रात में 2 घंटे की गहरी नींद है आपके लिए बेहद जरूरी---

2019-12-10 0


आपकी कुल नींद का लगभग 20% हिस्सा गहरी नींद होना चाहिए। गहरी नींद आपको दिमागी चिंता, तनाव आदि से छुटकारा दिलाती है और दिमाग में भरी ‘फालतू’ की यादों और बातों को भुलाने में मदद करती है।

डॉ. साहब की कलम से...

दुनियाभर में लोग नींद की कमी से जूझ रहे हैं। देर रात तक जागने और जरूरत से कम नींद लेने के कारण लोगों में मानसिक बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। हमारे शरीर और स्वास्थ्य के लिए 24 घंटे में से कम से कम 7-8 घंटे की नींद बहुत जरूरी है। दरअसल हमारा शरीर एक प्रकार की मशीन है, जिसके लिए लगातार काम करना संभव नहीं है। नींद के द्वारा शरीर की मांसपेशियां रिचार्ज होती हैं और दोबारा काम करने के लिए तैयार होती हैं।

आपको रोजाना कितनी नींद लेनी चाहिए, नींद का आपकी सेहत पर क्या प्रभाव पड़ता है और नींद कैसी होनी चाहिए- इन विषयों पर आए दिन वैज्ञानिक शोध होते रहते हैं। इसका कारण यह है कि इन दिनों युवाओं में नींद की कमी एक बड़ी समस्या है।

कितनी गहरी नींद है जरूरी?

आमतौर पर जब हम रात में सोते हैं, तो कुछ समय गहरी नींद में होते हैं, जिसे डीप स्लीप कहा जाता है, और कुछ समय उथली या हल्की नींद में होते हैं, जिसे लाइट स्लीप कहा जाता है। न्यू हेल्थ एडवाइजर पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को रोजाना रात में अपनी कुल नींद का लगभग 20% हिस्सा गहरी नींद लेना चाहिए। लेख के अनुसार वयस्कों के लिए कम से कम 1-5 से 1-8 घंटे (लगभग 2 घंटे) की गहरी नींद बेहद जरूरी है।

गहरी नींद से कम होता है तनाव

डॉ- साहब ने बताया कि गहरी नींद आपको हर तरह के तनाव से छुटकारा दिलाने में बहुत कारगर है। इस रिसर्च के अनुसार अगर आप रात में ठीक ढंग से नहीं सो पाते हैं, तो आपके तनाव की समस्या 30% तक बढ़ सकती है। रिसर्च के अनुसार आप जितना ज्यादा गहरी नींद सोएंगे, उतना ही आपका मस्तिष्क स्वस्थ रहेगा और आप उठने के बाद फ्रेश महसूस करेंगे।

नींद करती है फालतू की बातें भुलाने में मदद

डॉ- साहब ने बताया कि अगर आप रात में गहरी नींद सोते हैं, तो इससे दिनभर में हुई अनावश्यक बातों और घटनाओं को भुलाने में आपको मदद मिलती है। दिमाग के लिए जो चीजें फालतू होती हैं, दिमाग नींद के दौरान उन्हें मस्तिष्क से हटा देता है। इस तरह अगले दिन सोकर उठने के बाद आपके पास सिर्फ उन्हीं जानकारियों और चीजों की याद बचती है, जो आपके लिए जरूरी होती हैं।

क्या कहते हैं डॉ- साहब

डॉ- साहब के अनुसार वयस्कों के लिए 7-9 घंटे की नींद बहुत जरूरी है, जबकि बच्चों के लिए 9 से 11 घंटे सोना जरूरी है। मगर आजकल स्मार्टफोन, टीवी और सोशल मीडिया में बिजी रहने के कारण लोग पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं। इसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा पड़ रहा है। नई उम्र के बच्चे-बच्चियां जब मेरे पास डिप्रेशन, तनाव की समस्या लेकर आते हैं, तो सबसे पहले मैं उनकी नींद के बारे में पूछता हूं। ज्यादातर मामलों में यही सुनने को मिलता है कि वे पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं। दरअसल नींद के दौरान पूरा शरीर एक तरह से रिस्टोर होता है और दिनभर काम कर रहे अंगों को थोड़ा आराम का मौका मिलता है। अगर कोई व्यक्ति कम सोता है, तो उसका दिमाग पूरी तरह रिस्टोर नहीं हो पाता है।’

इसके साथ ही डॉ- साहब ने बताया, ‘लंबे समय तक नींद की कमी से मोटापे, याददाश्त में कमी, देर रात तक जागने वालों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा होता है। नींद आपके सैकड़ों रोगों का एक आसान सा इलाज है। इसलिए नींद से समझौता नहीं करना चाहिए। अगर आपको नींद आने में समस्या हो रही है या कोशिश के बाद भी आपको जल्दी नींद नहीं आती है, तो डॉक्टर से मिलें और उचित सलाह लें, मगर इसे नजरअंदाज न करें।’



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