पुरुषोें की 35 की उम्र के बाद जरूर करवानी चाहिए ये 5 जांच

2019-08-01 0


35 की उम्र में मोटापा, डायबिटीज, हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर आदि बीमारियाें का खतरा काफ़ी बढ़ जाता है। पुरुषों को इस उम्र में अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ये 5 मेडिकल टेस्ट 35+ पुरुषों को हर साल करवाने चाहिए।


30 - 40  की उम्र के बाद व्यक्ति के शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं। आजकल युवावस्था में ही लोग मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि का शिकार हो जाते हैं। यही कारण है उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई जानलेवा रोगों के खतरे भी बढ़ते जाते हैं। स्वास्थ्य पर ध्यान न देने के कारण ही आजकल कम उम्र में हार्ट अटैक, कैंसर आदि के मामले काफी बढ़ गये हैं। कुछ ऐसे हेल्थ चेकअप्स हैं, जिन्हे हर पुरुष को 35 साल की उम्र के बाद साल भर में 1 बार जरूर करवाने चाहिए। आइए, जानते हैं वो हेल्थ चेकअप्स।

बीएमआई की जांच करवाएं

बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स एक साधारण-सी स्वास्थ्य जांच है। बीएमआई में व्यक्ति की लंबाई और उसके वनज का अनुपात निकाला जाता है, मोटापा स्वयं कोई रोग नहीं है मगर ये कई तरह के रोगों का कारण बन सकता है। 18-5 से 24-9 के बीएमआई सही माना जाता है। अगर आपका बीएमआई इससे ज्यादा है, तो आप अपने खानपान और जीवन शैली में बदलाव करें।

दांतों की जांच

आपको जानकार हैरानी होगी कि आपके दांतों और दिल का आपस में गहरा संबंध है। दांतों में होने वाले कई सामान्य लगने वाले रोग हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं। इसलिए हर साल अपने दांतों की जांच जरूर करवाएं। मसूड़ों में होने वाली किसी भी समस्या को सामान्य न समझें।

ब्लड शुगर चेक कराएं

ब्लड में शुगर की मात्र बढ़ जाने पर डायबिटीज हो जाता है। हालांकि शुरुआत में इसका ज्यादा लक्षण नजर नहीं आता है। इसलिए 35 की उम्र के बाद साल में 1-2 बार अपना ब्लड शुगर लेवल जरूर चेक करवाना चाहिए। अगर सही समय पर डायबिटीज का पता चल जाए, तो दवाओं और जीवनशैली में बदलाव के द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है। समस्या बढ़जाने पर डायबिटीज का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है।

कोलेस्ट्रॉल चेक कराएं

बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के कारण दिल की बीमारियां जैसे-हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, हार्ट ब्लॉक आदि का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण धमनियों में प्लाक जमना शुरू हो जाता है, जो खून के बहाव, (ब्लड सर्कुलेशन) को बाधित करता है। इसलिए साल में कम-से-कम एक बार अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल जरूर चेक कराएं। इससे आप हार्ट अटैक के खतरों से बच सकते हैं।

मेटाबॉलिज्म की जांच कराएं

आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म पर ही आपका स्वास्थ्य निर्भर करता है। अगर आपका मेटाबॉलिज्म कमजोर है, तो आपको कई रोगों जैसे-डायबिटीज,मोटापा, कमजोरी आदि का खतरा बढ़ जाता है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम लक्षणों का ऐसा समूह होता है, जिसके कारण डायबिटीज और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इन लक्षणों के दिखने पर मेटाबॉलिक सिंड्रोम की जांच की जाती है।

  • कमर का आकार 40 या उससे अधिक
  • गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्र 40 मिग्रा/डेली से कम
  • ट्रिग्लाईकेरिडस का स्तर 150 मिग्रा/डेली से अधिक
  • रक्तचाप 130/85 से अधिक होना
  • फास्टिंग ग्लूकोज का स्तर 100 से अधिक होना

अगर आपको इनमें से कोई भी तीन लक्षण नजर आते हैं, तो आपका डॉक्टर सी-रेएक्टिव प्रोटीन यानी सीआरपी जांच भी कर सकता है। हृदय की सेहत पर नजर रखने का यह सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। 



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