20 साल बाद फिर चौंपियन

2018-08-01 0

20 साल बाद फि़र चौंपियन

वर्ल्ड कप फ़ुटबॉल का फ़ाइनल मुकाबला फ्रांस ने जीत लिया। फ्रांस ने एक रोमांचक मुकाबले में क्रोएशिया को 4-2 से हराया। ये 1998 के बाद दूसरा मौका है जब फ्रांस की टीम ने वर्ल्ड कप का खिताब जीतने का करिश्मा दिखाया है। वहीं दूसरी ओर पहली बार फ़ाइनल तक पहुंची क्रोएशियाई टीम का वर्ल्ड कप जीतने का सपना टूट गया। वैसे पूरे मुकाबले में क्रोएशियाई खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर रहा लेकिन अहम मौकों पर वे चूकते रहे।

पोग्बा-एमबापे का कमाल-मैच का पहला गोल क्रोएशिया के मारियो मेंडजुकिच ने 18वें मिनट में आत्मघाती गोल के तौर पर किया। इसके बाद पेरेसिच ने 28वें मिनट में क्रोएशिया को बराबरी दिलाई। हॉफ़ टाइम से पहले 38वें मिनट में वीएआर की मदद से रांस को पेनल्टी मिली जिस पर ग्रीजमैन ने गोल कर फ्रांस को बढ़त दिला दी। मुकाबले के 59वीं मिनट में पॉल पोग्बा ने रांस की ओर से गोल कर अपनी टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।

इसके बाद 65वें मिनट में कैलिएन एमबापे ने चौथा गोल दागकर क्रोएशिया की उम्मीदों को झटका दे दिया।

हालांकि क्रोएशिया की ओर से 69वें मिनट में मारियो मेंडजुकिच ने दूसरा गोल दागकर संघर्ष जारी रखा, लेकिन क्रोएशियाई टीम के लिए यहां से मुकाबले में वापसी कर पाना संभव नहीं रहा।

19 साल के किलियन एमबापे, जो मेसी और रोनाल्डो का ताज श्छीन्य रहे हैं

मॉस्को में खेले गए विश्व कप फ़ाइनल में जब फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से हराया तो उसमें 19 साल के फ़ारवर्ड किलियन एमबापे का गोल भी शामिल था। फ्रांस की तरफ़ से मैच में चौथा गोल करने के साथ ही एमबापे के नाम एक उपलब्धि भी जुड़ गई। वह फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में गोल करने वाले दूसरे टीनेजर बन गए हैं।

उनसे पहले 1958 के विश्व कप फ़ाइनल में पेले ने गोल किया था। उस समय पेले की उम्र 18 साल थी और उस मैच में उनके दो गोलों की मदद से ब्राजील ने स्वीडन को 5-2 से हराया था।

बचपन से ही प्रतिभावान

रूस में हुए इस वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में एमबापे ने चार गोल दागे। वह सबसे ज्यादा गोल करने वाले टॉप तीन खिलाड़ियों में तो शामिल नही हैं, मगर उन्हें फ़ीफ़ा यंग प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट का खिताब मिला है यानी उन्हें विश्व कप का सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी चुना गया है। आज उनकी प्रतिभा और क्षमता का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है, लेकिन किलियन एमबापे बचपन से ही प्रभावित करने वाले शख्स रहे हैं। 20 दिसम्बर 1998 को फ्रांस  की राजधनी पेरिस में जन्मे एमबापे के पिता विल्राइड मूलतरू कैमरून से हैं। वह फ़ु टबॉल कोच हैं और एमबापे के एजेंट भी। एमबापे की मां फ़ाएजा लमारी अल्जीरिया से हैं। वह हैंडबॉल की खिलाड़ी रह चुकी हैं। एमबापे ने अपने करियर की शुरुआत पेरिस के फ़ुटबॉल क्लब एएस बॉन्डी से की थी, जहां पर उनके पिता विल्प्रफ़ाइड भी कोच थे। यहां एमबापे ने एक अन्य कोच एन्टोनिया रिकाडÊ से भी कोचिंग ली थी।

रिकॉर्ड  ने एमबापे की प्रतिभा के बारे में बताया, श्श्उनकी ड्रिबलिंग कमाल की थी और वह बाकियों से काफ़ी तेज भी थे। मैंने यहां पर 15 साल कोख्नचग दी है और इस दौरान मैंने उनसे बेहतर और कोई खिलाड़ी नहीं देखा। पेरिस में तो वैसे तो बहुत सारी प्रतिभाएं हैं, मगर उनके जैसी कोई नहीं, वो सर्वश्रेष्ठ हैं।्य्य

दुनिया हुई मुरीद

एएस बॉन्डी के बाद एमबापे क्लेयरफ़ोन्टेन अकादमी में चले गये थे। बाद में उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें कई फ्रांस क्लबों, रियाल मैड्रिड, चेल्सी, लिवरपूल और मैनचेस्टर सिटी तक ने साइन करने की कोशिश की थी। फ़ुटबॉल क्लबों में उन्हें साइन करने को लेकर किस तरह की होड़ रहती है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया के दूसरे सबसे महंगे एसोसिएशन फ़ुटबॉल ट्रांसफ़र का रिकॉर्ड भी एमबापे के नाम है। इसी साल 135 मिलियन यूरो में उनका ट्रांसफ़र मोनाको से फ्रांसीसी क्लब पैरिस सेंट जर्मन के लिए हुआ था। जर्मनी के पूर्व स्ट्राइकर और मैनेजर जर्गन क्लिन्समन कहते हैं, श्श्अभी तो एमबापे की ओर से और बहुत कुछ आना बाकी है, उन्होंने मार्केट को हिलाकर रख दिया है।्य्य

सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का ताज

33 साल के रोनाल्डो और 31 साल के मेसी को पिछले एक दशक से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है। फ़ु टबॉल के पिछले 10 प्रतिष्ठित बैलन डोर अवॉर्डों का बंटवारा उन्हीं के बीच हुआ है। मगर इंग्लैण्ड के पूर्व डिफ़ेंडर रियो फ़ र्डिनेंड कहते हैं, श्श्लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का ताज रांस के टीनेजर काइलियान एमबापे को सौंप रहे हैं।



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