दक्षिण कोरिया ने दुनिया को क्या-क्या दिया?
दक्षिण कोरिया ने दुनिया को क्या-क्या दिया?
वो साल 1950 का जून महीना था, जब
एक जैसा नाम रखने वाले दो देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ़ खूनी जंग छेड़ दी ओर इसका
नतीजा ये हुआ कि 68 साल बीतने के बावजूद इस जंग के निशान साफ़ देखे जा सकते हैं। तीन साल चले इस यु) में एक
तरफ़ दक्षिण कोरिया था और दूसरी तरफ़ उत्तर कोरिया। दक्षिण के साथ अमरीका खड़ा था
तो उत्तर के साथ चीन और सोवियत संघ। अमरीका और सोवियत संघ के बीच पुरानी दुश्मनी
थी और कोरियाई प्रायद्वीप उनकी लड़ाई का नया मैदान बना।
कैसे की कोरिया ने तरक्की?
27 जुलाई, 1953 को जब यु) खत्म हुआ तो दोनों के बीच
समझौता हुआ। समझौते तहत उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच कोरियन डीमिलिट्राइज्ड जोन
द्धर्क्डऋ बन गई। जंग खत्म हुई, लेकिन तल्खी नहीं। साल 2018
में दोनों देशों के नेताओं ने हाथ मिलाए तो उम्मीद जगी कि दोनों के बीच हालात कुछ
ठीक हो सकते हैं। लकिन यु) के बाद गुजरे 68
साल में दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया में जैसे सब-कुछ बदल चुका है, उत्तर
कोरिया परमाणु हथियारों की वजह से दुनिया से कटा-कटा सा है और दक्षिण कोरिया
दुनिया के सबसे समृ) मुल्कों में गिना जाता है।
लेकिन हमेशा ऐसा नहीं था। गार्डियन के मुताबिक कोरियाई यु) के बाद
दक्षिण कोरिया दुनिया के सबसे गरीब देशों में एक था। 64 डॉलर प्रति
व्यक्ति आय। आर्थिक पैमाने की बात करें तो 1960 में वो कांगो
से भी पीछे था। लेकिन तब से अब तक कोरिया की शक्ल-ओ-सूरत पूरी तरह बदल चुकी है। ये
बात सही है कि उसे पहले अमरीका और फि़र जापान की तरफ़ से बड़े पैमाने पर विदेशी मदद मिली। लेकिन उसकी
मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पार्क-चुंग-ही के तहत दक्षिण कोरिया ने बड़े
कारोबारी समूह खड़े कर आर्थिक तरक्की की सीढ़ियां चढ़ना शुरू किया। इस नीति की वजह से
सैमसंग और एलजी जैसे दक्षिण कोरियाई ब्रांड न सिफ़र् खड़े हुए बल्कि कामयाब भी रहे और अपनी समृि) के 68
साल में दक्षिण कोरिया ने इस दुनिया को काफ़ी कुछ दिया है।
बेहतरीन उत्पाद
दक्षिण कोरिया एक या दो नहीं बल्कि कई प्रोडक्ट सेगमेंट में बढ़िया
क्वालिटी के उत्पाद रखता है। सेलफ़ोन,
कंप्यूटर,
गाड़ियां,
मशीनरी,
कॉस्मेटिक,
रोबोटिक,
एयर-कंडिशनर,किचन
अलायंसेज और प्रोसेस फ़ूड वो सेगमेंट हैं जिनमें दक्षिण कोरियाई कंपनियों का लोहा
माना जाता है।
गाड़ियां बनाने वाली कंपनियों में ह्यूंदे और टेक्नोलॉजी कंपनियों में
सैमसंग-एलजी का पूरी दुनिया लोहा मानती है न सिफ़र् एशिया, बल्कि दक्षिण
कोरिया के कई उत्पाद यूरोप और अमरीका तक जलवा बिखेर रहे हैं।
इंटरनेट की पहुंच और रफ़ तार
सीएनएन के मुताबिक जिस वक्त भारत 3जी और 4जी
के बीच झूल रहा है, दक्षिण कोरिया 5जी पर पहुंच गया है। यहां इंटरनेट की
पहुंच 82-7 है और 79 आबादी की जेब में स्माटफ़र्ोन है। 18 से 24
साल की आबादी की बात करें तो 98 नौजवान स्माटफ़र्ोन रखते हैं। ह्यूंदे
ऐसी कार बनाने के बारे में सोचता है जो फ़ोन से स्टार्ट होती है और सैमसंग कर्व या
मोड़ वाला फ़ोन ओर टीवी पेश करता है।
प्लास्टिक मनी
बैंक ऑफ़ कोरिया के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा क्रेडिट कार्ड का
इस्तेमाल दक्षिण कोरिया में किया जाता है। साल 2011 में अमरीका में
प्रति व्यक्ति 77-9 ट्रांजैक्शन हो रहा था तो दक्षिण कोरिया में 129-7
ट्रांजैक्शन प्रति व्यक्ति। आपको ये जानकर हैरानी हो सकती है कि इस देश में अगर
कोई भी कारोबारी, दुकानदार क्रेडिट कार्ड लेने से मना करता है तो ये गैर-कानूनी है।
यही वजह है कि शॉपिंग के लिए भी दक्षिण कोरिया को काफ़ी पसंद किया जाता है।
पढ़ाई-लिखाई
द- कोरिया न सिफ़र् पढ़ने-लिखने बल्कि काम करने के मामले में भी
दुनिया के कई देशों से आगे है। यहां की 98 आबादी सेकेंड्री एजुकेशन तक पढ़ी है
जबकि 63 कॉलेज तक। दक्षिण कोरिया के कई शहरों की इमारतों में देर तक रोशनी
देखने को मिलती है, जो इस बात का संकेत है कि लोग देर रात तक पढ़ाई-लिखाई में लगे रहते
हैं। इसके अलावा वहां काम करने को लेकर भी दीवानगी है। राजधानी सोल में रहने वाले
लोग काफ़ी कम सोते हैं और एक रिसर्च के मुताबिक उनकी रात की नींद छह घंटे से भी कम
होती है। काम निपटाने के बाद वो लोग पाटÊ करने में भी काफ़ी आगे रहते हैं।
कॉस्मेटिक और प्रयोग
मेकअप और कॉस्मेटिक की बात करें तो दक्षिण कोरिया मेकअप करने के
सामान और उसे लगाने के तौर-तरीकों में भी
नयापन चाहते हैं। साल 2011 में देश के स्रेल क्रीम आई थी जिसे
घोंघे के शरीर से बनाया गया था। इसके अलावा वहां लावा की मिट्टी से बनने वाला
मास्क और फ़रमेंटेड सोयाबीन मॉइश्चराइजर भी बन रहे हैं। और अब वहां हेयर शॉकर का
क्रेज है जिनमें बालों के लिए नियोन टिंट इस्तेमाल किए जाते हैं। असली फ़ूल दिखाने
वाली नेल-पॉलिश भी चलन में है।
गोल्फ का जलवा
साल 2013 में अंग्रेजी प्रकाशन ने लाख टके का सवाल पूछा था-कोरियाई महिलाएं
गोल्फ़ में इतनी अच्छी क्यों होती हैं?
रैंकिंग
भी चौंकाने वाली है। दुनिया की शीर्ष महिला गोल्फ़रों में 38 कोरियाई हैं।
फ्लाइट अटेंडेंट
विमान में जिन लोगों ने सफ़ र किया है, वो जानते होंगे
कि फ्लाइट अटेंडेंट का काम कितना मुश्किल और दिलचस्प होता है। लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि दुनिया भर की
विमान कंपनियां अपने फ्लाइट अटेंडेंट को कोरियाई एयरलाइसं की ट्रेनिंग सेण्टर में
भेजती हैं ताकि वो इसके हुनर और गुर सीख सकें। अगर आप किसी से पूछेंगे कि कोरिया
में उनका सफ़र कैसा रहा तो उनका जवाब बता देगा कि वो कितने संतुष्ट रहे।
प्लास्टिक सर्जरी
बेहतरीन जबड़ा, चौड़ा
माथा या फि़र लम्बे दांत, ऐसा कोई फ़ीचर नहीं जो दक्षिण कोरिया
की राजधानी में कॉस्मेटिक सर्जरी के जरिए डॉक्टर दुरुस्त न कर सकें। रूसी, चीनी,
मलेशियाई
और जापानी प्लास्टिक सर्जरी मेडिकल टूरिज्म के लिए यहां पहुंचते हैं।