शिशु के बेहतर विकास के लिए सही तरीके से मसाज करें

2019-11-01 0

जिस तरह एक गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के बाद अपना पूरा ख्यांल रखना होता है, ठीक उसी प्रकार उस वक्त उसके नवजात बच्चे को भी खास देखभाल की जरूरत होती है। बच्चे की अच्छी सेहत के लिए उसे मां के दूधा के साथ।

जिस तरह एक गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के बाद अपना पूरा ख्याल रखना होता है, ठीक उसी प्रकार उस वक्त उसके नवजात बच्चे को भी खास देखभाल की जरूरत होती है। नवजात शिशु बच्चे की वह अवस्था होती है, जब वह पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर रहता है। यह ऐसा वत्तफ़  होता है, जब बच्चे का शारीरिक व मानसिक होता है। इस दौरान उसे अच्छी देखभाल की आवश्यकता होती है।

नवजात शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। जिसकी वजह से उसे बीमारियों का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में बच्चे की साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, जैसे रोज नहलाना और फिर बच्चे की बेबी ऑयल की मदद से मालिश करना आदि। लेकिन कई बार बच्चे की मालिश  करते वत्तफ़ आप अनजाने में कुछ गलतियां कर देती हैं जिससे बच्चे को नुकसान हो सकता है। इसलिए आइए हम आपको बताते हैं कि आपको बच्चे को नहलाने से लेकर मसाज करते समय किन जरूरी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। 

बच्चे  को रोजाना नहलाना है जरूरी

बच्चे  की अच्छी सेहत के लिए उसे मां के दूध के साथ बच्चे की साफ-सफाई बेहद जरूरी है। बच्चे के कुशल विकास की खातिर आप बच्चे को रोजाना नहलाएं, क्योंकि नवजात बच्चे को संक्रमण और बीमारियों का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, नवजात शिशु बोलने व प्रतिक्रिया देने में असमर्थ होता है, जिसकी वजह से अपनी नैप्पी में ही पेशाब करता है और जिससे उसके शरीर से दुर्गंध भी आती है और बीमारी का खतरा भी बना रहता है। इसलिए जरूरी है कि आप बच्चे को रोजाना एक सुबह या दिन में किसी समय नहलाएं और बेबी ऑयल की मदद से उसकी मालिश करें। लेकिन ध्यान रखें मसाज में कुछ गलतियां न करें। 

नवजात शिशु की मालिश करते वक्त ध्यान रखने योग्यि जरूरी बातेंः

बच्चे की मसाज और नहलाने का समय

हमेशा जब भी आप बच्चे की मालिश करें, तो समय का ध्यान जरूर रखें यानि कि कोशिश करें कि बच्चे को ऐसे समय पर नहलाएं, जब उसे सर्दी पकड़ने का खतरा न हो। यानि खासकर सर्दियों में बच्चे को सुबह के समय जब धूप निकल जाए, तब बच्चे को नहलाना बेहतर होगा। इसके अलावा, बच्चे की मालिश के लिए आप वह समय चुनें, जब बच्चा पूरी तरह आराम कर चुका हो, उसकी नींद पूरी हो चुकी हो। इसके लिए भी दिन का समय बेहतर है क्योंकि उस समय बच्चा लगभग अपनी नींद भी पूरी कर चुका होता है और उसका पेट भी भरा होता है। आप बच्चे को दूसरी या तीसरी बार दूध पिलाने से पहले उसकी मालिश करें। क्योंकि बच्चे को दूध पिलाने के 20-30 मिनट बाद ही मालिश करना उचित माना जाता है।

मालिश के बाद बच्चे को नहलाने की गलती न करें

इस बात का आप खासा ध्यान रखें कि आप बच्चे की मालिश करने के बाद कभी भी बच्चे को नहलाने या फिर ठंडे पानी से नहलाने की गलती न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि मसाज के बाद बच्चे  का शरीर गर्म हो जाता है और मालिश के बाद नहलाने से बच्चा बीमार पड़ सकता है। आप चाहें, तो मालिश के 30-45 मिनट बाद बच्चे  को नहला सकते हैं। लेकिन हमेशा गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें।

जमीन पर बैठकर व कमरे का तापमान सामान्य  रखें

हमेशा बच्चे की मालिश करने से पहले आप जमीन पर कोई चटाई बिछा लें और फिर बच्चे की मसाज शुरू करें। इसके अलावा, कमरे का तापमान सामान्य रखें, जो कि बच्चे के अनूकूल हो और कमरे में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी व हवा आने दें। 

हल्के हाथों से मालिश करें

सबसे जरूरी बात हमेशा याद रखने वाली है कि मसाज हमेशा हल्के हाथों से की जाती हैखासकर कि नवजात शिशु की। इसलिए मालिश करते समय बच्चे के शरीर पर ज्यादा दबाव या रगडें नहीं। बच्चे का शरीर काफी नाजुक व मुलायम होता है उस पर तनाव न डालें। हमेशा हल्के हाथों से मालिश करें और तेल या लोशन बच्चे  की आंख, नाक और मुंह में न जाए, इसका भी ध्यान रखें। यदि बच्चे के मुंह में गलती से मसाज ऑयल या लोशन चला जाता है, तो उसे उल्टी करवा दें। इसके अलावा, आप बच्चे के पूरे शरीर, हाथ-पैरों से लेकर पेट-पीठ और चेहरे की मसाज भी करें।

ब्रेस्ट-फीडिंग के तुरंत बाद मसाज न करें

बच्चे को दूध पिलाने के तुरंत बाद मालिश करने से बच्चे  को अपच और उल्टी हो सकती है। इसके लिए आप 30 मिनट का समय लें। बच्चेे की मालिश सही रूप से करने से उसका विकास तेजी से होता है और उसके शरीर व मांसपेशियों को आराम मिलता है। मालिश से बच्चों के मन में खुशी वाला हार्माेन जारी होने लगता है और बच्चे  का तनाव कम होता है।

मालिश के लिए गुनगुने  तेल का प्रयोग

बच्चे की मालिश करते समय आप एकदम ठंडे तेल के बजाय गुनगुने तेल का इस्तेमाल करें और कोशिश करें कि मसाज करने वाला तेल या लोशन अधिक खुशबूदार न हो। इसके अलावा, जांच-परख करके ही बच्चे की मालिश के लिए तेल

चुनें।



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