अब गैर ऑयल कंपनियां भी खोल सकेंगी पेट्रोल पंप

2019-12-01 0

केंद्र सरकार की तरफ से एक अहम फैसला करते हुए अब गैर ऑयल सेक्टर की कंपनियों को भी पेट्रोल पंप खोलने की इजाजत दे दी है। यद्यपि यह शर्त भी लगाई है कि इन कंपनियों को पांच प्रतिशत पेट्रोल पंप ग्रामीण क्षेत्रें में खोलने होंगे। भारत का पेट्रोलियम सेक्टर अभी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ सेक्टर है और सरकार का यह कदम निजी क्षेत्र की घरेलू कंपनियों के साथ ही विदेशी कंपनियों को भी यहां रिटेल पेट्रोलियम में उतरने का मौका देगा। 2002 में निजी पेट्रोलियम कंपनियों को रिटेल कारोबार में उतरने की इजाजत देने के बाद यह पेट्रोलियम सेक्टर के सुधार की दिशा में सरकार का सबसे बड़ा कदम है।

दरअसल केद्र सरकार का यह फैसला देश में बीपी,टोटल, अरामको जैसी विदेशी पेट्रोलियम कंपनियों के पेट्रोलियम रिटेल सेक्टर में उतरने की राह और आसान कर देगा। ऐसे में मौजूदा नियम के तहत इन कंपनियों को रिटेल सेक्टर में उतरने को लेकर 2000 करोड़ रुपए के निवेश की शर्त को पूरा करने की बाध्यता है। बहरहाल ताजा फैसले के बाद यह बाध्यता समाप्त हो गई है। जिसको लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीईए की बैठक में 23 अक्टूबर को इस बारे में फैसला किया गया। इस फैसले के बारे मे केद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा क 250 करोड़ रुपए की नेटवर्थ वाली निजी क्षेत्र की कंपनियों को इस फैसले के तहत निवेश करने का मौका मिलेगा। इन कंपनियों को पेट्रोल या डीजल या दोनों की मार्केटिंग की अनुमति मिलेगी। इसके साथ ही उन्हें एक कोई और वैकल्पिक ईंधन (सीएनजी, एलएनजी,बायोफ्रयूल या इलेक्ट्रिक वाहन की चार्जिंग स्टेशन) लगाने की शर्त का भी पालन करना होगा। इस समय देश में आईओसी, एचपीसीएल, बीपीसीएल सहित अन्य सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों क पास 65,554 पेट्रोल पंप है। रिलायंस, न्यारा एनर्जी, शेल जैसी निजी देशी-विदेशी कंपनियों को भी लाइसेंस मिला हुआ है बहरहाल इनकी तरफ से मुश्किल से 1400 आउटलेट खोले गए है। हालांकि ब्रिटिश पेट्रोलियम कंपनी बीपी को 3500 पेट्रोल पंप खोलने का लाइसेंस दिया गया था बहरहाल वह एक भी पंप शुरु नहीं कर पाई है। अब बीपी ने रिलायंस के साथ मिलकर 5500 नए पेट्रोल पंप खोने की योजना का खुलासा किया है। वहीं फ्रांस की टोटल कंपनी भी अडानी समूह के साथ पेट्रोल पंप व सीएनजी रिटेल कारोबार में उतरने की मंशा रखती है। 



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