पूंजी व्यय की योजना बनाएं विभाग

2019-11-01 0

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार के सभी विभागों से अगली चार तिमाहियों में अपनी पूंजीगत व्यय की जरूरतों का पूरा खाका तैयार करने को कहा है। वित्त मंत्री ने विभिन्न मंत्रलयों के सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ पूंजीगत व्यय योजना की समीक्षा बैठक के बाद इसकी जानकारी दी। सीतारमण को सावर्जनिक क्षेत्र की गैर-बैंकिंग कंपनियों के प्रमुखों के साथ भी पूंजी व्यय योजना की समीक्षा के लिए बैठक करेंगी। सीतारमण ने कहा, ‘मैंने सभी विभागों से अगली चार तिमाहियों के लिए पूंजी व्यय की उनकी योजना के बारे में जानकारी देने काे कहा है, ताकि स्पष्ट पता चल सके कि पूंजी का व्यय कहां हो रहा है और उनकी जरूरतें क्या हैं। हफ्रते भर के अंदर वे व्यय सचिव के साथ अपनी योजना के साथ आएंगे।’

बैठक के बाद व्यय सचिव गिरीश मुर्मू और सीतारमण ने कहा कि मंत्रलयों, सार्वजनिक उपक्रमों और सरकार की एजेंसियों ने आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों के 60,000 करोड़ रुपये के लंबित भुगतान में से करीब 40,000 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं। शेष रकम में अगर कोई कानूनी अड़चन नहीं होगी तो उसे भी अगले कुछ दिनों में जारी कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा, ‘सरकार को लंबे समय तक भुगतान को रोक कर नहीं रखना चाहिए। यह पैसा उन लोगों के पास जाना चाहिए जो इसका इंतजार कर रहे हैं। यह पैसा जमीनी स्तर पर पहुंचना चाहिए। यह सुनिश्चित करने का विचार है कि वस्तुओं एवं सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं का बकाया नहीं हो।’ कई सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों की शिकायत है कि उनका भुगतान सरकार के विभिन्न विभागों में अटका रहता है।

व्यय सचिव ने आगे कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़े मंत्रलयों ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने पूंजीगत व्यय लक्ष्य को 50 फीसदी हासिल कर लिया है। सरकार का पूंजीगत व्यय सही दिशा में है और हम बजट अनुमान को पूरा करेंगे। वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में 3-39 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय और 2-07 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत संपत्तियों के निर्माण अनुदान में व्यय करने का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि कुल 5-45 लाख करोड़ रुपये में से 2-18 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अगस्त तक कुल पूंजी व्यय 1-36 लाख करोड़ रुपये (पूरे साल के अनुमान का 40-28 फीसदी) रहा और पूंजीगत संपत्तियों के निर्माण के लिए अनुदान मद में 82 हजार करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। बयान के अनुसार, ‘सचिवों और वित्तीय सलाहकारों को पूंजीतग कार्यों पर करीबी नजर रखनी चाहिए और भुगतान समय पर जारी करना सुनिश्चित करना चाहिए ताकि पूंजीगत व्यय के 5-45 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।’ मंत्रियों को मासिक आधार पर पूंजीगत व्यय की निगरानी करने को कहा गया है ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो। सीतारमण ने कहा कि सरकार वित्त वर्ष के अंत तक राजकोषीय घाटे के लक्ष्य तक रहने पर ध्यान देगी और वस्तु एवं सेवा कर के बकाये का 90 फीसदी का भुगतान किया जा चुका है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार भारतीय रिजर्व बैंक और बैंकों के साथ मध्यस्थता भुगतान के मसले को हल करने के लिए बात कर रही है। 



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