पाकिस्तान से भारत के रिश्ते

2018-07-01 0

उत्तर कोरिया में जुल्फिकार अली भुट्टो से बेनजीर भुट्टो का दौरा हुआ है। सपरा कहते हैं कि इनके बड़े करीब के सम्बंध थे। जब पाकिस्तानी नेता चीन जाते थे तो उत्तर कोरिया भी चले जाते थे। 

सपरा ने कहा , ‘‘1998 में भारत ने जब परमाणु परीक्षण किया था तो मैं वहीं था। उत्तर कोरिया पहला देश था जिसने भारत के इस कदम का समर्थन किया था। उत्तर कोरिया ने कहा था कि भारत को इसकी जरूरत थी। उत्तर कोरिया का रुख यह था कि अगर चीन के पास परमाणु बम है तो भारत के पास परमाणु बम क्यों नहीं होना चाहिए?’’

उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम में पाकिस्तान की भूमिका पर वैजयंती राघवन कहती हैं, ‘‘उत्तर कोरिया के परमाणु प्रोग्राम मेें पाकिस्तान से काफी मदद मिली है। बेनजीर भुट्टो की सरकार में एक्यू खान के जरिए उत्तर कोरिया को मदद पहुंचाई गई है। उत्तर कोरिया को पाकिस्तान से रिएक्टर मिले हैं और पाकिस्तान को उत्तर कोरिया से मिसाइल टेक्नोलॉजी मिली है।’’

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राघवन ने कहा, ‘‘पाकिस्तान को गौरी मिसाइल की टेक्नोलॉजी उत्तर कोरिया से ही मिली है। पाकिस्तान और उत्तर कोरिया में जो कुछ हो रहा था उससे चीन बेखबर नहीं था। लेकिन उसने नजरअंदाज किया। बेनजीर भुट्टो और उनके पिता उत्तर कोरिया की यात्रा पर जा चुके हैं। ’’ 

जब रेक्स टिलरसन अमरीका के विदेशमंत्री थे तो उन्होंने भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से उत्तर कोरिया के साथ राजनयिक सम्बंध खत्म करने को कहा था, लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया था। अब जब अमरीका से उत्तर कोरिया बातचीत करने को राजी हो गया है ऐसे में भारत ने मौके को भांपते हुए वीके सिंह को भेजने का फैसला किया।

उत्तर कोरिया दुनिया के उन देशों में है जहां कोई भारतीय राजनयिक जाने को तैयार नहीं होता। सपरा भी इस बात को स्वीकार करते हैं कोई वहां राजदूत बनकर नहीं जाना चाहता। नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद जानी-मानी चीनी अनुवादक जमिंदर कस्तूरिया को प्योंगयांग में भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया था और वीके सिंह के दौरे में कस्तूरिया पूरी सक्रियता के साथ रहीं।


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