इलेक्ट्रिसिटी बैकअप, फूड एवं वाईफाई कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं प्रदान करती हैं।

ओएलएक्स इंडिया के मुख्य परिचालन

अधिकारी इरविन प्रीत सिंह आनंद ने बताया, ‘‘भारत में लगभग 2 करोड़ विद्यार्थी हैं, जो बेंगलुरु, दिल्ली एनसीआर, मुंबई, पुणे और हैदराबाद जैसे मेट्रो शहरों में उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं। कॉलेज केवल कुछ विद्यार्थियों को ही आवास दे पाते हैं, इसलिए स्टूडेंट हाउसिंग के लिए रेजिडेंशियल स्पेस के पास विस्तृत अवसर हैं। पिछली तिमाही में हमने विद्यार्थियों के लिए पीजी/मिड साईज 2 एवं 3 बीएचके फ्रलैट्स की मांग बढ़ते देखी  है। तिमाही में लिस्टिंग 50 फीसदी बढ़ी हैं और खरीददारों की संख्या 70 फीसदी बढ़ी है। दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई के मेट्रो बाजार इन जरूरतों को पूरा करने के लिए तेजी से विकसित हो रहे हैं। आवासीय सेक्टर ने इन शहरों में स्टूडेंट हाउसिंग सुविधाओं के द्वार खोल दिए हैं और वो सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं प्रदान प्रदान कर रहे हैं, जो कॉलेज कैंपसों में भी नहीं मिलतीं।’’

रियल स्टेट ओएलएक्स पर लोकप्रिय श्रेणी है। इस प्लेटफॉर्म पर हर पांच में से एक यूजर रियल स्टेट सेक्शन पर विजिट करता है, जिससे प्रॉपर्टीज ऑनलाईन खरीदने, बेचने और किराए पर लेने के लिए बढ़ता रुझान प्रदर्शित होता है। ओएलएक्स पर हर माह रियल स्टेट श्रेणी में 1-2 अरब पेज व्यू होते हैं। आज के दिन तक प्रॉपर्टी सेक्शन में 350,000 लाइव लिस्टिंग हैं, जिनमें से 120,000 पीजी/अपार्टमेंट एवं डॉर्म्स के लिए रेंटल आवास हैं। 


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