समाज में बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं के मूल कारण
प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ: डॉ- प्रोमिला मलिक
M.B.B.S., M.D., (AIIMS) (OBST. & GYNAE.) (OBSTETRICIAN & GYNAECOLOGIST)
देश मेंं जिस गति से जनसंख्या बढ़ती जा रही है उतनी गति से स्वास्थ्य
सेवाओं में कमी आ रही सरकारी अस्पताल में भीड़ जमा हो रही हर किसी को शिकायत है।
इलाज नहीं हो पा रहा है। हर कोई अस्पताल में भी जान-पहचान निकलाने की कोशिश कर रहे
हैं। इन सब समस्याओं को लेकर पुष्पक टाईम्स के संपादक पी-एल- कटारिया ने गुरुग्राम
शहर की प्रसिद्ध गाइनकोलोजिस्ट डॉ- प्रोमिला मलिक से बातचीत कीः
सवालः मैडम देश में सरकारी अस्पताल में समय पर इलाज क्यों नहीं मिल
पाता? आप तो एम्स में थीं वहां ऑपरेशन की तारीख दो या तीन साल बाद मिलती
है। क्या ये अन्याय नहीं?
जवाबः देश में जिस गति से जनसंख्या बढ़ रही है उतनी गति से स्वास्थ्य
सेवाओं का विस्तार नहीं हो पा रहा है। सरकार को वर्तमान में स्वास्थ्य सेवाओं पर
बजट बढ़ाना चाहिए। सरकार का स्वास्थ्य पर वर्तमान बजट 1-25% है जबकि कनाडा
में सरकार का हेल्थ बजट 11% है और जनसंख्या हमारे से बहुत कम है।
जब बजट ही कम है तो सरकारी अस्पताल पर जनसंख्या का बोझ पड़ता है। साधन सीमित,
डॉक्टर
सीमित तो क्या करे।
सवालः आजकल हर कोई किसी-न-किसी बीमारी का शिकार होता है, ऐसा
क्यों?
जवाबः जिस तरह हम नई गाड़ी खरीदते हैं और समय-समय पर उसकी सर्विस
कराते हैं वैसे ही हमारा शरीर है जिसका हम रूटीन चेकअप नहीं कराते। अगर कोई
छोटी-कमी है, चैकअप के दौरान पता चलती है तो वह तुरंत ठीक हो जाती है और हम स्वस्थ
हो जाते हैं। लेकिन हमें पता तब चलता है जब बीमारी बढ़ जाती है। रूटीन चैकअप की
जिम्मेदारी भी सरकार की होनी चाहिए। रूटीन चेकअप मेें शुगर, ब्लड प्रेशर,
सर्वाइकल,
प्रेग्नेंट
लेडी को रूटीन चेकअप सहित पूरी बॉडी का चेकअप होना चाहिए।
सवालः स्वास्थ्य को लेकर आप क्या संदेश देना चाहेंगी, जिससे
लोगों का स्वाथ्य ठीक रहे?
जवाबः सबसे पहले तो इस भागदौड़ की जिन्दगी में कम से कम सुबह एक घंटा
अपने लिए निकालें जिसमें व्यायाम, योगा, मेडीटेशन पर
विशेष ध्यान दें। माइक्रोसॉफ्रट के मालिक बिल गेट्स ने कहा है कि 12
साल तक बच्चे को मोबाइल से दूर रखो। मोबाइल से आंखें खराब हो रही हैं। लैपटाप गेम
ने बच्चे का स्वास्थ्य बिगाड़ दिया। बच्चों को पार्क में जाना चाहिए कोई खेल खेलना
चाहिए।
कई बार लोग खाने-पीने की चीजें महंगे रेस्टोरेंट से मंगवाते हैं। जो
शहरों में फेमस रेस्टोरेंट हैं और सोचते हैं यह शुद्ध होगा लेकिन इनमें जो तेल काम
में लेते हैं वो आपकेे कई बीमारियों का कारण बनता है। जो तेल ये प्रयोग करते हैं
उस तेल पर विदेशों मेें रोक है।
सवालः आजकल युवतियों को प्रेग्नेंसी कंसीव करने में बड़ी दिक्कत आती
है, युवतियों को शादी के बाद बच्चों के लिए डॉक्टर्स के चक्कर क्यों
काटने पड़ते हैं?
जवाबः आजकल के युवक व युवतियां जंकफूड खाते हैं। जैसे मैदा से बनी
चीजें, चीनी से सम्बंधित मिठाइयां, चाऊमिन, बर्गर, पिज्जा,
मोमोज,
वेज
रोल, बेकरी से बनी चीजें और आधुनिकता की आड़ में आये दिन बाहर कुछ-न-कुछ
खाते रहते हैं। जिससे उनके प्रजनन क्षमता में कमी ही नहीं होती बल्कि वे कई प्रकार
की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।
घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। जंक फूड खाने से युवतियों का
वजन बढ़ जाता है। कई बार ऐसी युवतियां भी आती हैं जो 19 वर्ष हैं और
वजन 90 किलो। अगर आप बाहर का खाना बंद कर दे तो बाकी हद तक समस्याएं कम हो
जाती हैं।
सवालः आपके हिसाब से शादी की उम्र क्या होनी चाहिए बच्चे किस उम्र
में करने चाहिए, युवतियों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
जवाबः युवतियों को कैरियर बनाते ही 25-28 की उम्र तक
शादी कर लेनी चाहिए। व सबसे पहले बच्चे को जन्म देना चिाहए। कई युवतियां अबार्शन व
लेट बच्चे की सोचती हैं जो कि बाद में समस्या का कारण बनता है। समय के हिसाब से
बॉडी में हारमोन चेंज होते रहते हैं और यह जरूरी नहीं कि हर इंसान पर दवाई का समान
असर हो। हर इंसान का शरीर अलग होता है तथा प्रेग्नेंट लेडी को हमेशा योग्य डॉक्टर
से परामर्श करना चाहिए। अब बच्चे पैदा करवाने के लिए दायी के पास नहीं जाना चाहिए।
शिक्षा और स्वास्थ्य हर नागरिक का जन्मसिद्ध अधिकार है। जब हम हर चीज
का टैक्स देते हैं तो सरकार इतने बजट बढ़ाकर उपयुक्त शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं
क्यों नहीं देती ताकि लोगों को मजबूरन प्राइवेट सेक्टर में जाकर अपनी हैसियत से
ज्यादा पैसे नहीं खर्चने पड़े। बाहर के देशों में यह सब सुविधाएं सरकार की तरफ से
उपलब्ध होती हैं।
सवालः डॉक्टर भगवान का रूप कहते हैं लेकिन आजकल ये कहावत सही सी नहीं
लगती। कई बार डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगता है?
जवाबः ये तो मैं नहीं कहूंगी कि डॉ- भगवान का रूप होते हैं लेकिन
डॉक्टर अपने पेशेंट को ठीक करने की पूरी कोशिश करते हैं। 95% डॉक्टर
पूरी मेहनत से काम करते हैं।
सवालः डॉक्टर की लापरवाही पर लोग हिंसा पर क्यों उतर जाते हैं?
जवाबः मैेंने कहा ना कि डॉक्टर हर पेशेंट का अच्छा-से-अच्छा इलाज
करने की कोशिश करते हैं। कोई भी डॉक्टर नहीं चाहेगा कि पेशेंट की मौत हो। डॉक्टर
की भावना को लोग समझ नहीं पाते। डॉक्टर पेशेंट को दवाई देते हैं टैबलेट व इंजेक्शन
के द्वारा लेकिन दवाई किसी पेशेंट पर कितना असर करती है यह पेशेंट के शरीर पर
डिपेंड करता है। कई बार दवाई जल्दी असर करती है कई बार लेट करती है। कई बार ज्यादा
लेट असर करने की वजह से पेशेंट बच नहीं पाता और उसके परिजन डॉक्टर पर आरोप लगा
देते हैं और मारपीट करते हैं। अगर डॉक्टर के साथ आप मारपीट करोगे तो पहले ही देश
में डॉक्टरों की कमी है और नये युवक-युवतियां डॉक्टर बनने से परहेज करेंगे या डॉक्टर बाहर के देशों में जाएंगे।
सवालः मैडम, आप गुरुग्राम की प्रसिद्ध गाइनोलोजिस्ट
हैं। अक्सर सुनने में आता है आपके पास भी वेटिंग चलती है इसका कारण क्या है?
जवाबः मेरा उद्देश्य पैसा कमाना नहीं है। इसलिए मैं कम पेशेंट लेती
हूं। लेकिन जो भी पेशेंट लेती हूं मेरी पूरी कोशिश रहती है कि मैं 100% उनके
साथ न्याय कर पाऊं। उन्हें पूरी तरह से ठीक कर पाऊं। क्योंकि मैं अपने पेशेंट की
लिए कोई चांस नहीं लेती। मैं पेशेंट की मेडिकल के साथ डाइट व हर एक पेशेंट को पूरा
समय देकर ख्याल रखती हूं।
कई बार ब्रान्डेड कम्पनियों की नकल कर मिलावटी चीजें बेचते हैं।
सब्जियों में प्रेस्टी साइड डालते हैं। फलों व सब्जियों को ऑर्गेनिक तरीके से
उगाना चाहिए। हालांकि मैं तो सरकार से निवेदन करती हूं कि खाद्य पदार्थों में
मिलावट के खिलाफ सख्त से सख्त कानून बने तथा इन चीजों को पर नियमित रूप से
छापेमारी होनी चाहिए ताकि लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिले। ये हम सबके हित में
है। इसके अलावा हर कोई ऑफिस व घर की वजह से मानसिक परेशानी में रहता है। दिमाग में
तनाव बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए। हमेशा सकारात्मक सोच होनी चाहिए।
युवतियों को मन में अपने आपको स्वस्थ महसूस करना चाहिए। नकारात्मक
सोच कभी नहीं आने देना चाहिए। इससे बॉडी के सेल्स डैमेज होते हैं। चिन्ता से भी
शुगर होती है। थाईराइड व अन्य बीमारियों से बचने के लिए शुद्ध सरसों का तेल यूज
करना चाहिए। चीनी तो न के बराबर लेना चाहिए। हमेशा हेल्दी डाइट लेें। बाहर का खाना
महीने में एक बार खा सकते हैं। बाकी निरोगी रहना है तो बाहर का बिल्कुल भी न
खायें। कई जरूरी ऑपरेशन रह जाते हैं।
क्या समाज बिना मेडिकल सुविधा के 24 घंटे रह पायेगा? आप अन्दाजा लगाओ एक मारपीट से लाखों लोगों को तकलीफ होती है। कई डॉक्टर विदेशों में चले जाते हैं। पहले बजट कम, सरकारी अस्पताल कम, डॉक्टर कम ऊपर से इनके साथ मारपीट यह हम सबके लिए नुकसानदायक है। सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कुछ समाधान करें। वैसे भी हिंसा कभी भी समाधान नहीं है।