3 से 7 लाख रुपये सस्ते होंगे जीडीए के फ्लैट, प्लॉट और दुकानें

2020-02-06 0


अधिकारि बताते हैं कि 3 से 7 लाख रुपये संपत्ति का रेट कम हो जाएगा। जिससे पब्लिक को फ्रलैट और दुकान खरीदने में आसानी होगी। साथ ही प्राइवेट बिल्डर से प्रतिस्पर्ध करने की स्थिति में जीडीए आ जाएगा।

रियल एस्टेट की मंदी से प्राइवेट बिल्डर के साथ ही साथ जीडीए भी जूझ रहा है। करीब 1500 करोड़ रुपये की प्रापर्टी बार-बार नीलामी में लगाए जाने के बाद भी नहीं बिक रही है। यही हाल बाकी प्राध्किरण का भी है। लखनऊ विकास प्राध्किरण ने पिछले दिनों हुई बोर्ड बैठक में अपनी संपत्तियों की कीमत को कम किया है। इसी तर्ज पर जीडीए भी अपनी संपत्तियों के रेट को कम करने की तैयारी में लग गया है।

जीडीए वीसी कंचन वर्मा के निर्देश पर सचिव संतोष कुमार राय की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया है। कमिटी में वित्त नियंत्राक सूबेदार सिंह, अपर सचिव सीपी त्रिापाठी, चीपफ इंजीनियर वीएन सिंह, एक्जिक्युटिव इंजिनियर एस.के. सिन्हा, मानवेंद्र सिंह व एसकेएस चैहान के अलावा संपत्ति अनुभाग के सहायक अभियंता मनोज सागर शामिल हैं। कमिटी की पहली बैठक हुई। इसमें संपत्ति का रेट कम किए जाने के प्रस्ताव पर सभी ने सहमति जताई है। अब दिसंबर में होने वाली जीडीए की बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। वहां से स्वीकार होने के बाद संपत्तियों का रेट कम कर दिया जाएगा। अधिकारी बताते हैं कि 3 से 7 लाख रुपये संपत्ति का रेट कम हो जाएगा। जिससे पब्लिक को फ्रलैट और दुकान खरीदने में आसानी होगी। साथ ही प्राइवेट बिल्डर से प्रतिस्पर्ध करने की स्थिति में जीडीए आ जाएगा।

एलडीए ने ऐसे किया है रेट कम

- 15 पफीसदी प्रशासनिक शुल्क नहीं लिया जाएगा

- निर्माण लागत की ब्याज दर 11 पफीसदी से घटाकर 4 फीसदी किया

- पहले साल निर्माण लागत पर कोई ब्याज नहीं लिए जाने का फैसला

इसी के तर्ज पर जीडीए भी अपना प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जीडीए कुछ अन्य पहलुओं पर भी विचार कर रहा है। जिससे रेट को और अधिक कम किया जा सके। साथ ही यह देखा जा रहा है कि इस निर्णय पर कैग कोई आपत्ति न कर सके।

इन कॉलोनियों की संपत्तियों का रेट होगा कम

मधुबन बापूधम आवासीय योजना, इंद्रप्रस्थ आवासीय योजना, कोयल एनक्लेव आवासीय योजना, चंद्रशिला योजना में अनावंटित बहुमंजिला भवनों और अनावंटित व्यावसायिक संपत्तियों के वर्तमान में चल रहे मूल्यों में परिवर्तन करने और विक्रय मूल्य के निर्धरण के लिए कमिटी का गठन किया गया है।

1500 करोड़ रुपये की संपत्ति के बिकने की उम्मीद

अध्किारियों का दावा है कि फ्रलैट और दुकानों के रेट कम होने के बाद लंबे समय से पफंसी हुई 1500 करोड़ रुपये की संपत्तियों की बिकने की पूरी उम्मीद है। इसमें चंद्रशिला और मधुबन बापूधाम आवासीय के अलावा अन्य योजना में 1500 के करीब फ्रलैट और दुकानें शामिल है। इसमें 349 एलआईजी, 1102 एमआईजी और 252 एचआईजी शामिल हैं। इसके अलावा कई योजना में जीडीए की मार्केट में 300 से अध्कि दुकानें भी खाली हैं।

रजिस्ट्री हो चुके भवन पर नहीं होगा लागू

अध्किारी बताते हैं कि जिन फ्रलैट और दुकान की रजिस्ट्री हो चुकी होगी, उस पर घटे हुए रेट को लागू नहीं किया जाएगा। लेकिन यदि किसी की रजिस्ट्री नहीं हुई तो उस पर घटे हुए रेट को लागू किया जा सकता है, क्योंकि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने ऐसा ही पफैसला किया है। पिफलहाल अंतिम पफैसला कमिटी का होगा।



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