सर्दियों में एक्सरसाइज करते समय कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है

2019-12-10 0

विंटर्स में वर्कऑउट करना आसान नहीं है और अगर इसे सावधानी के साथ न किया जाए, तो आपके लिए परेशानियों का सबब भी बन सकता है। आइए हम आपको बताते हैं कुछ आसान उपाय, जिसकी मदद से आपके लिए विंटर्स में वर्कऑउट करना आसान और सेफ हो जाएगा।

सर्दियों के साथ लोगों में अचानक से ही आलस बढ़ने लगता है। लोगों को सुबह बिस्तर छोड़ने में आलस महसूस होता है। लेकिन, इस सुस्ती को दूर करना महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से इस मौसम में। सर्दियों के मौसम में अगर सुबह उठ कर एक्सरसाइज, व्यायम और योग न करें तो आपके स्वास्थ्य जीवनचर्या पर फर्क पड़ सकता है। साथ ही एक गतिहीन जीवन शैली केवल आपके स्वास्थ्य को खराब करने और अन्य जटिलताओं कारण नहीं बनता बल्कि ये आपको बीमार भी कर सकता है। वहीं इस मौसम में आप वर्कऑउट करते वक्त या वर्कऑउट पर जाने से पहले कुछ चीजों का ख्याल रखना भी जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप वर्कऑउट करते वक्त इन चीजों का ख्याल नहीं रखते तो इस बदलते मौसम में सर्दी-जुखाम और किसी वायरल डिजीज के शिकार भी हो सकते हैं।

पहने गर्म कपड़े-

बाहरी व्यायाम के लिए आपको मौसम पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। आप केवल फैशन के कपड़ों के रूप में वर्कआउट कपड़ों के बारे में नहीं सोच सकते। बेशक, जो भी प्रचलन में है, उसे पहनने की कोशिश करनी चाहिए, लेकिन साथ ही साथ हमें अपने आस-पास की जलवायु परिस्थितियों का भी ख्याल रखना चाहिए। विशेष रूप से हवा है, तो आपको ठंड से बचाने के लिए फुल स्लीव वाले कपड़े पहनना चाहिए। यदि यह आपके आसपास बर्फबारी हो रही है, तो आप पानी प्रतिरोधी यानी कि वॉटर प्रूफ कपड़े पहनें। इस तरह आप अपने आप को एक्सरसाइज या वर्कऑउट करते वक्त भी ठंड या सर्दी से बचा सकते हैं। साथ ही आप सिंथेटिक कपड़े, जैसे कि पॉलीप्रोपाइलीन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, आपके शरीर से पसीने को दूर करती है। पर कॉटन से बचें, क्योंकि ये आपकी त्वचा पर पसीने से गीला होकर चिपका रहता है और इससे आपको और ठंड लग सकती है।

सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें-

सिर्फ इसलिए कि यह ठंड का मौसम है, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको सनबर्न नहीं हो सकता। घर से बाहर निकलते वक्त हमेशा ही सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें। ताकि मौसम की परवाह किए बिना ही आप अपने फेस को धूप से बचा कर रख सकें। इस तरह से सनस्क्रीन का इस्तेमाल करके आपका फेस सनबर्न और टेनिंग से बचा रह सकता है। साथ ही अगर आपकी त्वचा ज्यादा ड्राई है तो आप चेहरे पर मॉश्चराइजर लगा कर भी घर से बाहर निकल सकते हैं। आप यूवीए और यूवीबी किरणों और एक लिप बाम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें सनस्क्रीन भी होता है। साथ ही काले चश्मे से अपनी आंखों को बर्फ और ठंड से बचा सकते हैं।

हर सत्र के बाद आराम करें-

खासकर जब बाहर ठंड हो, तो आपको बॉडी टेंप्रेचर और बाहरी टेंप्रेचर में बहुत फर्क होता है। ऐसे में अगर आप अचानक से बाहर निकल जाएं, तो बॉडी टेंप्रेचर और वातावरण के टेंप्रेचर के बीच वेरीएशन होने से आपके ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित हो सकता है। इससे आपको अचानक ही ब्रेन फ्रीज हो सकता है। इसलिए आप एक सत्र के बाद जिम से बाहर निकलें और कुछ समय के लिए आराम करें। क्योंकि लगातार एक्सरसाइज करने से आपको खींचाव या दर्द महसूस हो सकता है।

खुद को हाइड्रेटेड रखें-

सर्दियों में आपको कम प्यास लग सकती है पर इसका मतलब ये नहीं कि आप पानी न पिएं। मौसम चाहे जो भी हो आप पानी पीते रहें। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप पानी पर्याप्त मात्र में नहीं पीते हैं, तो आप डिहाईड्रेशन हो सकता है। इस डिहाइड्रेशन के कारण आप बीमार पड़ सकते हैं। इसके साथ ही ये आपके कसरत सत्र को प्रभावित कर सकता है और चोट के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। इसलिए वर्कऑउट पर जातेवक्त अपने साथ पानी की एक बोतल जरूर रखें। साथ सर्दियों में भी जूस और सूप पीते रहें, जिससे कि आप हमेशा हाइड्रेटेड रहें।

फ्रॉस्टबाइट और हाइपोथर्मिया के संकेतों को जानें

फ्रॉस्टबाइट शरीर की एक चोट है जो ठंड के कारण होती है। फ्रोस्टबाइट अक्सर आपके गाल, नाक, कान और आपके हाथ-पैरों पर भी हो सकता है। इसके प्रारंभिक संकेतों में सुन्नता महसूस करना और एक चुभने वाली सनसनी शामिल है। यदि आपको फ्रॉस्टबाइट का संदेह है, तो तुरंत ठंड से बाहर निकलें और प्रभावित क्षेत्र को धीरे-धीरे गर्म करें, लेकिन इसे रगड़ें नहीं क्योंकि यह आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। यदि सुन्नता जारी है, तो आपातकालीन देखभाल की तलाश करें। इसी तरह से हाइपोथर्मिया असामान्य रूप से कम शरीर का तापमान के कारण होता है। जब आप ठंडे तापमान के संपर्क में आते हैं, तो आपके शरीर की तुलना में तेजी से गर्मी कम होने लगती है। वहीं ठंड, बारिश के मौसम में व्यायाम करने से हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है। हाइपोथर्मिया के संकेतों और लक्षणों में तीव्र कंपकंपी, पतला भाषण, समन्वय की हानि और थकान शामिल हैं। ऐसे में हाइपोथर्मिया के लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं। 



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